प्रश्नावली

1. निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य सही है-
संविधान में समय-समय पर संशोधन करना आवश्यक होता है क्योंकि (क) परिस्थितियाँ बदलने पर संविधान में उचित संशोधन करना आवश्यक
उत्तरः

(ख) किसी समय विशेष में लिखा गया दस्तावेज़ कुछ समय पश्चात् अप्रासंगिक हो जाता है। जाता है।
उत्तरः (ग) हर पीढ़ी के पास अपनी पसंद का संविधान चुनने का विकल्प होना चाहिए।
उत्तरः

(घ) संविधान में मौजूदा सरकार का राजनीतिक दर्शन प्रतिबिंबित होना चाहिए।
उत्तरः 2. निम्नलिखित वाक्यों के सामने सही/गलत का निशान लगाएँ। (क) राष्ट्रपति किसी संशोधन विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए नहीं भेज सकता।
उत्तरः (ख) संविधान में संशोधन करने का अधिकार केवल जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के पास ही होता है।
उत्तरः (ग) न्यायपालिका संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव नहीं ला सकती परंतु उसे संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है। व्याख्या के द्वारा वह संविधान को काफी हद तक बदल सकती है।
उत्तरः (घ) संसद संविधान के किसी भी खंड में संशोधन कर सकती है।
उत्तरः 3. निम्नलिखित में से कौन भारतीय संविधान की संशोधन प्रक्रिया में भूमिका निभाते हैं? इस प्रक्रिया में ये कैसे शामिल होते हैं? (क) मतदाता (ख) भारत का राष्ट्रपति (ग) राज्य की विधान सभाएँ (घ) संसद
(ङ) राज्यपाल
(च) न्यायपालिका
उत्तरः 4. इस अध्याय में आपने पढ़ा कि संविधान का 42वाँ संशोधन अब तक का सबसे विवादास्पद संशोधन रहा है। इस विवाद के क्या कारण थे? (क) यह संशोधन राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान किया गया था। आपातकाल की घोषणा अपने आप में ही एक विवाद का मुद्दा था।
उत्तरः
(ख) यह संशोधन विशेष बहुमत पर आधारित नहीं था।
उत्तरः
(ग) इसे राज्य विधानपालिकाओं का समर्थन प्राप्त नहीं था।
उत्तरः
(घ) संशोधन के कुछ उपबंध विवादास्पद थे।
उत्तरः 5. निम्नलिखित वाक्यों में कौन-सा वाक्य विभिन्न संशोधनों के संबंध में विधायिका और न्यायपालिका के टकराव की सही व्याख्या नहीं करता- (क) संविधान की कई तरह से व्याख्या की जा सकती है।
उत्तरः
(ख) खंडन-मंडन/बहस और मतभेद लोकतंत्र के अनिवार्य अंग होते हैं।
उत्तरः

(ग) कुछ नियमों और सिद्धांतों को संविधान में अपेक्षाकृत ज्यादा महत्त्व दिया गया है। कतिपय संशोधनों के लिए संविधान में विशेष बहुमत की व्याख्या की गई है।
उत्तरः

(घ) नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी विधायिका को नहीं सौंपी जा सकती।
उत्तरः
(ङ) न्यायपालिका केवल किसी कानून की संवैधानिकता के बारे में फ़ैसला दे सकती है। वह ऐसे कानूनों की वांछनीयता से जुड़ी राजनीतिक बहसों का निपटारा नहीं कर सकती।
उत्तरः 6. बुनियादी ढाँचे के सिद्धांत के बारे में सही वाक्य को चिन्हित करें। गलत वाक्य को सही करें।
(क) संविधान में बुनियादी मान्यताओं का खुलासा किया गया है।
उत्तरः

(ख) बुनियादी ढाँचे को छोड़कर विधायिका संविधान के सभी हिस्सों में संशोधन कर सकती है।
उत्तरः
(ग) न्यायपालिका ने संविधान के उन पहलुओं को स्पष्ट कर दिया है जिन्हें बुनियादी ढाँचे के अंतर्गत या उसके बाहर रखा जा सकता है।
उत्तरः
(घ) यह सिद्धांत सबसे पहले केशवानंद भारती मामले में प्रतिपादित किया गया है।
उत्तरः

(ङ) इस सिद्धांत से न्यायपालिका की शक्तियाँ बढ़ी हैं। सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी बुनियादी ढाँचे के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया है।
उत्तरः 7. सन् 2000-2003 के बीच संविधान में अनेक संशोधन किए गए। इस जानकारी के आधार पर आप निम्नलिखित में से कौन-सा निष्कर्ष निकालेंगे- (क) इस काल के दौरान किए गए संशोधनों में न्यायपालिका ने कोई ठोस हस्तक्षेप नहीं किया।
उत्तरः (ख) इस काल के दौरान एक राजनीतिक दल के पास विशेष बहुमत था।
उत्तरः

(ग) कतिपय संशोधनों के पीछे जनता का दबाव काम कर रहा था।
उत्तरः (घ) इस काल में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच कोई वास्तविक अंतर नहीं रह गया था।
उत्तरः (ङ) ये संशोधन विवादास्पद नहीं थे तथा संशोधनों के विषय को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति पैदा हो चुकी थी।
उत्तरः 8. संविधान में संशोधन करने के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता क्यों पड़ती है? व्याख्या करें।
उत्तरः 9. भारतीय संविधान में अनेक संशोधन न्यायपालिका और संसद की अलग-अलग व्याख्याओं का परिणाम रहे हैं। उदाहरण सहित व्याख्या करें।
उत्तरः 10. अगर संशोधन की शक्ति जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों के पास होती है तो 10. अगर न्यायपालिका को संशोधन की वैधता पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। क्या आप इस बात से सहमत हैं? 100 शब्दों में व्याख्या करें।
उत्तरः




Type- Dimpi Bora