पाठ 17
चन्दा मामा
1. कविता को याद करो और सुनाओ।
2. खाली स्थान भरो-
(क) प्रतिदिन जाता में पाठशाला,
नहीं कभी मैं रोता हूँ।
(ख) पाठ सुना कर कोई अच्छा,
तुम्हारा मन बहलाऊँगा।
3. वाक्य बनाओ-
मुँह - अपना मुँह चमकाते हो।
चमकना - रात की आकाश में तारा चमकना हैं।
पाठशाला - में प्रतिदिन पाठशाला जाता हुँ।
जाना - जहां एक आदमी को जाना होता है, पांच दौड़ते हैं।
पास - रीना रीता के पास गेया है।
आना - रीता ने उसके माँ के लिये एक आम आना।
4. पढ़ो और समझो -
त् + य = त्य नित्य, त्योहार
म् + ह = म्ह कुम्हार, तुम्हारा
न् + द = न्द चन्दा, बन्दर
Madhushmita Hazarika.