Chapter 8

गजल


1. प्रश्न: कवि के अनुसार अगर शौक दिखने का है, तो कहाँ दिखना चाहिए?

उत्तर: कवि के अनुसार अगर शौक दिखने का है तो नींव के अंदर दिखना चाहिए, क्योंकि नींव का महत्व असली होता है।


2. प्रश्न: अगर चल पड़ो तो कैसे दिखो?

उत्तर: अगर चल पड़ो तो गर्द बनकर आसमानों पर लिखो यानी प्रभावशाली तरीके से आगे बढ़ो।


3. प्रश्न: बैठने पर व्यक्ति को कैसा बनना चाहिए?

उत्तर: बैठने पर व्यक्ति को मील का पत्थर बनकर दिखना चाहिए, जो दूसरों के लिए मार्गदर्शक बने।


4. प्रश्न: केवल देखने के लिए दिखना किसे नहीं माना गया है?

उत्तर: केवल देखने के लिए दिखना सच्चा दिखना नहीं माना गया है; सच्चे अर्थों में आदमी को 'आदमी' बनकर दिखना चाहिए।


5. प्रश्न: कवि के अनुसार आदमी को किस तरह का आईना बनना चाहिए?

उत्तर: ऐसा आईना जो पत्थरों के शहर में भी जिंदगी की शक्ल दिखाए और टूटकर बिखरे नहीं।


6. प्रश्न: दिल की जलन को महसूस करने के लिए कवि क्या सुझाव देता है?

उत्तर: कवि कहता है कि मोम के भीतर धागे-सा जलकर ही किसी की दिल की जलन को महसूस किया जा सकता है।


?7. प्रश्न: जुगनू कवि से क्या कहता है

उत्तर: जुगनू कहता है कि मैं तुम्हारे साथ हूँ, और तुम वक्त की धुंध में रोशनी बनकर दिखो।


8. प्रश्न: 'मर्यादा' किसके लिए चनी गई है?

उत्तर: मर्यादा हम सभी के लिए चनी गई है।


9. प्रश्न: मोती बनने के लिए कहाँ दिखना चाहिए?

उत्तर: मोती बनने के लिए सीप के अंदर दिखना चाहिए।


10. प्रश्न: नाजुक कली फूल बनने से क्यों डरती है?

उत्तर: क्योंकि फूल बनने के बाद वह तितली के टूटे पंख पर चढ़कर मुरझा सकती है या टूट सकती है।


11. प्रश्न: कवि तितली के किस रूप को प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है?

उत्तर: तितली के टूटे पर को प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है—यह खतरे और नाश की ओर संकेत करता है।


12. प्रश्न: कवि किस तरह की शक्ल भीड़ में देखना चाहता है?

उत्तर: कवि ऐसी शक्ल देखना चाहता है, जिसे देखते ही उसे 'तुम' का अहसास हो—यानी वह व्यक्ति हर किसी में अपनी प्रेरणा को देख सके।


13. प्रश्न: इस कविता में 'दिखने' का अर्थ क्या है?

उत्तर: यहाँ 'दिखने' का अर्थ केवल भौतिक रूप से दिखने से नहीं, बल्कि प्रभावी, सार्थक और प्रेरक उपस्थिति से है।


14. प्रश्न: कवि का संदेश क्या है?

उत्तर: कवि का संदेश है कि जीवन में गहराई, प्रतिबद्धता, संवेदना और पहचान होनी चाहिए। केवल सतही रूप से नहीं, बल्कि भीतर से प्रेरक बनो।


15. प्रश्न: कविता का स्वर कैसा है – प्रेरणात्मक, आलोचनात्मक या व्यंग्यात्मक?

उत्तर: कविता का स्वर प्रेरणात्मक है। यह व्यक्ति को आत्मबोध, जिम्मेदारी और प्रभावशीलता की दिशा में प्रेरित करती है।

ANSWA BY BARASHA BORA