प्रश्नावली

1. नीचे कुछ कानून दिए गए हैं। क्या इनका संबंध किसी मूल्य से है? यदि हाँ, तो वह अंतर्निहित मूल्य क्या है? कारण बताएँ। (क) पुत्र और पुत्री दोनों का परिवार की संपत्ति में हिस्सा होगा।
उत्तरः (ख) अलग-अलग उपभोक्ता वस्तुओं के बिक्री कर का सीमांकन अलग-अलग होगा।
उत्तरः (ग) किसी भी सरकारी विद्यालय में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी।
उत्तरः (घ) 'बेगार' अथवा बंधुआ मजदूरी नहीं कराई जा सकती।
उत्तरः

2. नीचे कुछ विकल्प दिए जा रहे हैं। बताएँ कि इसमें किसका इस्तेमाल निम्नलिखित कथन को पूरा करने में नहीं किया जा सकता? लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत" (क) सरकार की शक्तियों पर अंकुश रखने के लिए होती है।
उत्तरः (ख) अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से सुरक्षा देने के लिए होती है।
उत्तरः (ग) औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता अर्जित करने के लिए होती है।
उत्तरः

(घ) यह सुनिश्चित करने के लिए होती है कि क्षणिक आवेग में दूरगामी के लक्ष्यों से कहीं विचलित न हो जाएँ।
उत्तरः (ङ) शांतिपूर्ण ढंग से सामाजिक बदलाव लाने के लिए होती है।
उत्तरः 3. संविधान सभा की बहसों को पढ़ने और समझने के बारे में नीचे कुछ कथन दिए गए हैं -(अ) इनमें से कौन-सा कथन इस बात की दलील है कि संविधान सभा - की बहसें आज भी प्रासंगिक हैं? कौन-सा कथन यह तर्क प्रस्तुत करता है कि 157 बहसें प्रासंगिक नहीं हैं। (ब) इनमें से किस पक्ष का आप समर्थन करेंगे और क्यों? (क) आम जनता अपनी जीविका कमाने और जीवन की विभिन्न परेशानियों निपटारे में व्यस्त होती हैं। आम जनता इन बहसों की कानूनी भाषा को नहीं समझ सकती।
उत्तरः (ख) आज की स्थितियाँ और चुनौतियाँ संविधान बनाने के वक्त की चुनौतियों और स्थितियों से अलग हैं। संविधान निर्माताओं के विचारों को पढ़ना और अपने नए जमाने में इस्तेमाल करना दरअसल अतीत को वर्तमान में खींच लाना है।
उत्तरः (ग) संसार और मौजूदा चुनौतियों को समझने की हमारी दृष्टि पूर्णतया नहीं बदली है। संविधान सभा की बहसों से हमें यह समझने के तर्क मिल सकते हैं कि कुछ संवैधानिक व्यवहार क्यों महत्त्वपूर्ण हैं। एक ऐसे समय में जब संवैधानिक व्यवहारों को चुनौती दी जा रही है, इन तर्कों को न जानना संवैधानिक व्यवहारों को नष्ट कर सकता है।
उत्तरः 4. निम्नलिखित प्रसंगों के आलोक में भारतीय सविधान और पश्चिमी अवधारणा में अंतर स्पष्ट करें - (क) धर्मनिरपेक्षता की समझ

(ख) अनुच्छेद 370 और 371 (ग) सकारात्मक कार्य-योजना या अफरमेटिव एक्शन (घ) सार्वभौम वयस्क मताधिकार
उत्तरः

5. निम्नलिखित में धर्मनिरपेक्षता का कौन-सा सिद्धांत भारत के संविधान में अपनाया गया है?

(क) राज्य का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। (ख) राज्य का धर्म से नजदीकी रिश्ता है। (ग) राज्य धर्मों के बीच भेदभाव कर सकता है। (घ) राज्य धार्मिक समूहों के अधिकार को मान्यता देगा।

(ङ) राज्य को धर्म के मामलों में हस्तक्षेप करने की सीमित शक्ति होगी।
उत्तरः 6. निम्नलिखित कथनों को सुमेलित करें - (क) विधवाओं के साथ किए जाने वाले बरताव की आलोचना की आज़ादी। (ख) संविधान-सभा में फ़ैसलों का स्वार्थ के आधार पर नहीं बल्कि तर्कबुद्धि के आधार पर लिया जाना। (ग) व्यक्ति के जीवन में समुदाय के महत्त्व को स्वीकार करना। (घ) अनुच्छेद 370 और 371 (ङ) महिलाओं और बच्चों को परिवार की संपत्ति में असमान अधिकार।

आधारभूत महत्व की उपलब्धि

प्रक्रियागत उपलब्धि

लैंगिक न्याय की उपेक्षा उदारवादी व्यक्तिवाद धर्म-विशेष की ज़रूरतों के प्रति ध्यान देना 7. यह चर्चा एक कक्षा में चल रही थी। विभिन्न तर्कों को पढ़ें और बताएँ कि आप इनमें किस से सहमत हैं और क्यों? जयेश - मैं अब भी मानता हूँ कि हमारा संविधान एक उधार का दस्तावेज़ है।

सबा • क्या तुम यह कहना चाहते हो कि इसमें भारतीय कहने जैसा कुछ है ही नहीं? क्या मूल्यों और विचारों पर हम 'भारतीय' अथवा 'पश्चिमी' जैसा लेबल चिपका सकते हैं? महिलाओं और पुरुषों की समानता का ही मामला लो। इसमें 'पश्चिमी' कहने जैसा क्या है? और, अगर ऐसा है भी तो क्या हम इसे महज पश्चिमी होने के कारण खारिज कर दें? जयेश - मेरे कहने का मतलब यह है कि अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ने बाद क्या हमने उनकी संसदीय शासन की व्यवस्था नहीं अपनाई?

नेहा तुम यह भूल जाते हो कि जब हम अंग्रेजों से लड़ रहे थे तो हम सिर्फ 4 अंग्रेजों के खिलाफ़ थे। अब इस बात का शासन की जो व्यवस्था हम चाहते. थे उसको अपनाने से कोई लेना-देना नहीं, चाहे यह जहाँ से भी आई हो।

8. ऐसा क्यों कहा जाता है कि भारतीय संविधान को बनाने की प्रक्रिया प्रतिनिधिमूलक नहीं थी? क्या इस कारण हा संविधान प्रतिनिध्यात्मक नहीं रह जाता? अपने उत्तर के कारण बताएँ ।
उत्तरः 9. भारतीय संविधान की एक सीमा यह है कि इसमें लैंगिक-न्याय पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। आप इस आरोप की पुष्टि में कौन-से प्रमाण देंगे। यदि आज आप संविधान लिख रहे होते, तो इस कमी को दूर करने के लिए उपाय के रूप में किन प्रावधानों की सिफारिश करते?
उत्तरः 10. क्या आप इस कथन से सहमत हैं कि 'एक गरीब और विकासशील देश में - कुछ एक बुनियादी सामाजिक-आर्थिक अधिकार मौलिक अधिकारों की केंद्रीय विशेषता के रूप में दर्ज करने के बजाए राज्य की नीति-निर्देशक तत्त्वों वाले खंड में क्यों रख दिए गए यह स्पष्ट नहीं है।' आपके जानते सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को नीति-निर्देशक तत्त्व वाले खंड में रखने के क्या कारण रहे होंगे?
उत्तरः 11. आपके विद्यालय ने 26 नवंबर को संविधान दिवस कैसे मनाया?
उत्तरः




Type- Dimpi Bora