Chapter 3

देव (सवैया)


1. कवि ने 'श्रीब्रजदूलह' किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है?

उत्तरः कवि ने श्रीब्रजदुलह श्रीकृष्ण के लिए प्रयुक्त किया है। उन्हें संसार रुपी मंदिर का दीपक कहा हैं क्योंकि- जैसे दीपक पुरे मंदिर को उजाला करके रखता हैं, वैसे ही श्रीकृष्ण पुरे ब्रिज को उजाला करके रखता हैं। पुरे ब्रिज को खुशी में रखता हैं।


2. पहले सवैये में से उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए जिनमें अनुप्रास और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है?

उत्तरः जिस पंक्ति में अनुप्रास और रुपक अलंकार का प्रयोग हुआ हैं वह पंक्तिया नीचे दिए गये हैं-

पाँयनि नूपुर मंजु बजैं, कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई।

साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई।


3. निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-साैंदर्य स्पष्ट कीजिए-

पाँयनि नूपुर मंजु बजैं, कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई।

साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई।

उत्तरः पाँयनि नूपुर मंजु बजैं, कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई।

          साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई।

इन पंक्तियों के काव्य-सौंदर्य नीचे दिया गया हैं-

पायल, नुपुर, और मंजिरा के आवाज एक जैसा लगता हैं, और किंकिनि की धुन बहुत मधुर लगता हैं।

कृष्ण साँवरे रंग के हैं, इस रंग में कृष्ण को बहुत अच्छा लगता हैं।


4. दूसरे कवित्त के आधार पर स्पष्ट करें कि ऋतुराज वसंत के बाल-रूप का वर्णन परंपरागत वसंत वर्णन से किस प्रकार भिन्न है।

उत्तरः दूसरे कवियों द्वारा ऋतुराज वसंत को कामदेव मानने की परंपरा रही है परन्तु देवदत्त जी ने ऋतुराज वसंत को इस परंपरा से भिन्न एक बालक के रुप में चित्रित किया है। वसंत ऋतु को यौवन का ऋतु माना जाता है। कविगण इसके यौवन की मादकता और प्रखरता से भरपूर होने के कारण इसको मादक रुप में चित्रित करते हैं।


5. 'प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै' -इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै इस पंक्ति का भाव नीचे स्पष्ट कीजिए। 


6. चाँदनी रात की सुंदरता को कवि ने किन-किन रूपों में देखा है?

उत्तरः चाँदनी रात की सुंदरता को कवि ने जिन रुपों में देखा है उन्हें नीचे उल्लेख किया गया हैं

(क)आकाश में स्फटिक शिलाओं से बने मंदिर के रूप में।

(ख)दही से छलकते समुद्र के रूप में।

(ग) दूध की झाग से बने फर्श के रूप में।

(घ) स्वच्छ, शुभ्र दर्पण के रूप में


7. 'प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद'-इस पंक्ति का भाव स्पष्ट करते हुए बताएँ कि इसमें कौन-सा अलंकार है?

उत्तरः प्यारी गाधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद- इस पंक्ति का भाव यह हैं कि

राधिका सौ चांदो के बराबर सुंदर हैं। वह बहुत सुदंर हैं। और इस पंक्ति में उपमा अलंकार का प्रयोग हुआ हैं।


8. तीसरे कवित्त के आधार पर बताइए कि कवि ने चाँदनी रात की उज्ज्वलता का वर्णन करने के लिए किन-किन उपमानों का प्रयोग किया है?

उत्तरः कवि ने चाँदनी रात की उज्जवलता का वर्णन करने के लिए जिन उपमानों का प्रयोग किया है वह नीचे दिए गये हैं।


9. पठित कविताओं के आधार पर कवि देव की काव्यगत विशेषताएँ बताइए।

उत्तरः देवदत्त की काव्यगत विशेषताओं में उनकी भाषा का महत्वपूर्ण स्थान है। उनकी भाषा बेहद मंजी हुई, कोमलता व माधुर्य गुण से ओत-प्रोत है। अपने इन गुणों के कारण ही वे ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि कहे जाते हैं। उनके काव्यों की भाषा में अनुप्रास अलंकार का विशेष स्थान है।


Question Type By- Mayur Rani Kashyap 



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