प्रश्नावली

1. आलोक मानता है कि किसी देश को कारगर सरकार की ज़रूरत होती है जो जनता की भलाई करे। अतः यदि हम सीधे-सीधे अपना प्रधानमंत्री और मंत्रिगण चुन लें और शासन का काम उन पर छोड़ दें, तो हमें विधायिका की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण बताएँ ।
उत्तरः 2. किसी कक्षा में द्वि-सदनीय प्रणाली के गुणों पर बहस चल रही थी। चर्चा में निम्नलिखित बातें उभरकर सामने आयीं। इन तर्कों को पढ़िए और इनसे अपनी सहमति असहमति के कारण बताइए।
उत्तरः (क) नेहा ने कहा कि द्वि-सदनीय प्रणाली से कोई उद्देश्य नहीं सकता।
उत्तरः (ख) शमा का तर्क था कि राज्य सभा में विशेषज्ञों का मनोनयन होना चाहिए।
उत्तरः (ग) त्रिदेव ने कहा कि यदि कोई देश संघीय नहीं है, तो फिर दूसरे सदन की जरूरत नहीं रह जाती।
उत्तरः 3. लोकसभा कार्यपालिका को राज्यसभा की तुलना में क्यों कारगर ढंग से नियंत्रण में रख सकती है?
उत्तरः 4. लोकसभा कार्यपालिका पर कारगर ढंग से नियंत्रण रखने की नहीं बल्कि जनभावनाओं और जनता की अपेक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच है। क्या आप इससे सहमत हैं? कारण बताएँ ।
उत्तरः 5. नीचे संसद को ज्यादा कारगर बनाने के कुछ प्रस्ताव लिखे जा रहे हैं। इनमें से प्रत्येक के साथ अपनी सहमति या असहमति का उल्लेख करें। यह भी बताएँ कि इन सुझावों को मानने के क्या प्रभाव होंगे?
उत्तरः (क) संसद को अपेक्षाकृत ज्यादा समय तक काम करना चाहिए।
उत्तरः (ख) संसद के सदस्यों की सदन में मौजूदगी अनिवार्य कर दी जानी चाहिए।
उत्तरः

(ग) अध्यक्ष को यह अधिकार होना चाहिए कि सदन की कार्यवाही में बाधा पैदा करने पर सदस्य को दंडित कर सकें।
उत्तरः 6. आरिफ यह जानना चाहता था कि अगर मंत्री ही अधिकांश महत्त्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत करते हैं और बहुसंख्यक दल अकसर सरकारी विधेयक को पारित कर देता है, तो फिर कानून बनाने की प्रक्रिया में संसद की भूमिका क्या है? आप आरिफ को क्या उत्तर देंगे?
उत्तरः

7. आप निम्नलिखित में से किस कथन से सबसे ज्यादा सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण दें।

(क) सांसद/विधायकों को अपनी पसंद की पार्टी में शामिल होने की छूट होनी चाहिए।
उत्तरः (ख) दलबदल विरोधी कानून के कारण पार्टी के नेता का दबदबा पार्टी के सांसद/विधायकों पर बढ़ा है।
उत्तरः
(ग) दलबदल हमेशा स्वार्थ के लिए होता है और इस कारण जो विधायक/सांसद दूसरे दल में शामिल होना चाहता है उसे आगामी दो वर्षों के लिए मंत्री पद के अयोग्य करार कर दिया जाना चाहिए।
उत्तरः 8. डॉली और सुधा में इस बात पर चर्चा चल रही थी कि मौजूदा वक्त में संसद कितनी कारगर और प्रभावकारी है। डॉली का मानना था कि भारतीय संसद के कामकाज में गिरावट आयी है। यह गिरावट एकदम साफ दिखती है क्योंकि अब बहस-मुबाहिसे पर समय कम खर्च होता है। और सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने अथवा वॉकआउट (बहिर्गमन) करने में ज्यादा। सुधा का तर्क था कि लोकसभा में अलग-अलग सरकारों ने मुँह की खायी है, धाराशायी हुई हैं। आप सुधा या डॉली के तर्क के पक्ष या विपक्ष में और कौन-सा तर्क देंगे?
उत्तरः 9. किसी विधेयक को कानून बनने के क्रम में जिन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है उन्हें क्रमवार सजाएँ। (क) किसी विधेयक पर चर्चा के लिए प्रस्ताव पारित किया जाता है।
उत्तरः (ख) विधेयक भारत के राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है- बताएँ कि वह अगर इस पर हस्ताक्षर नहीं करता/करती है, तो क्या होता है?
उत्तरः

(ग) विधेयक दूसरे सदन में भेजा जाता है और वहाँ इसे पारित कर दिया जाता है।
उत्तरः (घ) विधेयक का प्रस्ताव जिस सदन में हुआ है उसमें यह विधेयक पारित होता है।
उत्तरः

(ङ) विधेयक की हर धारा को पढ़ा जाता है और प्रत्येक धारा पर मतदान होता है।
उत्तरः (च) विधेयक उप-समिति के पास भेजा जाता है समिति उसमें कुछ फेर-बदल करती - है और चर्चा के लिए सदन में भेज देती है।
उत्तरः

(छ) संबद्ध मंत्री विधेयक की जरूरत के बारे में प्रस्ताव करता है।
उत्तरः (ज) विधि-मंत्रालय का कानून-विभाग विधेयक तैयार करता है।
उत्तरः 10. संसदीय समिति की व्यवस्था से संसद के विधायी कामों के मूल्यांकन और देखरेख पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तरः

Type- Anjali Bora