बालकों की प्रार्थना


अभ्यास


1. खाली स्थान भरो-

(क) घर्मसेवा, जातिसेवा देशसेवा हम करें।

(ख) हो हमारा ध्यान तेरे चरणों में प्यारे प्रभु।


2. वाक्य बनाओ-

स्वीकार- हम किसी भी बस्तु को खाने के लिए स्वीकार न करना चाहिए। 

 धर्म- भारन देश में भिन भिन धर्म होते हैं। 

 ध्यान- हम किताप ध्यान से पड़ना चाहिए। 

 कृपा- हम भगवान को प्राथना करु कि बुद्धि, विद्या, शीलगुण, गौरव कृपा कर दीजिये । 


3. यह कविता याद करो।


4. पढ़ो और समझो-

द् + य = द्य         विद्या, विद्यालय

स् + व = स्व        स्वीकार, स्वामी

प + र् = प्र           प्रार्थना

द + ध् = द्ध        वृद्धि, प्रसिद्ध, विरुद्ध

प् + य - प्य        प्यारा, प्यास

ध् + य - ध्य        ध्यान, मध्य

र् + म - र्म         धर्म, कर्म


हिरक ज्योति बरा।

Madhushmita Hazarika 





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