Chapter 2

फसलो त्योहार

 मौसम का अंदाज़

1. “खिचड़ी में अइसन जाड़ा हम पहिले कब्बो ना देखनीं । "

यहाँ तुम 'खिचड़ी' से क्या मतलब निकाल रही हो?

उत्तरः

 12. क्या कभी ऐसा हो सकता है कि सूरज बिल्कुल ही न निकले?

अगर ऐसा हो तो...............................................................................................................................................

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अपने साथियों के साथ बातचीत करके लिखो।

3. बाहर देखने से समय का अंदाज़ा क्यों नहीं हो पा रहा था?

 जिनके पास घोड़ी नहीं होती व समय का अनुमान किस तरह से लगाते हैं?

उत्तरः बाहर देखने पर मुझे समय का अंदाज़ा नहीं लग सका क्योंकि सूरज नहीं निकला था। जिनके पास घड़ी नहीं है वे सूर्य की गति और उसकी चमक से समय का अनुमान लगाते हैं।

तुम्हारी जुबान

(क) “आज ई लोग के उठे के नईखे का?" 

(ख) “जा भाग के देख केरा के पत्ता आइल की ना?"

इन वाक्यों को अपने घर की भाषा में लिखो।

भारत तेरे रंग अनेक

1. विविधता हमारे देश की पहचान है। फ़सलों के त्योहार हमारे देश के विविध रंग-रूपों का एक उदाहरण है। नीच विविधता के कुछ और उदाहरण दिए गए हैं। पाँच-पाँच बच्चों का समूह एक-एक उदाहरण ले और उस पर जानकारी इकट्ठी करे। (जानकारी चित्र, फोटोग्राफ़, कहानी, कविता, सूचनापरक सामग्री के रूप में हो सकती है। हर समूह इस जानकारी को कक्षा में प्रस्तुत करें।

भाषा                                कपड़े                            नया वर्ष 

भोजन                              लोक कला                     लोक संगीत

उत्तरः 1) भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं। उदाहरण के लिए हिंदी, मराठी, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगु आदि। हिंदी यहां की मुख्य भाषा है क्योंकि यह अधिकतम लोगों द्वारा बोली जाती है। यह हमारी राष्ट्रभाषा भी है।

2) कपड़े- यहां के लोग अलग-अलग तरह के कपड़े पहनते हैं। उदाहरण के लिए, लुंगी दक्षिण भारत में पहनी जाती है, उत्तर: भारत में सलवार-कमीज़, घाघरा-चोली, कुर्ता-पायजामा आदि पहने जाते हैं।

3) नया साल- हिंदी कैलेंडर के अनुसार नया साल होली के दिन आता है। इसे अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

4) भोजन - यहां भोजन में विविधता है। इडली-डोसा दक्षिण भारत में प्रसिद्ध है तो उत्तर भारत में | चावल-दाल, रोटी, सब्जी, राजमा आदि पसंद से खाया और खिलाया जाता है। पश्चिम बंगाल में चॉक और मछली बड़े चाव से खाई जाती है।

2. तुम्हें कौन-सा त्योहार सबसे अच्छा लगता है और क्यों? इस दिन तुम्हारी दिनचर्या क्या रहती है?

उत्तरः मुझे होली का त्यौहार सबसे अच्छा लगता है क्योंकि इस दिन लोग ऊंच-नीच का भाव भूलकर एक-दूसरे के गले मिलते हैं और जश्न मनाते हैं। इस दिन मैं सुबह से ही काफी एक्टिव रहता हूं. मैं हर तरह की पिचकारियां रंगता हूं और उन्हें लोगों पर फेंकता हूं। मैं स्वादिष्ट व्यंजन खाता हूं. मैं नए कपड़े पहनता हू।

अन्न के बारे में

(क) फ़सल के त्योहार पर 'तिल' का बहुत महत्व होता है। तिल का किन-किन रूपों में इस्तेमाल किया जाता है? पता करो।

उत्तरः तिल से तिलकुट, रेवड़ियाँ और गज्जक जैसी मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।

(ख) क्या तुम जानती हो कि तिल से तेल बनता है? और किन चीज़ों से तेल बनता है और कैसे? हो सके तो तेल की दुकान में जाकर पूछो।

उत्तरःतिल के अलावा सरसों, राई, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली आदि से तेल बनाया जाता है।

किसान और चीज़ों का सफद

किसान और खेती बहुत-से लोगों की जानी-पहचानी दुनिया का हिस्सा नहीं है। विशेष रूप से शहर के ज्यादातर लोगों को यह अहसास नहीं है कि हमारी जिंदगी किस हद तक इनसे जुड़ी हुई है। देश के कई हिस्सों में आज किसानों को ज़िंदा रहने के लिए बहुत मेहनत और संघर्ष करना पड़ रहा है। अगर यह जानने की कोशिश करें कि हम दिनभर जो चीजें खाते हैं वे कहाँ से आती हैं-तो किसानों की हमारी जिंदगी में भूमिका को हम समझ पाएँगे। आलू की पकौड़ी, बर्फ़ी और आइसक्रीम- इन तीन चीज़ों के बारे में नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जानकारी इकट्ठी करो और 'मेरी कहानी' के रूप में उसे लिखो।

  • किन चीज़ों से बनती है? इन चीज़ों का जन्म कहाँ होता है?
  • हम तक पहुँचने का उनका सफ़र क्या है? 
  • किन-किन हाथों से होकर हम तक पहुँचती है?
  • इस पूरे सफ़र में किन लोगों की कितनी मेहनत लगती है?
  • इन लोगों में से किसको कितना मुनाफ़ा मिलता है? 
अगले वर्ष कक्षा छह में सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के बारे में पढ़ोगी तो ऊपर लिखे सफ़र में शामिल लोगों की दिनचर्या पता करने का मौका भी मिलेगा।

उत्तरः आलू की पोकड़ी- यह आलू और बेसन से बनाई जाती है. बेसन चने की दाल से बनाया जाता है. आलू और चने की दाल किसान खेतों में उगाते हैं. चना और आलू किसान व्यापारियों को बेचते हैं। फिर चना बड़ी कंपनियों तक पहुंचता है और आलू व्यापारियों द्वारा बाजारों तक पहुंचाया जाता है। बेसन कंपनियां बनाती हैं. बाद में ये दुकानदारों के हाथों से होते हुए हम तक पहुंचते हैं। इसमें किसानों, व्यापारियों और कंपनियों की कड़ी मेहनत शामिल है। इनमें किसानों को कम और कंपनियों, व्यापारियों और दुकानदारों को ज्यादा फायदा होता है।

बर्फी- बर्फी खोया से बनाई जाती है. इसे दूध के खोये में चीनी मिलाकर बनाया जाता है. खोया दूध से बनाया जाता है, इसे चरवाहा गाय या भैंस से प्राप्त करता है। ग्वालों द्वारा दूध बड़ी-बड़ी कंपनियों को बेचा जाता है। घाटा कंपनियों द्वारा किया जाता है। बाद में ये दुकानदारों के हाथों से होते हुए हम तक पहुंचते हैं। इसमें चरवाहों, व्यापारियों और कंपनियों की कड़ी मेहनत लगती है। इनमें से ग्वालों को कम और कंपनियों, व्यापारियों और दुकानदारों को अधिक फायदा होता है।

आइसक्रीम-आइसक्रीम दूध से बनाई जाती है. यह चरवाहे को गाय या भैंस से प्राप्त होता है। ग्वालों द्वारा दूध बड़ी-बड़ी कंपनियों को बेचा जाता है। आइसक्रीम कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं। बाद में ये दुकानदारों के हाथों से होते हुए हम तक पहुंचते हैं। इसमें चरवाहों, व्यापारियों और कंपनियों की कड़ी मेहनत लगती है। इनमें से ग्वालों को कम और कंपनियों, व्यापारियों और दुकानदारों को अधिक फायदा होता है।

खास पकवान

1. 'गया' शहर तिलकुट के लिए भी प्रसिद्ध है। हमारे देश में छोटी-बड़ी ऐसी कई जगहें हैं। जो अपने खास पकवान के लिए मशहूर है। अपने परिवार के लोगों से पता करके उनके बारे में बताओ।

उत्तरः हमारे देश में मथुरा के पेड़े , पश्चिम बंगाल का रसगुल्ला, आगरा का पेठा, कंडाघाट की बेसन बर्फी , राजस्थान का घेवर, प्रसिद्ध है।

2. पिछले दो वर्षों में तुमने 'काम वाले शब्दों के बारे में जाना।

इन शब्दों को क्रिया भी कहते है, क्योंकि किया का संबंध कोई काम करने से है। नीचे खिचड़ी बनाने की विधि दो गई है। इसमें बीच बीच में कुछ क्रियाएँ छूट गई है। उचित क्रियाओं का प्रयोग करते हुए इसे पूरा करो।

छौंकना             पीसना                     पकाना                     धोना                 परोसना             भुनना

बंगाली 'खिचुरी' (5 व्यक्तियों के लिए)

                                    सामग्री                                                                      मात्र 

                                    अदरक                                                                     20 ग्र

                                    लहसुन                                                                      3 फाँके     

                                    इलायची के दाने                                                      3 छोटी

                                    दालचीनी                                                                22 से.मी. का 1 टुकड़ा

                                    पानी                                                                      4 प्याले         

                                    मूँग दाल                                                                 ½ प्याला

                                    सरसों का तेल                                                         3 बड़े चम्मच                          

                                    तेज पत्ते                                                                  2

                                    जीरा                                                                     ½ छोटा चम्मच   

                                   प्याज़ बारीक कटा हुआ                                           1 मँझोला                       

                                   चावल धुले हुए                                                         1 प्याला

                                   फूल गोभी बड़े-बड़े टुकड़ों में कटी हुई                       200 ग्राम

                                  आलू छीलकर चार-चार टुकड़ों में कटे हुए                   2

                                   मटर के दाने                                                             1½ प्याला

                                   धनिया पिसा हुआ                                                      1 बड़ा चम्मच

                                   लाल मिर्च पिसी हुई                                                    ½ छोटा चम्मच

                                   चीनी                                                                         1 छोटा चम्मच

                                   घी                                                                             2 बड़े चम्मच

                                   नमक और हल्दी                                                        अंदाज़ से    


 विधि

इलायची, दालचीनी और लौंग में थोड़ा-थोड़ा पानी (एक छोटा चम्मच) डालते हुए...........लो। अदरक और लहसुन को इकट्ठा पीसकर पेस्ट बनाओ। दाल को कड़ाही में डालो और मध्यम आँच पर सुनहरी भूरी होने तक............लो। अब दाल निकाल कर..........लो। तेल को कुकर में डालकर गरम करो। तेल गरम हो जाने पर तेजपत्ते और जीरा डालो। जीरा जब चटकने लगे तो प्याज़ डालकर सुनहरा भूरा होने तक भूनो। अब अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर कुछ मिनट.........। धुली हुई दाल, चावल और सब्ज़ी डालो और अच्छी तरह मिलाओ। शेष पानी (चार प्याले ) डालकर एक बार चलाओ। कुकर बंद करो। तेज़ आँच पर पूर्ण प्रेशर आने दो। अब आँच कम करके चार मिनट तक । भाप निकल जाने पर कुकर खोलो, मसालों का पेस्ट मिलाओ । खिचुरी पर घी, हींग, जीरा, साबुत लाल मिर्च से छुट्टी के दिन घर में ऐसी खिचड़ी बनाने में बड़ों की मदद करो। खाने से जुड़ी कुछ अन्य क्रियाएँ भी सोचो। कर गरमागरम ।


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