निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
1. प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर:- प्रेम का मतलब होता है गहरा जुड़ाव, समर्पण और विश्वास। जब यह रिश्ता किसी वजह से टूट जाता है, तो वह पहले जैसा सहज और मजबूत नहीं रह पाता। जैसे टूटे हुए धागे को जोड़ने पर गाँठ पड़ जाती है, वैसे ही टूटे हुए प्रेम में भी पहले जैसी मिठास और सहजता वापस नहीं आती। इसलिए प्रेम संबंधों को बहुत सावधानी और प्यार से संभालना जरूरी होता है।
2. हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
उत्तर:- अपना दुख दूसरों के सामने ज़ाहिर नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे लोग हमारा मज़ाक उड़ा सकते हैं या हमें कमजोर समझ सकते हैं। जब हम अपनी पीड़ा दूसरों से बाँटते हैं, तो कई बार उनका व्यवहार हमारा मनोबल गिराने वाला और तिरस्कार भरा हो सकता है, जिससे हमारा दुख और भी बढ़ जाता है। इसलिए अपने दुःख को भीतर ही सँभालना बेहतर होता है।
3. रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
उत्तर:-रहीम ने सागर के पानी की बजाय पंक (छोटे तालाब या गड्ढे) के पानी को अधिक धन्य इसलिए माना क्योंकि सागर का पानी भले ही बहुत बड़ा हो, लेकिन उसका स्वाद खारा होने के कारण उसे पीना संभव नहीं। वहीं, पंक के पानी को छोटे-छोटे जीव-जंतु पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं। इसलिए उपयोगिता के हिसाब से पंक का जल सागर के जल से अधिक मूल्यवान और धन्य है।
4. एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?
उत्तर:-रहीम के विचार में जब हम एकमात्र ईश्वर पर दृढ़ श्रद्धा और विश्वास रखते हैं, तो हमारे सभी काम सफल हो जाते हैं। जैसे किसी पेड़ की जड़ को सींचने से वह फल और फूल देता है, वैसे ही एक ईश्वर की भक्ति से जीवन के सारे सुख और सफलताएँ प्राप्त होती हैं।
5. जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
उत्तर:-भले ही सूर्य कमल को ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करता है, लेकिन यदि कमल के पास जल नहीं होता तो वह सूख जाता है। क्योंकि कमल के खिलने और जीवित रहने के लिए पानी अत्यंत आवश्यक है। इसलिए जल के बिना सूर्य भी कमल की रक्षा नहीं कर सकता।
6. अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?
उत्तर:- अवध के राजा को अपने वनवास के दौरान चित्रकूट जाना पड़ा। इसका अर्थ यह है कि मुश्किल और कष्ट के समय हर किसी को ईश्वर की सहायता और आश्रय लेना पड़ता है।
7. ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
उत्तर:- ‘नट’ अपनी कुंडली मारने की कला में पारंगत होने के कारण ऊँचाई पर चढ़ जाता है।
8. ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- ‘मोती, मानुष, चून’ ये तीनों उदाहरण पानी के महत्व को दर्शाते हैं। मोती अपनी चमक पानी की वजह से पाता है, मनुष्य का मान-सम्मान पानी की तरह जरूरी है, और आटे को गूंथकर भोजन योग्य बनाने में पानी का काम होता है। इस प्रकार, इन तीनों के लिए पानी आवश्यक है, बिना पानी इनके अस्तित्व और गुणवत्ता अधूरी हो जाती है।
9. निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए –
1. टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
उत्तर:- इस पंक्ति का अर्थ है कि प्रेम के रिश्ते को बहुत सावधानी से संभालना चाहिए, क्योंकि यदि वह एक बार टूट गया तो फिर पहले जैसी स्थिति में वापस नहीं आ सकता। अगर जुड़ भी जाता है तो उसमें हमेशा एक गाँठ रह जाती है, जो रिश्ता पूरी तरह से पहले जैसा नहीं रहने देती।
2. सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।
उत्तर:- इस पंक्ति का अर्थ है कि अपने दुख को दूसरों से छिपाना चाहिए और उसे सबके सामने प्रकट नहीं करना चाहिए। क्योंकि जब हम अपना दुख सबके सामने लाते हैं, तो लोग उसका मजाक उड़ाते हैं और कोई भी उस दर्द को अपने साथ बांटने को तैयार नहीं होता।
3. रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।
उत्तर:- इस पंक्ति का मतलब है कि अच्छा फल और सुंदर फूल पाने के लिए जड़ को ही पोषण देना जरूरी है। यहाँ कवि यह बताना चाहते हैं कि सफलता और सुख प्राप्त करने के लिए केवल एक ही ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए, उसी पर पूरी श्रद्धा रखनी चाहिए।
4. दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
उत्तर:- इस पंक्ति का अर्थ है कि दोहे में शब्द कम होते हैं, लेकिन उनका अर्थ बहुत गहरा और व्यापक होता है। यही गहरा अर्थ दोहे की विशेषता है, जो छोटी बोतल में समुद्र समान ज्ञान समेटे होने जैसा है। ठीक इसी तरह, नट अपनी कुंडली समेटकर कूद लगाकर रस्सी पर चढ़ जाता है। कवि का संदेश है कि जीवन में किसी भी कार्य को करते समय हमें पूरी निपुणता और महारत हासिल करनी चाहिए।
5. नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
उत्तर:- इस पंक्ति का मतलब है कि मीठी और सुरीली धुन सुनकर हिरण अपनी जान तक दे सकता है, और इंसान भी जब किसी कला से प्रभावित होता है तो वह उससे जुड़ा धन देकर उसका सम्मान करता है। लेकिन जो दूसरों की खुशी देखकर भी कुछ देने या करने को तैयार नहीं होता, वह मनुष्य नहीं बल्कि पशु के समान होता है।
6. जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।
उत्तर:- इस पंक्ति का अर्थ है कि हर चीज़ का अपने-अपने क्षेत्र में खास महत्व होता है। जैसे सुई वह काम करती है जो तलवार नहीं कर सकती, और तलवार वह काम करती है जो सुई नहीं कर सकती। इसलिए सभी वस्तुओं और लोगों की अपनी-अपनी उपयोगिता होती है और किसी की भी अवहेलना नहीं करनी चाहिए।
7. पानी गए न ऊबरै, मोती मानुष चून।
उत्तर:- इस पंक्ति का मतलब है कि मोती बिना पानी के अपनी चमक खो देता है, इंसान बिना सम्मान के अधूरा है, और आटे में पानी न होने पर वह उपयोगी नहीं रह पाता। इन तीनों के लिए पानी अनिवार्य है; इसके बिना उनकी गुणवत्ता और महत्व खत्म हो जाता है।
10. निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है –
1. जिस पर विपदा पड़ती वही इस देश में आता है।
उत्तर:- जा पर विपदा पड़त है, सो आवत यह देस।
2. कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
उत्तर:- बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
3. पानी के बिना सब सूना है अत: पानी अवश्य रखना चाहिए।
उत्तर:- रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून।
4. उदाहारण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए –
उत्तर:- उदाहारण – कोय-कोई, जै-जो
11.(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता ?
उत्तर:-प्रेम को धागे की तरह समझा जा सकता है। जब यह टूट जाता है, तो उसे फिर से जोड़ने पर गाँठ पड़ जाती है और वह पहले जैसा मजबूत और सहज नहीं रहता। वैसे ही, प्रेम में विश्वास टूटने के बाद फिर से बिना संदेह के किसी पर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए एक बार टूटे प्रेम को पहले जैसा बनाना आसान नहीं होता।
12.(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य कहा है?
उत्तर:-रहीम ने पंक के जल को सागर के जल से बेहतर इसलिए माना क्योंकि सागर का पानी खारा होता है और उसे पीना संभव नहीं होता, इसलिए उसकी प्यास नहीं बुझती। वहीं, पंक के जल को छोटे-छोटे जीव भी पीकर अपनी प्यास बुझा लेते हैं। इस कारण रहीम ने उपयोगिता के दृष्टिकोण से पंक के जल को अधिक धन्य बताया है।
13.(घ) एक को साधने से सब कैसे संघ जाता है?
उत्तर:-हमें एक ही ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए और पूरी श्रद्धा से उसी की आराधना करनी चाहिए। जब हम एकत्व में विश्वास रखते हैं और उसी की सेवा में लगे रहते हैं, तो हमारा सारा जीवन सफल और सुखमय हो जाता है। इसी तरह एक को साधने से सभी सुख और सफलता प्राप्त हो जाते हैं।
14.(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
उत्तर:-कमल का खिलना और जीवित रहना जल पर निर्भर करता है, क्योंकि पानी उसकी असली ताकत है। जबकि सूर्य बाहरी ऊर्जा देता है, लेकिन अगर कमल के पास जल नहीं होगा तो वह सूख जाएगा। इसी तरह, बिना अंदरूनी शक्ति के बाहरी सहायता भी हमारी रक्षा नहीं कर सकती।
15.(च) अवध नरेश की चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?
उत्तर:-अवध के राजा यानी श्रीराम को चित्रकूट जाना पड़ा क्योंकि उन्हें अपने पिता की आज्ञा मानकर चौदह वर्षों का वनवास बिताना था। इस कारण उन्होंने प्राकृतिक वातावरण में रहना चुना और चित्रकूट का निवास स्थान बनाया।
16.(छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
उत्तर:-नट अपनी कुंडली मारने की कला में निपुण होता है, जिससे वह खुद को समेटकर तार पर चढ़ जाता है। इसी कौशल के कारण वह ऊपर चढ़ने में सफल होता है।
Answer by Mrinmoee