Chapter 17

जीवन के दोहा

-----------------


👉Text Books Question Answer
👉Download Books PDF
👉MCQs Online Exam
👉Click Here You Tube Video
👉MCQs Answer


1.'जीवन के दोहा' पाठ में जीवन की किन-किन बातों को समझाया गया है?

उत्तर: इस पाठ में मेहनत का सम्मान करने, दिखावे से बचने, चुगली और चोरी से दूर रहने, फालतू बहस से बचने और मेहनत से आगे बढ़ने की सीख दी गई है।

 2.धुर्रा-माटी को नीच क्यों नहीं समझना चाहिए?

उत्तर: क्योंकि धूल-मिट्टी से ही फसल उगती है, बच्चों का पालन होता है और कमल जैसे सुंदर फूल खिलते हैं।

3. टीका-बाना पहनने से क्या कोई संत बन सकता है?

उत्तर: नहीं, केवल अच्छे कपड़े पहनने से कोई संत नहीं बनता। असली अच्छाई दिल से होती है, न कि बाहरी दिखावे से।

 4. चारी और चुगली को किस बीमारी के समान बताया गया है?

उत्तर: इन्हें खजरी और खसरा जैसी बीमारी के समान बताया गया है जो बाद में बहुत दुःख देती है।

 5.अगर गाँव जाना नहीं है, तो उसके बारे में जानने का क्या फायदा?

उत्तर: जो गाँव जाना ही नहीं है, उसके बारे में जानना समय की बर्बादी है। असली फायदा तो जरूरी काम करने में है।

 6. मूँड़ सलामत होने पर क्या कहा गया है?

उत्तर: जब सिर सलामत है तो पगड़ी (सम्मान) बार-बार मिल सकती है। इसी तरह जब हाथ-पैर सही सलामत हैं तो हमें दूसरों पर निर्भर नहीं होना चाहिए।

 7. छोटी-मोटी बातों पर बहस करना क्यों बेकार है?

उत्तर: क्योंकि फालतू बहस से लड़ाई बढ़ती है। बेहतर है चुप रहकर समझदारी से समस्या को सुलझाना।

 8. बात से बात कैसे बिगड़ जाती है?

उत्तर: अगर बात संभालकर नहीं की जाए तो छोटी बात भी बड़ी लड़ाई में बदल सकती है।

9. चारी-चुगली काबर नइ करना चाही?

उत्तर: चारी-चुगली करना खजरी-खसरा जैसे रोग के समान है, जो शुरुआत में मजेदार लगता है पर बाद में दुख देता है। इसलिए इससे बचना चाहिए।

10.  छोटे-मोटे तुछ बात बर बहस काबर नइ करना चाही?

उत्तर: छोटे-छोटे बातों पर बहस करने से झगड़ा बढ़ जाता है और समय खराब होता है। चुप रहकर समझदारी दिखाना बेहतर होता है।

11. खाल्हे लिखाय प्रश्न के उत्तर लिखव-

(क) छोटे अउ गरीब मनखे के काबर हिनमान नइ करना चाही?

उत्तर: छोटे और गरीब लोग भी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। मिट्टी से ही खेती होती है और सुंदर कमल का फूल भी कीचड़ से ही खिलता है।

(ख) चारी-चुगरी ल खजरी रोग काबर केहे गे हे?

उत्तर: क्योंकि चोरी और चुगली की आदत पहले तो आनंद देती है, पर बाद में वही आदत दुखदायी हो जाती है, जैसे खजरी और खसरा रोग।

(ग) टीका-बाना घर के मनखे ह का देखाना चाहथे?

उत्तर: टीका-बाना वाले लोग बाहर से धार्मिक या साधु जैसे दिखते हैं, लेकिन अंदर से बुरे विचारों से भरे होते हैं।

(घ) बहस करे ले बने चुप रहना है, काबर?

उत्तर:क्योंकि फालतू बहस से झगड़ा और तनाव बढ़ता है। चुप रहने से शांति बनी रहती है और समस्या नहीं बढ़ती।

(ड) मूड सलामत रहे ले का मिलथे?

उत्तर: अगर सिर सलामत है तो बार-बार पगड़ी (सम्मान) पहनने का मौका मिलता है। इसी तरह जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ी पूंजी है।

प्रश्न 2. खाल्डे लिखाय दोहा के अर्थ लिखव-

(क)धुर्रा-माटी ल घलो, कभु समझै झन नीच।
पालन-पोसन इहि करय, कमल फुलय इहि कीच।।

उत्तर: धूल-मिट्टी को कभी तुच्छ मत समझो। इसी मिट्टी से अन्न पैदा होता है और सुंदर कमल जैसे फूल भी कीचड़ से ही खिलते हैं।

(ख) चारी-चुगली ल समझ, खजरी खसरा रोग।
खजुवावत सुख होत हे, पाछू दुख ल भोग।।

उत्तर: चोरी और चुगली करना पहले तो अच्छा लगता है, पर बाद में भारी नुकसान और दुख देता है, जैसे खजरी और खसरा रोग।

(ग) मूँड सलामत हे अगर, पागा मिलय पचास।
हाथ-गोड़ के रहत ले, कर दूसर नहिं आस।।

उत्तर: अगर सिर और हाथ-पैर सलामत हैं तो बार-बार सम्मान मिल सकता है और हमें दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। खुद मेहनत से सब कुछ पाया जा सकता है।

✏️ प्रश्न 4. ओ दोहा ल छाँट के लिखव-

(क) जेन म "फर खाय ले काम, पेड़ गिने के का काम" के प्रयोग होय हे -

उत्तर: जउन गाँव जाना नहीं, पूछे के का काम।
पेड़ गिनाई बिरथ है, फर खाये ले काम।।

(ख) जेन म मूँड अउ पागा के बात है -

उत्तर: मूँड सलामत हे अगर, पागा मिलय पचास।
हाथ-गोड़ के रहत ले, झन कर दूसर आस।।

(ग) जेन म बात ले बात सेंवरे बिगड़े के बात केहे गे हे -

उत्तर: बात निकलथे बात ले, सॅवस्य बिगड्य बात।
बात-बात दुध-भात है, बात म जूता लात।।

(घ) जेन म गरीब अउ अपन ले छोटे पद वाले मनखे के अपमान नइ करना चाही, केहे गे हे -

उत्तर: धुर्रा-माटी ल घलो, कभु न समझ नीच।
पालन-पोसन इहि करय, कमल फुलय इहि कीच।।

(ड.) जेन म बात म दूध-भात मिल सकथे अउ बात म जूता-लात घलो मिल सकथे, केहे गे हे -

उत्तर: बात निकलथे बात ले, सॅवस्य बिगड्य बात।
बात-बात दुध-भात है, बात म जूता लात।।

✏️ उलटा शब्द (विरोधी)

संत = असंत

बाहिर = भीतर

सुख = दुख

महुरा = अमृत

✏️ समान ध्वनि वाले शब्द लिखव (जइसे - नीच-कीच)

(1) नीच - कीच

(2) बात - लात

(3) रोग - भोग

(4) गिनाई - बिरथ

✏️ जोड़ा शब्द लिखव (जइसे - धुर्रा-माटी)

(1) धुर्रा-माटी

(2) टीका-बाना

(3) हाथ-गोड़

(4) पालन-पोसन

✏️ पर्यायवाची शब्द लिखव

चिटकुन = फूल

पागा = पगड़ी (सम्मान चिह्न)