Chapter 22
महापुरुषों का बचपन
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1. बचपन को हमारे जीवन में क्यों महत्वपूर्ण माना गया है?
उत्तर: बचपन को हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण इसलिए माना गया है क्योंकि इसी समय भविष्य की नींव पड़ती है। बचपन में सीखी गई बातें और घटनाएँ जीवन भर पर असर डालती हैं।
2. महान व्यक्तियों के बचपन में घटी घटनाओं से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: महान व्यक्तियों के बचपन में घटी घटनाएँ हमें साहस, सच्चाई, देशभक्ति और सही दिशा में चलने की प्रेरणा देती हैं।
3. शाहजी ने शिवा को दरबार में क्यों ले जाना चाहा?
उत्तर: शाहजी ने सोचा कि एक न एक दिन शिवा को भी दरबार में नौकरी करनी पड़ेगी, इसलिए दरबार के नियम-कायदों का ज्ञान कराने के लिए उसे अपने साथ ले जाना उचित होगा।
4. दरबार में पहुँचकर शाहजी ने क्या किया?
उत्तर: दरबार में पहुँचकर शाहजी ने सुल्तान के सामने तीन बार झुककर कोर्निश की और फिर शिवा से भी प्रणाम करने के लिए कहा।
5. शिवा ने सुल्तान को प्रणाम क्यों नहीं किया?
उत्तर: शिवा ने कहा कि उसकी पूजनीय केवल उसकी माँ भवानी हैं और वह केवल उन्हीं को प्रणाम करता है। इसलिए उसने सुल्तान को प्रणाम नहीं किया।
प्रश्न 6. शाहजी ने शिवा के व्यवहार को सुल्तान के सामने कैसे समझाया?
उत्तर: शाहजी ने सुल्तान से विनम्रता से कहा कि शिवा अभी बच्चा है और दरबार के तौर-तरीके नहीं जानता है, इसलिए उसे माफ कर दिया जाए।
7. 'पूत के पाँव पालने में' इस लोकोक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस लोकोक्ति का अर्थ है कि किसी व्यक्ति के गुण और भविष्य के संकेत उसके बचपन से ही दिखाई देने लगते हैं।
8. पिता के डाँटने पर पुत्र ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर: पुत्र ने कहा, "पिता जी, माता-पिता, गुरु और माँ भवानी के अलावा यह सिर और किसी के आगे नहीं झुक सकता।"
9. निरीक्षण के समय मोहन ने कौन-सा शब्द गलत लिखा था?
उत्तर: निरीक्षण के समय मोहन ने 'कैटल' (KETTLE) शब्द गलत लिखा था।
10. अध्यापक ने मोहन को क्या संकेत किया?
उत्तर: अध्यापक ने बूट से ठोकर मारकर मोहन को इशारा किया कि वह आगे बैठे लड़के की स्लेट देखकर शब्द सही कर ले।
11. मोहन ने अध्यापक के इशारे के बाद क्या किया?
उत्तर: मोहन ने नकल नहीं की क्योंकि वह सोचता था कि परीक्षा में अध्यापक इसलिए होते हैं कि कोई छात्र नकल न कर सके।
12. मूँगफली के छिलके देखकर शिक्षक का व्यवहार कैसा था?
उत्तर: मूँगफली के छिलके देखकर शिक्षक बहुत क्रोधित हो गए और उन्होंने छात्रों से सख्ती से पूछताछ शुरू कर दी।
13. जब किसी ने मूँगफली फैलाने वाले का नाम नहीं बताया, तो शिक्षक ने क्या किया?
उत्तर: शिक्षक ने हर छात्र के हाथ पर बेंत से मार लगाई।
14. पाँचवें छात्र ने शिक्षक से क्या कहा?
उत्तर: पाँचवें छात्र ने कहा, "श्रीमान जी! न मैंने मूँगफली खाई, न छिलके फेंके। मैं दूसरों की चुगली नहीं करता, इसलिए नाम भी नहीं बताऊँगा। मैंने कोई अपराध नहीं किया है, इसलिए मैं मार भी नहीं खाऊँगा।"
15. "तुझे भी मेरे साथ दरबार में चलना है।"
उत्तर: शाहजी ने शिवा से कहा जब वे बीजापुर के सुल्तान के दरबार में जाने की तैयारी कर रहे थे।
16. "मेरा पुत्र असत्य नहीं बोलता।"
उत्तर: तेजस्वी पिता ने प्रधानाध्यापक से कहा जब वे अपने पुत्र के साथ विद्यालय गए थे।
17. "हुजूर! यह अभी बच्चा है।"
उत्तर: शाहजी ने सुल्तान से कहा जब शिवा ने सुल्तान को प्रणाम करने से मना कर दिया था।
18. "मैं दूसरों की चुगली नहीं करता।"
उत्तर: कक्षा के पाँचवें छात्र ने शिक्षक से कहा जब शिक्षक ने मूँगफली के छिलकों के बारे में पूछताछ की थी।
✨ छोटे प्रश्न-उत्तर
1. मोहन ने नकल क्यों नहीं की?
उत्तर: क्योंकि मोहन का विश्वास था कि परीक्षा में नकल नहीं करनी चाहिए।
2. शिक्षक ने छात्रों से क्या पूछा?
उत्तर: शिक्षक ने पूछा कि मूँगफली के छिलके किसने फैलाए हैं।
3.क. शिवाजी अपने पिता का सम्मान करते थे पर उन्होंने दरबार में अपने पिता का आदेश नहीं माना। उन्होंने ऐसा क्यों किया?
उत्तर: शिवाजी अपने पिता का सम्मान करते थे, लेकिन उन्होंने दरबार में अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। वे केवल माता-पिता, गुरु और माँ भवानी को ही प्रणाम योग्य मानते थे। इसलिए उन्होंने सुल्तान को प्रणाम नहीं किया।
4. बालक मोहन ने अध्यापक का इशारा पाकर भी नकल नहीं की। यदि तुम मोहन की जगह पर होते तो क्या करते?
उत्तर: यदि मैं मोहन की जगह होता, तो मैं भी नकल नहीं करता, क्योंकि नकल करना गलत है और हमें सच्चाई और ईमानदारी का पालन करना चाहिए।
5. क्या कभी तुम्हारे साथ ऐसा हुआ है कि तुम्हारे गलती की सजा तुम्हें मिली हो?
उत्तर: हां, एक बार मैंने कक्षा में शोर मचाया था और शिक्षक ने मुझे पूरे दिन के लिए कक्षा से बाहर कर दिया था। मुझे समझ में आ गया कि शोर मचाना न सिर्फ मुझे, बल्कि अन्य छात्रों को भी परेशान करता है, इसलिए मैंने भविष्य में ऐसा नहीं किया।
6. महापुरुषों को उनके कार्यों के कारण जाना जाता है। तुमको भी सभी लोग जाने इसके लिए तुम क्या-क्या करोगे?
उत्तर: मैं भी महापुरुषों के रास्ते पर चलने की कोशिश करूंगा। अपने अच्छे कार्यों से, जैसे कि दूसरों की मदद करना, ईमानदार रहना, और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना, मैं अपना योगदान दूंगा। जब लोग मेरे कार्यों को पहचानेंगे, तब मुझे भी महापुरुषों की तरह सम्मान मिलेगा।
7. नकल करना किसे कहते हैं? क्या नकल करना अच्छा होता है?
उत्तर: नकल करना का मतलब है, किसी अन्य व्यक्ति के उत्तर, विचार या कार्य को बिना अपने दिमाग का प्रयोग किए, बस कॉपी करना। नकल करना न तो सही है और न ही अच्छा। यह हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाता है और हमारे ज्ञान और मेहनत को प्रभावित करता है। नकल करने से हम अपने असली कौशल का विकास नहीं कर पाते और यह हमारी ईमानदारी के खिलाफ है। इसलिए हमें नकल नहीं करनी चाहिए और हमेशा अपनी मेहनत और ईमानदारी से काम करना चाहिए।