Chapter 10

                                                              जगदीश नारायण चौबे

                                                     


प्रश्न 1. निबंध लेखन का मूल उद्देश्य क्या है?

उत्तर- निबंध लेखन का मुख्य उद्देश्य लेखक की सोच, अनुभव और दृष्टिकोण को पाठकों तक पहुँचाना है। यह ऐसा माध्यम है जिसमें लेखक अपनी भावनाएँ और विचार सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है। निबंध जीवन के विभिन्न पहलुओं पर लेखक की समझ और चिंतन को उजागर करता है और पाठकों को नए दृष्टिकोण अपनाने तथा गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करता है।

प्रश्न 2. निबंध लेखन के समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ?

उत्तर- निबंध लिखते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि विचार स्पष्ट और सुसंगठित हों। भाषा सरल, शुद्ध और विषयानुकूल होनी चाहिए। निबंध में तार्किक क्रम और एकरूपता बनी रहे, और अनावश्यक विस्तार से बचा जाए। लेखक अपने दृष्टिकोण को प्रभावी बनाने के लिए उपयुक्त उदाहरण और तथ्य प्रस्तुत करें, ताकि निबंध रोचक और समझने योग्य बने।

प्रश्न 3. लेखक ने निबंध की क्या परिभाषा दी है?

उत्तर- लेखक के अनुसार निबंध लेखक के व्यक्तित्व का प्रतिबिंब है। इसमें लेखक अपने स्वाभाविक रूप और व्यक्तिगत दृष्टिकोण को पाठकों के सामने प्रस्तुत करता है। निबंध विचारों, अनुभवों और कथाओं का मिश्रण होता है। आधुनिक निबंध के जनक माने जाने वाले फ्रांसीसी लेखक मोंतेन के अनुसार, निबंध विचारों, उद्धरणों और कथाओं का संगम है, जो लेखक की सोच और दृष्टि को व्यक्त करता है।

प्रश्न 4. निबंध-लेखन में लेखक किस अत्याचार की बात करता है, जिससे निबंध बोझिल, नीरस और उबाऊ हो जाता है?

उत्तर- लेखक के अनुसार निबंध को बोझिल और उबाऊ बनाने वाले कारण हैं: विषय का अत्यधिक विवरण, विचारों का अनावश्यक फैलाव, और जटिल भाषा या भारी शैली का प्रयोग। ये बातें निबंध की मूल भावना और संदेश को दबा देती हैं और पाठक की रुचि कम कर देती हैं। इसलिए सरल, संक्षिप्त और प्रभावशाली भाषा का प्रयोग निबंध को रोचक और पठनीय बनाए रखने के लिए जरूरी है।

प्रश्न 5. निबंध-लेखन में हिन्दीतर भाषाओं के उद्धरण में किस बात का ध्यान रखना आवश्यक होता है?

उत्तर- जब निबंध में हिन्दीतर भाषाओं के उद्धरण दिए जाते हैं, तो पहले उनका हिंदी अनुवाद प्रस्तुत करना चाहिए, उसके बाद मूल उद्धरण दिखाना चाहिए। साथ ही, लेखक या स्रोत का नाम स्पष्ट रूप से उल्लेख करना आवश्यक है। इससे पाठक आसानी से समझ पाते हैं और निबंध की विश्वसनीयता बनी रहती है। उद्धरण का चयन सोच-समझकर करना चाहिए ताकि वह निबंध के विषय से मेल खाए और उसे सुदृढ़ बनाए।

प्रश्न 6. अच्छे निबंध के लिए क्या आवश्यक है? विस्तार से तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

उत्तर-एक उत्कृष्ट निबंध के लिए कल्पनाशीलता, लेखक का व्यक्तित्व, संक्षिप्तता और विचारों की एकरूपता आवश्यक हैं। कल्पनाशीलता निबंध को रोचक और आकर्षक बनाती है। लेखक का व्यक्तित्व उसे विशिष्टता प्रदान करता है और पाठक उसके दृष्टिकोण से जुड़ पाता है। संक्षिप्तता विचारों को प्रभावी और स्पष्ट ढंग से प्रस्तुत करने में सहायक होती है। विचारों की एकरूपता निबंध को सुसंगत और सुगठित बनाती है। इन सभी गुणों का संतुलित मेल निबंध को पठनीय, समझने योग्य और चिंतनशील बनाता है।

प्रश्न 7. निबंध लेखन की क्या प्रक्रिया बताई गई है? पाठ के आधार पर बताएँ।

उत्तर-निबंध लेखन एक स्वतंत्र कला है, जिसमें लेखक की व्यक्तिगत शैली महत्वपूर्ण होती है। फिर भी, एक प्रभावी निबंध तीन मुख्य भागों में विभाजित होता है – भूमिका, मुख्य भाग और निष्कर्ष। भूमिका में विषय का संक्षिप्त और स्पष्ट परिचय दिया जाता है। मुख्य भाग में विषय का विस्तृत विश्लेषण और विचार प्रस्तुत किए जाते हैं। निष्कर्ष में पूरे निबंध के प्रमुख बिंदुओं का सारांश दिया जाता है। इस संरचना से निबंध तार्किक, सुव्यवस्थित और प्रभावशाली बनता है।

प्रश्न 8. निबंध के कितने प्रकार होते हैं? भेदों के साथ उनकी परिभाषा भी दें।

उत्तर-निबंध मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं – भावात्मक, विचारात्मक और वर्णनात्मक। भावात्मक निबंध में लेखक की व्यक्तिगत भावनाएँ और अनुभूतियाँ प्रमुख होती हैं। विचारात्मक निबंध किसी विषय पर गहन विचार और विश्लेषण प्रस्तुत करता है। वर्णनात्मक निबंध में किसी व्यक्ति, स्थान या घटना का विस्तृत और सजीव चित्रण किया जाता है। इन प्रत्येक प्रकार के निबंध की विशेषताएँ पाठकों पर अलग प्रभाव डालती हैं।

प्रश्न 9. निबंध लेखन के अभ्यास से छात्र किन समस्याओं से निजात पा सकता है?

 उत्तर-निबंध लेखन का नियमित अभ्यास छात्रों को कई कठिनाइयों से मुक्त करता है। यह उन्हें संक्षिप्त, स्पष्ट और प्रभावशाली लेखन की कला सिखाता है। छात्र समझते हैं कि निबंध की गुणवत्ता उसकी लंबाई से नहीं बल्कि विचारों की गहराई और सटीकता से मापी जाती है। अभ्यास से वे अपने विचारों को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करना सीखते हैं और उनकी रचनात्मकता व विश्लेषणात्मक क्षमता में वृद्धि होती है।

प्रश्न 10. निबंध लेखन में कल्पना का क्या महत्व है?

उत्तर-कल्पना निबंध लेखन का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह लेखक को नए दृष्टिकोण और विचार प्रस्तुत करने की क्षमता देती है। कल्पना की सहायता से जटिल विषयों को रोचक और सरल ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है। यह निबंध को आकर्षक, प्रभावशाली और पठनीय बनाती है। केवल साहित्य ही नहीं, बल्कि विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में भी कल्पना नए विचारों और खोजों का आधार होती है।

प्रश्न 11. आचार्य शुक्ल के निबंध किस कोटि में आते हैं और क्यों?

उत्तर- उत्तर– आचार्य शुक्ल के निबंध विचारात्मक और शोधपरक श्रेणी के हैं। इनमें गहन विश्लेषण, तर्कपूर्ण चिंतन और विस्तृत अध्ययन दिखाई देता है। उनके निबंधों में विषय का व्यापक विवेचन, सुव्यवस्थित प्रस्तुति और प्रामाणिक तथ्यों का समावेश होता है। विचारों की सटीकता और निरंतर प्रवाह उनकी शैली की विशेषता है, जो उन्हें गंभीर साहित्यिक और शैक्षणिक मूल्य प्रदान करता है।

प्रश्न 12. ललित निबंध की क्या विशेषता होती है?

उत्तर- ललित निबंध व्यक्तिपरक और कलात्मक स्वरूप के होते हैं। इसमें लेखक अपने व्यक्तिगत अनुभव, भावनाएँ और विचार सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता है। गंभीर विषय भी ललित निबंध में रोचक और सुलभ ढंग से उभरते हैं। इन निबंधों में कल्पनाशीलता, काव्यात्मकता और संवेदनशीलता दिखाई देती है। यह पाठकों के साथ आत्मीय संपर्क स्थापित करता है और इन्हें लोकप्रिय बनाता है।

प्रश्न 13. निबंध को सुरुचिपूर्ण बनाने की दिशा में भाषा के महत्व पर प्रकाश डालें।

उत्तर- भाषा निबंध की सुसंरचना और प्रभावशीलता में अहम भूमिका निभाती है। सरल और स्पष्ट भाषा पाठक को विषय को सहजता से समझने में मदद करती है, जबकि गंभीर विषयों के लिए परिष्कृत भाषा का प्रयोग भी आवश्यक हो सकता है। विषय और पाठक वर्ग के अनुसार भाषा का चयन किया जाना चाहिए। उचित शब्द चयन, सटीक मुहावरे और सुव्यवस्थित वाक्य रचना निबंध को आकर्षक और पठनीय बनाते हैं। भाषा के माध्यम से लेखक अपने विचारों और अनुभवों को प्रभावी ढंग से पाठक तक पहुँचाता है।

Answer by Mrinmoee