स्वतंत्रता के बाद

अध्यायः 10

1. नवस्वाधीन भारत के सामने कौन सी तीन समस्याएँ थीं?

उत्तरः 1) बँटवारे की वजह से 80 लाख शरणार्थी पाकिस्थान से भारत आ गए थे। इन लोगों के लिए रहने का इंतजाम करना।

2) तकराबन 500 रियासतें राजाओं या नवाबों के शासन में चल रही थीं। इन सभी को नए राष्ट्र में शामिल होने के लिए तैयार करना एक टेढ़ा काम था।

3) राजनातिक व्यवस्था भी विकसित करनी थी जो यहाँ के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को सबसे अच्छी तरह व्यक्त कर सके।

2.योजना आयोग की क्या भूमिका थी

उत्तरः 1) आर्थिक विकास के लिए नीतियाँ बनाने और उनको लागू करना।

2) कौन से उद्योग सरकार द्वारा और कौन से उद्योग बाजार द्वारा यानी निजी उद्योगपतियों द्वारा लगाए जाएँगे। यह निश्चित करना योजना आयोग का काम था।

3) विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों के बीच किसतरह का संतुलन बनाया जायेगा इन सबको परिभाषित करना करना योजना आयोग का काम था।

3. रिक्त स्थान भरें :

(क) केंद्रीय सूची में काराधान, रक्षा और विदेशी मामले विषय रखे गए थे।

(ख) समवर्ती सूची में वन और कृषि विषय रखे गए थे।
(ग) वह आर्थिक योजना जिसमें सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों को विकास में भूमिका दी गई थी, उसे मृश्रित मॉडल कहा जाता था।

(घ) पोट्टी श्रीरामुलु की मृत्यु से इतना जबरदस्त आंदोलन पैदा हुआ कि सरकार को आंध्र भाषी राज्य के गठन की माँग को मानना पड़ा।

4.सही या गलत बताएँ :

(क) आज़ादी के समय ज्यादातर भारतीय गाँवों में रहते थे।

उत्तरः सही।
(ख) संविधान सभा कांग्रेस पार्टी के सदस्यों से मिलकर बनी थी।

उत्तरः गलत।

(ग) पहले राष्ट्रीय चुनावों में केवल पुरुषों को ही वोट डालने का अधिकार दिया गया था।

उत्तरः गलत।
(घ) दूसरी पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया था।आइए विचार करें

उत्तरः सही।

5. "राजनीति में हमारे पास समानता होगी और सामाजिक व आर्थिक जीवन में हम "असमानता की राह पर चलेंगे" कहने के पीछे डॉ. अंबेडकर का क्या आशय था?

उत्तरः 1) राजनीतिक लोकतंत्र के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र भी जरूरी है। यानी जीवन में समानता भी जरूरी है. 2) लोगों को वोट देने का अधिकार देने से अमीर और गरीब या ऊंची और निचली जातियों के बीच का अंतर अपने आप खत्म नहीं हो जाएगा। 3) राजनीति में हम एक व्यक्ति, एक वोट और एक मूल्य के सिद्धांत का पालन करेंगे। इसके विपरीत, हमारी सामाजिक और आर्थिक संरचना के परिणामस्वरूप, हम सामाजिक और आर्थिक जीवन में एक व्यक्ति, एक मूल्य के सिद्धांत का निषेध जारी रखेंगे।

6.स्वतंत्रता के बाद देश को भाषा के आधार पर राज्यों में बाँटने के प्रति हिचकिचाहटक्यों थी?

उत्तरः भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ। देश का बंटवारा हिंदू और मुस्लिमों के बीच होने का कारण भीषण दंगों में दस लाख से ज्यादा लोग मारे गये थे, इसलिए चिंता स्वाभाविक थी। हमारा देश भाषा के आधार पर दूसरा विभाजन बर्दाश्त नहीं कर सकता था, इसलिए चिंता स्वाभाविक थी। प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और उप प्रधान मंत्री वल्लभभाई पटेल दोनों भाषा के आधार पर दूसरे विभाजन के डर से भाषा के आधार पर राज्यों के गठन की नीति के विरोधी थे।
7.एक कारण बताइए कि आज़ादी के बाद भी भारत में अंग्रेजी क्यों जारी रही।
उत्तरः बहुत से लोगों का मानना था कि अंग्रेजों के साथ अंग्रेजी भाषा को भी विदा कर देना चाहिए और अंग्रेजी का स्थान हिंदी को दे देना चाहिए।
8. आज़ादी के बाद प्रारंभिक दशकों में भारत के आर्थिक विकास की कल्पना किस तरह की गई थी?

उत्तरः आज़ादी के बाद के शुरुआती दशकों में भारत के आर्थिक विकास का लक्ष्य भारतीयों को गरीबी से मुक्त करना और आधुनिक तकनीकी और औद्योगिक आधार तैयार करना था। 1950 में, सरकार ने आर्थिक विकास के लिए नीतियां बनाने और लागू करने के लिए एक योजना आयोग की स्थापना की। आकार दिया हुआ। मिश्रित अर्थव्यवस्था द्वारा विकास का मार्ग चुना गया। कृषि के साथ-साथ भारी उद्योगों जैसे इस्पात, संयंत्र, पुल, बड़े बांध आदि के माध्यम से विकास की कल्पना की गई। आजादी के बाद ये सभी आधुनिक भारत के विकास के महत्वपूर्ण प्रतीक बन गए।

आइए करके देखें 9. मीरा बहन कौन थीं? उनके जीवन और आदर्शों के बारे में पता लगाएँ।
उत्तरः मीरा बहन का जन्म 22 नवंबर 1892 को इंग्लैंड में हुआ था। मीरा बहन का असली नाम 'मेडेलीन स्लेड' था। वह एक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी की बेटी थीं। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के सिद्धांतों से प्रभावित थे और उन्होंने खादी का प्रचार-प्रसार किया। वह अंग्रेज़ थीं लेकिन भारत की आज़ादी की पक्षधर थीं। जब मेडेलीन स्लेड साबरमती आश्रम में बापू से मिलीं तो उन्हें लगा कि जीवन का अर्थ दूसरों के लिए जीने में है। वह गुजरात के साबरमती आश्रम में रहने लगीं। मीरा बहन ने अपना पूरा जीवन मानव विकास, गांधीजी के सिद्धांतों की उन्नति और स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया था। यह देखकर गांधी जी ने उनका नाम मीरा बहन रख दिया। गांधीजी के विचारों को मानने वाली मीरा बहन सादी धोती पहनती थीं, सूत काटती थीं, गांव-गांव घूमती थीं। गांधीजी के साथ मीरा ने बुनियादी शिक्षा, अस्पृश्यता निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बापू की मृत्यु के बाद भी मीरा उनके विचारों और कार्यों का प्रसार करती रहीं, जिसके कारण उन्हें 1982 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
10. पाकिस्तान में भाषा के आधार पर हुए उन विवादों के बारे में और पता लगाएँ जिनकी वजह से बांगलादेश का जन्म हुआ। बांगलादेश को पाकिस्तान से आजादी कैसे मिली?

उत्तरः 1947 में जब भारत आज़ाद हुआ तो इसे दो भागों में बाँट दिया गया और इसके साथ ही बंगाल को भी दो भागों में बाँट दिया गया। इसका हिंदू भाषी क्षेत्र पश्चिमी भारत में था और मुस्लिम भाषी क्षेत्र पूर्वी पाकिस्तान में था। 1955 में पाकिस्तान सरकार ने पूर्वी बंगाल का नाम बदलकर पूर्वी पाकिस्तान कर दिया और यहीं से उपेक्षा और संघर्ष की शुरुआत हुई। जब तनाव बढ़ने लगा तो बांग्लादेश की आजादी का आंदोलन शुरू हो गया. 1971 में दंगों में लाखों बंगाली मारे गए और दस लाख से अधिक बंगालियों ने भारत में शरण ली। बंगालियों के समर्थन को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ. आख़िरकार 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बन गया।

Question and answer type by-Mandira Saha