क्या तुम्हारी कक्षा में कल सबने एक जैसा खाना खाया था? ऐसा क्यों? चित्र में (पृष्ठ 36 ) तुमने देखा कि एक बच्चे के घर खाना बना ही नहीं। यह किन कारणों से हो सकता है?

क्या तुम्हारे साथ कभी ऐसा हुआ है कि भूख लगी हो और कुछ भी खाने को नहीं मिला? अगर हाँ तो क्यों?

तुम्हें कैसे पता चलता है कि भूख लगी है?

* जब तुम्हें भूख लगती है तब तुम्हें कैसा महसूस होता है?

* कहानी में जितने लोग आए, उनमें से कितने लोग भुट्टा खा पाएँगे? और क्यों?

* क्या सभी बूढ़े लोग भुट्टा नहीं खा पाते ?

चार महीने तक छुटकी केवल अपनी माँ का ही दूध पीएगी। वह ही उसका खाना है। सोचो, क्यों? +

अपने आस-पास के बड़ों से पूछकर तालिका भरो

क्या-क्या खा पाते हैं

क्या-क्या नहीं खा पाते

बच्चा

जवान

बूढ़ा

यह तो थी कुछ चीजों को 'खा सकने' और 'नहीं खा सकने की बात क्या हम वे सभी चीजें खाते हैं जो हम खा सकते हैं? नहीं न!

आओ बात करें उन चीजों की जिन्हें हम खाते हैं।

* जिन चीज़ों को तुम ज़्यादा खाते हो उन पर लगाओ।

चावल

रागी

मक्का

बाजरा

जई

कप्पा (टैपिओका)

हमारा भोजन ज़्यादातर इन्हीं चीजों से बनता है। अलग-अलग जगहों पर इनमें से कुछ चीज़ों को अधिक खाया जाता है। जो चीजें जहाँ आसानी से पैदा होती हैं, वहाँ पर वे ज्यादा खाई जाती हैं।

पता लगाओ, इनमें से कौन-कौन सी चीज़ कहाँ-कहाँ अधिक खाई जाती है।

हम लोग अलग-अलग चीजें तो खाते ही हैं। एक ही चीज़ का इस्तेमाल करके अलग-अलग भोजन भी बनाते हैं। पता करो और लिखो कि गेहूँ और चावल से क्या-क्या बनता है?

कहाँ क्या खाया जाता है यह आखिर निर्भर किस पर होता है? दिए गए कारणों में से जो तुम्हें सही लगे उस पर लगाओ। इसके अलावा जो कारण और हो सकते हैं वे खाली जगह में लिखो ।

वहाँ क्या आसानी से मिलता है।

क्या खरीद सकते हैं।

वहाँ के रीति-रिवाज़ कैसे हैं।

जो चीजें खाईं जाती हैं उन पर ' का निशान लगाओ। यदि तुम्हें किसी चीज़ के बारे में नहीं पता तो शिक्षक से पूछ सकते हो ।

जो चीजें खाई जाती हैं उन पर ' का निशान लगाओ। यदि तुम्हें किसी चीज़ के बारे में नहीं पता तो शिक्षक से सकते हो।

केले के फूल

मुर्गी का अंडा

गोभी

सैंजन के फूल

अरवी के पत्ते IC

माँस

खुबी

कलौंजी

कमल डंडी

मछली

केकड़ा

लाल चींटी

बाजरे की रोटी

घास

पिछले दिन की रोटी

मेंढक

आँवला

नारियल का तेल

ऊँटनी का दूध

चने की रोटी

खाने की कुछ ऐसी चीज़ों के नाम लिखो, जो तुमने कभी नहीं खाईं, लेकिन खाने का मन करता है।