Chapter 5


सुमित्रानंदन पंत


1. निम्नलिखित प्राप्नों के उत्सा एक या दी पंक्तियों में दीजिए-

(1) पक्षी प्रातः उठकर क्या गाता है ?

उत्तर:पक्षी प्रातः उठकर सुंदर और सुखमय जीवन का गीत गाता है।

क्या दूसरा प्रश्न भी बताऊँ?


(2) तारों की पंक्तियों की आँखों का अनुभव क्या है ?

उत्तर:(2) तारों की पंक्तियों की आँखों का अनुभव क्या है?

उत्तर: तारे अपनी आँखों से अनुभव बताते हैं, जो शांत और मौन रहते हुए भी जीवन की गहराई और अनुभव की सटीकता को व्यक्त करते हैं। वे अपनी आँखों से बिना कहे बहुत कुछ सिखाते हैं।

क्या आपको तीसरा प्रश्न चाहिए?


(3) फूल हमें क्या संदेश देते हैं ?

उत्तर: फूल हमें हमेशा मुस्कुराने और जीवन में खुशियाँ बाँटने का संदेश देते हैं। वे अपने सौंदर्य और खुशबू से हमें सकारात्मकता और जीवन के प्रति प्रेम का अहसास कराते हैं।

क्या अगला प्रश्न चाहिए?


(4) लहरें किस उमंग में आगे बढ़ती जाती हैं ?

उत्तर:फूल हमें हमेशा मुस्कुराने और जीवन में खुशियाँ बाँटने का संदेश देते हैं। वे अपने सौंदर्य और खुशबू से हमें सकारात्मकता और जीवन के प्रति प्रेम का अहसास कराते हैं।

क्या अगला प्रश्न चाहिए?


(5) बुलबुला विलीन होकर क्या पा जाता है ?

उत्तर:बुलबुला विलीन होकर शांति और आंतरिक अनुभव पा जाता है। यह प्रतीक है जीवन के क्षणिक अस्तित्व का, जो नष्ट होकर ब्रह्म या शांति में विलीन हो जाता है। बुलबुला जीवन के अस्थिरता और समाप्ति को दर्शाता है, लेकिन उसका अंत एक नए रूप में समाहित हो जाता है।

क्या अगले प्रश्न का उत्तर चाहिए?


II. निम्नलिखित पढ्‌द्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-

(1) हँसमुख प्रसून सिखलाते

पल भर है, जो हँस पाओ. अपने उर की सौरभ से जग का आँगन भर जाओ।

उत्तर: भावार्थ:

यह पंक्तियाँ जीवन में खुशी और सकारात्मकता का संदेश देती हैं। "हँसमुख प्रसून" (मुस्कराते हुए फूल) हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में कठिनाइयाँ हो सकती हैं, लेकिन यदि हम कुछ पल के लिए भी हँस पाते हैं, तो वह हमारे जीवन को सुंदर बना देता है। "अपने उर की सौरभ" (दिल की खुशबू) से हम दुनिया को सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम दे सकते हैं। इससे न केवल हम खुद खुश रहते हैं, बल्कि हम दूसरों के जीवन को भी रोशन कर सकते हैं, जैसे फूलों की खुशबू से बगिया महक उठती है।

क्या मैं आगे भी इसी तरह का विश्लेषण करूँ?


(2) उठ उठ लहरें कहतीं यह हम कूल विलीक न पाएँ, पर इस उमंग में बह-बह नित आगे बढ़ती जाएँ।

उत्तर: भावार्थ:

यह पंक्तियाँ जीवन की निरंतर प्रगति और संघर्ष का प्रतीक हैं। लहरें (तरंगें) यह कहती हैं कि वे समुद्र के किनारे (कूल) नहीं ठहर सकतीं, लेकिन वे अपनी उमंग और उत्साह से निरंतर आगे बढ़ती जाती हैं। यह जीवन के संघर्ष को दर्शाती है, जहाँ हम असफलताओं और रुकावटों के बावजूद आगे बढ़ते जाते हैं। लहरों की तरह, हमें भी अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए, भले ही रास्ते में कठिनाइयाँ आएं।

क्या आप चाहते हैं कि मैं और पंक्तियों का अर्थ बताऊँ?