Chapter 2
हमारा पर्यावरण
------------------
1: पर्यावरण क्या है?
उत्तर: हमारे चारों ओर पाई जाने वाली सभी चीजें जैसे हवा, पानी, मिट्टी, पौधे और जन्तु मिलकर पर्यावरण बनाते हैं।
2: पर्यावरण के कितने प्रकार के घटक होते हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर: पर्यावरण के दो प्रकार के घटक होते हैं:
सजीव घटक – जैसे पौधे और जन्तु
निर्जीव घटक – जैसे वायु, जल, मिट्टी, प्रकाश आदि
3: सजीव घटकों में कौन-कौन शामिल होते हैं?
उत्तर: सजीव घटकों में पौधे और जन्तु शामिल होते हैं।
4: पौधों का रंग हरा क्यों होता है?
उत्तर: पौधों का रंग हरा क्लोरोफिल नामक पदार्थ के कारण होता है।
5: स्वपोषी और परपोषी में क्या अंतर है?
उत्तर: स्वपोषी (Autotroph): वे जीव जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, जैसे हरे पौधे।
परपोषी (Heterotroph): वे जीव जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते और अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं, जैसे जन्तु।
6: जन्तुओं के प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर: जन्तुओं के तीन प्रकार होते हैं:
शाकाहारी – जैसे गाय, हिरण
मांसाहारी – जैसे बाघ, भेड़िया
सर्वाहारी – जैसे मनुष्य, कौआ
7: उत्पादक और उपभोक्ता किसे कहते हैं?
उत्तर: उत्पादक: वे जीव जो भोजन स्वयं बनाते हैं, जैसे हरे पौधे।
उपभोक्ता: वे जीव जो अन्य जीवों से भोजन प्राप्त करते हैं, जैसे जन्तु।
8: जीवन का जाल (Web of Life) क्या है?
उत्तर: जीवन का जाल एक खेल के रूप में किया जाने वाला अभ्यास है, जिसमें यह समझाया जाता है कि पर्यावरण के सभी घटक – सजीव और निर्जीव – एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं।
9: इस खेल के लिए कितने कार्ड तैयार किए जाते हैं और उन पर क्या लिखा होता है?
उत्तर: इस खेल के लिए लगभग 25 कार्ड बनाए जाते हैं। हर कार्ड पर एक पर्यावरण घटक का नाम लिखा जाता है जैसे – सूरज, पानी, मिट्टी, पौधे, जानवर आदि।
10: इस खेल में किन वस्तुओं का उपयोग होता है?
उत्तर: लगभग 25 कार्ड (पोस्टकार्ड या निमंत्रण पत्र से कटे हुए)।
कार्ड पर बड़े-मोटे अक्षरों में घटकों के नाम।
250 फीट लंबी बोरा सुतली।
11: इस खेल का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस खेल का उद्देश्य विद्यार्थियों को यह समझाना है कि सभी जीव और प्रकृति के घटक जैसे – सूरज, पौधे, जानवर, मिट्टी, जल आदि – एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और किसी एक के नष्ट हो जाने से पूरे जीवन-चक्र पर असर पड़ता है।
12: खेल की शुरुआत कैसे होती है?
उत्तर: सभी विद्यार्थियों को एक-एक कार्ड दिया जाता है जिसे वे अपने कपड़े पर लगाते हैं।
फिर शिक्षक के निर्देश पर सजीव घटक बाँयी ओर और निर्जीव घटक दाँयी ओर खड़े हो जाते हैं।
इसके बाद सुतली की सहायता से यह दिखाया जाता है कि कौन किससे जुड़ा है, जिससे जीवन का जाल बनता है।
13: क्या यह खेल किसी एक कक्षा के लिए सीमित है?
उत्तर: नहीं, इस खेल में 25 से अधिक या कम विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। घटकों के नाम भी आवश्यकतानुसार बदले जा सकते हैं।
14: इस खेल से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: इस खेल से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि यदि एक घटक भी नष्ट हो जाए तो पूरे पर्यावरणीय संतुलन पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सभी घटक आवश्यक हैं और आपस में जुड़े हुए हैं।
15: 'जीवन का जाल' (Web of Life) खेल कैसे खेला जाता है?
उत्तर: इस खेल में सभी विद्यार्थियों को पर्यावरण के घटकों (जैसे सूरज, नदी, साँप, आम का पेड़ आदि) के नाम वाले कार्ड दिए जाते हैं। वे सजीव और निर्जीव घटकों के अनुसार दो समूहों में खड़े होते हैं। फिर सुतली की मदद से यह दिखाया जाता है कि सभी घटक एक-दूसरे से जुड़े हैं, जिससे एक "जाल" बनता है। यह जाल दर्शाता है कि पर्यावरण के सभी घटक परस्पर निर्भर हैं।
16: यदि किसी एक घटक को जीवन के जाल से हटा दिया जाए तो क्या होता है?
उत्तर: यदि किसी एक घटक को हटाया जाए (जैसे एक खिलाड़ी अपनी उँगली से सुतली खोलता है), तो जाल ढीला हो जाता है। इसका मतलब है कि किसी घटक की अनुपस्थिति से पर्यावरण असंतुलित हो सकता है।
17: क्या पर्यावरण का कोई ऐसा घटक है जिसके न होने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता?
उत्तर: नहीं, पर्यावरण का हर घटक महत्वपूर्ण है। किसी भी घटक की अनुपस्थिति से पर्यावरण पर असर पड़ता है क्योंकि सभी घटक एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।
18: खाद्य श्रृंखला (Food Chain) क्या होती है?
उत्तर: खाद्य श्रृंखला वह क्रम है जिसमें एक जीव दूसरे जीव को खाता है। जैसे –
काई → मछली → मनुष्य → शेर
यह दर्शाता है कि ऊर्जा एक जीव से दूसरे जीव में कैसे स्थानांतरित होती है।
19: खाद्य श्रृंखला का खेल कैसे खेला जाता है?
उत्तर: खेल में सभी खिलाड़ी अपने कार्ड के अनुसार एक क्रम में खड़े होते हैं। उदाहरण:
काई कार्ड वाला खिलाड़ी सबसे पहले खड़ा होता है।
फिर मछली कार्ड वाला खिलाड़ी आता है, क्योंकि वह काई खाती है।
फिर मनुष्य आता है, जो मछली खाता है।
फिर शेर आता है, जो मनुष्य को खा सकता है (कल्पनात्मक रूप में)।
इस तरह एक खाद्य श्रृंखला बनती है।
20: खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा किससे शुरू होती है?
उत्तर: ऊर्जा की शुरुआत सूरज से होती है। सूरज की ऊर्जा से पौधे भोजन बनाते हैं, फिर यह ऊर्जा क्रमशः शाकाहारी, मांसाहारी और सर्वाहारी जीवों में पहुँचती है।
21: खाद्य श्रृंखला में असंतुलन किससे होता है?
उत्तर: यदि किसी एक जीव या घटक की संख्या कम हो जाए या वह विलुप्त हो जाए, तो पूरी खाद्य श्रृंखला पर असर पड़ता है। इससे पारिस्थितिकी असंतुलित हो जाती है।
22: "खाद्य जाल" (Food Web) क्या है?
उत्तर: जब एक ही जीव कई खाद्य श्रृंखलाओं में शामिल होता है और अनेक जीव एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, तो यह मिलकर एक जाल की तरह बन जाता है जिसे खाद्य जाल कहते हैं। जैसे मछली को मेंढक भी खा सकता है और मनुष्य भी।
23: पौधे और जन्तु एक-दूसरे पर कैसे निर्भर होते हैं? कोई उदाहरण दीजिए।
उत्तर: जन्तु भोजन, आश्रय, और प्रजनन के लिए पौधों पर निर्भर होते हैं। जैसे पक्षी पेड़ों पर घोंसला बनाते हैं, कीट पेड़ों पर रहते हैं, और जन्तु परागण व बीजों के फैलाव में मदद करते हैं। इसी प्रकार पौधे परागण व प्रकीर्णन के लिए जन्तुओं पर निर्भर रहते हैं।
24: प्रकीर्णन (Seed Dispersal) क्या है?
उत्तर: जब बीज या फल जन्तुओं के शरीर से चिपककर या उनके माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचते हैं, तो इसे प्रकीर्णन कहते हैं। इससे पौधों का विस्तार होता है।
25: घटकों के ढीले होने से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: यदि पर्यावरण का कोई घटक जैसे वायु, जल, या मिट्टी दूषित हो जाए या अनुपस्थित हो जाए, तो सभी जीव प्रभावित होते हैं। इसे ही पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं। इससे पारिस्थितिक असंतुलन उत्पन्न होता है।
🌿 खाद्य श्रृंखला के और उदाहरण (More Food Chain Examples)
घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → गिद्ध
गेहूँ → चूहा → बिल्ली → कुत्ता
फूल → तितली → मेंढक → बाज
पत्तियाँ → हिरण → बाघ
26: वायु प्रदूषण क्या है?
उत्तर: जब वाहनों, चूल्हों, कारखानों और खेतों में जलाए गए कचरे से निकलने वाले धुएँ और हानिकारक गैसें वायु में मिल जाती हैं, तो वायु प्रदूषित हो जाती है। इसे वायु प्रदूषण कहते हैं।
27: वायु प्रदूषण से जीवधारियों को क्या हानि होती है?
उत्तर: वायु प्रदूषण से आँखों में जलन, साँस लेने में तकलीफ़, फेफड़ों की बीमारी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यह मनुष्यों, जानवरों और पौधों के लिए हानिकारक है।
28: वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर: वाहनों का कम उपयोग करें या सार्वजनिक परिवहन अपनाएँ।
कूड़ा-कचरा न जलाएँ।
पेड़ लगाएँ, जिससे हवा शुद्ध हो।
कारखानों से निकलने वाले धुएँ को फिल्टर से साफ करें।
खेतों में फसल अवशेष न जलाएँ।
29: जल प्रदूषण क्या है?
उत्तर: जब नालियों, गटरों और कारखानों का विषैला पानी तालाबों, नदियों और जलस्रोतों में मिलकर उन्हें गंदा कर देता है, तो इसे जल प्रदूषण कहते हैं।
30: जल प्रदूषण को रोकने के उपाय क्या हो सकते हैं?
उत्तर: गंदे पानी और कचरे को सीधे जल स्रोतों में न डालें।
कारखानों के अपशिष्ट को शुद्ध करके ही बहाएँ।
घर की नालियों को जलाशयों से जोड़ने से पहले साफ करें।
लोगों को जल की सफाई और बचत के प्रति जागरूक करें।
31: वर्षा जल संग्रहण क्या है?
उत्तर: बारिश के पानी को इकट्ठा करके उसे टैंकों या ज़मीन में पहुँचाकर बाद में उपयोग करना वर्षा जल संग्रहण कहलाता है। इससे जल की बचत और भूमि जल की पुनः पूर्ति होती है।
32: वर्षा जल संग्रहण के दो तरीके बताइए।
उत्तर: छत से पाइप द्वारा पानी को भंडारण टैंक या गड्ढे में एकत्र करना।
सड़कों के किनारे की नालियों से जल को भूमि में रिसाव द्वारा पहुँचाना।
भूमि प्रदूषण (Soil Pollution)
33: भूमि प्रदूषण क्या है?
उत्तर: जब खेतों में अधिक मात्रा में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है, तो इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है और भूमि प्रदूषित हो जाती है। इसे भूमि प्रदूषण कहते हैं।
34: भूमि प्रदूषण को रोकने के उपाय क्या हैं?
उत्तर: रासायनिक खादों का कम उपयोग करें।
प्राकृतिक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग करें।
जैविक खेती को बढ़ावा दें।
कीटनाशकों का सीमित मात्रा में ही उपयोग करें।
ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution)
35: ध्वनि प्रदूषण क्या है?
उत्तर: जब वाहनों के हॉर्न, मशीनों, लाउडस्पीकर आदि से अत्यधिक तेज़ आवाजें निकलती हैं, जिससे मनुष्यों को परेशानी होती है, तो इसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
36: ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव क्या होते हैं?
उत्तर: सुनने की क्षमता कम हो जाती है।
सिरदर्द और चक्कर आ सकते हैं।
चिड़चिड़ापन बढ़ता है।
मनुष्य मानसिक रूप से परेशान हो सकता है।
37: ध्वनि प्रदूषण को कम करने के उपाय बताइए।
उत्तर: लाउडस्पीकर और हॉर्न का सीमित उपयोग करें।
कारखानों में ध्वनि अवरोधक उपकरण लगाएँ।
रिहायशी इलाकों में ध्वनि सीमा का पालन करें।
वृक्षारोपण करें क्योंकि पेड़ ध्वनि को अवशोषित करते हैं।
वन संरक्षण, वृक्षारोपण और वन्य जीवों की सुरक्षा
38: वनों की कटाई से क्या हानि होती है?
उत्तर: वनों की कटाई से वन्य जीवों का जीवन असुरक्षित हो जाता है, खाद्य श्रृंखला टूट जाती है और प्राकृतिक असंतुलन उत्पन्न होता है।
39: वन और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
उत्तर: अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान बनाए गए हैं।
वृक्षारोपण किया जा रहा है।
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम लागू किए गए हैं।
लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
40: छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख वनस्पतियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: साल, सागौन, बीजा, शीशम, बाँस, तेंदू, महुआ, सरई, सेमल आदि।
41: छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख वन्य जीव कौन-कौन से हैं?
उत्तर: खरगोश, चीतल, सांभर, कोटरी, नीलगाय, भालू, शेर, तेंदुआ, लकड़बग्घा, हाथी, बायसन आदि।
42: छत्तीसगढ़ राज्य में प्रमुख पक्षी और साँपों की प्रजातियाँ कौन सी हैं?
उत्तर: पक्षी: पहाड़ी मैना, कोयल, दूधराज, मोर, बगुला आदि।
सर्प: नाग, करैत, अजगर, धामन आदि।
43: आदिवासी वनों पर किस प्रकार निर्भर हैं?
उत्तर: वे वनों से लकड़ी, फल, औषधियाँ, तेंदूपत्ता, महुआ आदि प्राप्त करते हैं और उनका जीवन पूर्णतः वनों पर आश्रित होता है।
44: यदि अधिक वर्षा हो तो क्या होता है?
उत्तर:अत्यधिक वर्षा से नदी-नालों में पानी का स्तर बढ़ जाता है, जिससे बाढ़ आ सकती है।
बाढ़ से फसलें, पशु और मानव संपत्ति को हानि पहुँचती है।
बाढ़ के बाद कीचड़ में जलजीव मर जाते हैं और बीमारियाँ फैलती हैं।
45: यदि बहुत समय तक वर्षा न हो तो क्या होता है?
उत्तर: लंबे समय तक वर्षा न होने से कुएँ, तालाब सूख जाते हैं और सूखा पड़ता है।
मिट्टी सूख जाती है और फसलें तथा चारा नहीं मिल पाता।
इससे मनुष्य, पशु और वनस्पतियों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
46: जल का विवेकपूर्ण उपयोग क्यों आवश्यक है?
उत्तर: पृथ्वी पर उपयोग योग्य जल की मात्रा सीमित है और जनसंख्या तथा अति उपयोग के कारण यह घट रही है।
इसलिए जल को बचाने के लिए उसका विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक है।
47: पर्यावरण किससे बनता है?
उत्तर: सजीव और निर्जीव घटकों से मिलकर पर्यावरण बनता है।
48: सजीव और निर्जीव घटकों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर: सजीव घटक: पौधे, जानवर, मनुष्य आदि।
निर्जीव घटक: प्रकाश, ताप, जल, वायु, मिट्टी, खनिज आदि।
49: प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है?
उत्तर: वृक्षारोपण करें।
जल, वायु, ध्वनि और भूमि का संरक्षण करें।
वन्य जीवों की सुरक्षा करें।
कचरा जलाने से बचें और पर्यावरण नियमों का पालन करें।
🔶 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
1. पर्यावरण क्या है?
उत्तर: सजीव और निर्जीव घटकों से मिलकर जो प्राकृतिक व्यवस्था बनती है, उसे पर्यावरण कहते हैं।
2. उत्पादक और उपभोक्ता में क्या अंतर है?
उत्तर: उत्पादक: वे जीव जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, जैसे — पेड़-पौधे।
उपभोक्ता: वे जीव जो अपना भोजन दूसरों से प्राप्त करते हैं, जैसे — मनुष्य, जानवर।
3. सजीव तथा निर्जीव परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर हैं, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: पौधे (सजीव) मिट्टी, जल, वायु, प्रकाश (निर्जीव) पर निर्भर होते हैं। जानवर पौधों पर भोजन के लिए निर्भर रहते हैं। इस प्रकार सजीव और निर्जीव एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं।
4. खाद्य श्रृंखला से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: खाद्य श्रृंखला वह क्रम है जिसमें एक जीव दूसरे जीव पर भोजन के लिए निर्भर होता है। जैसे:
घास → हिरण → शेर
5. यदि कम वर्षा हो तो क्या होगा?
उत्तर: कम वर्षा से सूखा पड़ सकता है, फसलें नहीं उगतीं, तालाब सूख जाते हैं और पानी की कमी हो जाती है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए (Answer the following questions)
1. पर्यावरण क्या है?
उत्तर: सजीव और निर्जीव घटकों का वह समूह, जिसमें हम रहते हैं और जो हमारे जीवन को प्रभावित करता है, उसे पर्यावरण कहते हैं।
2. उत्पादक और उपभोक्ता में क्या अंतर है?
उत्तर: उत्पादक (जैसे—हरे पौधे) स्वयं भोजन बनाते हैं जबकि उपभोक्ता (जैसे—जानवर) अपना भोजन दूसरों से प्राप्त करते हैं।
3. सजीव तथा निर्जीव परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर हैं, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: पौधे (सजीव) मिट्टी, जल, वायु (निर्जीव) पर निर्भर हैं और पशु-पक्षी भोजन व आश्रय के लिए पेड़ों पर निर्भर होते हैं। यह परस्पर निर्भरता है।
4. खाद्य श्रृंखला से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: भोजन प्राप्त करने की वह कड़ी जिसमें एक जीव दूसरे पर निर्भर रहता है, उसे खाद्य श्रृंखला कहते हैं।
5. यदि कम वर्षा हो तो क्या होगा?
उत्तर: यदि कम वर्षा हो तो सूखा पड़ता है, जल स्रोत सूख जाते हैं, फसलें नहीं होतीं, चारा और पीने के पानी की कमी हो जाती है।
7. वन्य जीवों की सुरक्षा के उपाय लिखिए।
उत्तर: शिकार पर प्रतिबंध
जंगलों की कटाई पर रोक
अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
जागरूकता अभियान