Lesson: 11

(हमारे उत्सव)

1. उत्तर पूर्वांचल उत्सवों की रम्यभूमि है। स्पष्ट करो।

उत्तर: उत्तर पूर्वांचल उत्सव की रम्यभूमि है। क्योंकि यहाँ के हर एक राज्य में हिंदी उत्सव तरीके से मनाए जाते हैं। अपने-अपने राज्य के लोग अपने-अपने तौर तरीकों से उत्सवों को मनाते हैं। जैसे असम में बिहू, मेघालय में नंक्रेम, मणिपुर में कृष्ण जन्म उत्सव, अरुणाचल में लोचार, नागालैण्ड में श्विकेनपी, त्रिपुरा में खाराच्चि उत्सव, तो मिजोरम में कूट उत्सव को मनाया जाता है। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि उत्तर पूर्वांचल उत्सवों की मिलनभूमि है।

2. प्रश्नों के उत्तर दो:

(क) बिहू कितने प्रकार के हैं? उसके नाम लिखो।

उत्तर: बिहू तीन प्रकार के हैं। जैसे बहाग बिहू (रंगाली), काति बिहू (कंगाली) और माघ बिहू (भोगाली)।

(ख) मेघालय में किन संप्रदायों के लोग रहते हैं?

उत्तर: मेघालय में खासी, जयंतीया, गारो आदि संप्रदायों के लोग रहते हैं।

(ग) 'नंक्रेम' उत्सव को खासी लोग कैसे मनाते हैं?

उत्तर: खासी लोग 'नंक्रेम' उत्सव को पाँच दिनों तक मनाते हैं। इस उत्सव के पहले दिन ढोल और डबा बजाते हुए उत्सव का प्रारंभ किया जाता है। दूसरे दिन नृत्य के द्वारा देवी की आराधना की जाती है। तीसरे दिन देवी के लिए बकरी की बलि चढ़ायी जाती है। चौथे दिन स्त्रियांँ नृत्य करती है तथा पांँचवे दिन पूरी रात अपने उपास्य की उपासना करके उत्सव की समाप्ति करती है।

(घ) मणिपुरी लोगों के उत्सव खासकर किस धर्म से प्रभावित है? उन लोगों के प्रसिद्ध नृत्य क्या-क्या है?

उत्तर: मणिपुरी लोगों के उत्सव खासकर वैष्णव धर्म से प्रभावित है।

मणिपुरी लोगों के थावल चोंगवा और लाय हराओवा यह दो नित्य विश्व प्रसिद्ध है।

(ङ) 'लोचार' उत्सव कहांँ मनाया जाता है? इस जनजाति के लोग किस से मनाते हैं?

उत्तर: 'लोचार' जब अरुणाचल में मनाया जाता है।

     'मोनपा' और 'श्वेरदुकपेन' जनजाति के लोग इस उत्सव को मनाते हैं।

(च) 'खाराच्चि' उत्सव को कौन मनाते हैं? इसे कब और क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: 'खाराच्चि' उत्सव त्रिपुरा के लोग मनाते हैं।

        इसे आषाढ़ महीने में मनाया जाता है। क्योंकि यह उत्सव चतुर्दश देवता को लेकर मनाया जाता है, जो त्रिपुरा के स्वाधीनत शासक वर्ग थे। क्योंकि यह उत्सव सात दिनों तक चलता है इस  कारण इसे 'खाराच्चि पूजा' कहा जाता है।

3. रेखा के स्वर मिलाओ:

उत्तर:

मणिपुर    -   लाय हराओवा

अरुणाचल   -    फांग हराओवा 

मिजोरम    -    कूट

त्रिपुरा      -   डमरु मेला

मेघालय    -   नंक्रेम

नागालैण्ड   -   गोभी

असम   -   बिहू


4. तालिका की पूर्ति करो:

उत्तर:

आंचलिक उत्सव:

(i) कूट

(ii)नंक्रेम

(iii) वनविहार मेला

(iv)रंचुमाला


देशीय उत्सव:

(i) दुर्गा पूजा

(ii) होली

(iii) कृष्ण जन्माष्टमी

(iv) रक्षाबंधन

अंतर्राष्ट्रीय उत्सव:

(i) ईद

(ii) क्रिसमस

(iii) दीपावली

(iv) पर्यावरण दिवस


5. वाक्य बनाओ:

उत्तर:

(i) संम्बन्ध: रमेश के साथ श्याम का घनिष्ठ संम्बन्ध है।

(ii) प्रसिद्ध: कामाख्या मंदिर भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है।

(iii) संप्रदाय: असम में कई सारे संप्रदायों के लोग प्यार से रहते हैं।

(iv) तरह: मैं ने उसे अच्छे से बता दिया कि किस तरह उस काम को करना है।

(v) प्राचीन: कुंभ का मेला प्राचीन काल से चला आ रहा है।

(vi) आराधना: हमें हमेशा ईश्वर की आराधना करनी चाहिए।

6. पूर्वांचल राज्यों के राजधानी तथा उनकी मातृभाषाओं कि एक तालिका प्रस्तुत करो।

उत्तर:

(राज्य)       (राजधानी)    (मातृभाषा)

असम    -      दिसपुर    -     असमिया

मेघालय   -    शिलांग -    खासी, गारो

अरुणाचल  - इटानगर  -   अरुणाचली

मिजोरम    -  आइजाल  -   मिजो

त्रिपुरा        -  अगरतला  -   बंगाली

मणिपुर      -   इम्फल    -   मणिपुरी

नागालैण्ड   -   कोहिमा   -    नगा


Reetesh Das

M.A in Hindi