Chapter- 2

मेरे संग की औरतें



1. लेखिका ने आपनी नानी काे कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्याें प्रभावित थीं? 

उत्तर: लेखिका ने अपनी नानी को कभी नहीं देखा मगर फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे प्रभावित थी क्योंकि उन्होंने अपनी नानी की कहानी सुनी।


2. लेखिका कि नानी की आजादी के आंदाेलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?

उत्तर: लेखिका कि नानी की आजादी के आंदोलन में लेखिका की नानी ने कहा मुझें ऐसा दामाद चाहिए जो आजादी का सिपाही हों।


3. लेखिका कि माँ परंपरा का निर्बाह न करते हुए भी सबके दिलैं पर राज करती थी। इस कथन के आलाेक मे-

    (क) लेखिका की माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर: लेखिका की माँ दुबली-पतली, थी, वह सत्यवादी, ईमानदार, आज़ादी के प्रति जूनूनवाली महिला थी।

    (ख) लेखिका कि दादी के घर के माहाैल का शब्द-चित्र अंकित काजिए।

उत्तर:  लेखिका की दादी के घर का माहौल स्वतंत्रता से परिपूर्ण था। वे अपनी बहुओं व बेटियों पर ताना या उलाहना नहीं देती थीं। उनका घर परिवार की दृष्टि से काफी बड़ा था। उनकी एक परदादी भी थीं।


4. आप आपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी न पताेहु कि लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा हाेने की मन्नत क्यों माँगी?

उत्तर: आप आपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी न पताेहु कि लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा हाेने की मन्नत माँगी क्योंकि -- परदादी चाहती थी कि हर औरत को समान अधिकार मिले।


5. ड़राने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी काे भी सही राह पर लाया जा सकता है-पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर:  ड़राने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी काे भी सही राह पर लाया जा सकता है। जैसें अगर कोई गलती करें तो हमें उसे डराना नहीं चाहिए, अगर हम किसीको डराऐंगे तो वह उस काम को बार बार करेगा। इसके ्लावा हम अगर उसे समझाए तो वह उस काम को दोबारा न करें।

6. 'शिक्षा बच्चाें का जन्मसिद्ध अधिकार है'-इस दिशा में लेखिका के प्रयासाें का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है, जब उनके दो बच्चे स्कूल जाने लायक हो गये तब वह कर्नातक के एक छोटे से कस्वे में रहती थी। 


7. पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानाें काे अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता हे?

उत्तर: जीवन में अपने माँ, पिता, और जो आपको सम्मान दे उन लोंगो को क्षद्धा भाव से देखना चाहिए उनके अलावा जिन लोंगो के कारण आज हम स्वतंत्र हैं, जिन लोगों ने हमको सुरक्षा देने के लिए दिन-रात पेहरा दे रहे हैं।

8. 'सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है'- इस कथन के आधार पर लेखिका कि बहन एबं लेखिका के व्यक्तित्व के वारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर: सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है, क्योंकि हम जो काम अकेले रहकर कर सकते वह काम किसीके साथ रहकर नही कर सकते , हमें स्वतंत्र ही रहना चाहिए। 


DIKHA BORA


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