Chapter 10


विद्युत धारा

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न.9 विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता का मात्रक क्या होता है?

उत्तर: विशिष्ट प्रतिरोध (Resistivity) का मात्रक ओम मीटर (Ω·m) होता है। यह पदार्थ की विद्युत चालकता का माप है।


प्रश्न.10विद्युत धारा की परिभाषा दीजिये।

उत्तर: विद्युत धारा उस प्रवाह को कहते हैं जो आवेशित कणों (जैसे इलेक्ट्रॉन) के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक के प्रवाह के कारण उत्पन्न होता है। यह परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है: "विद्युत धारा एक सेकंड में किसी परिपथ के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक प्रवाहित होने वाले आवेश की मात्रा होती है।"


प्रश्न.11विद्युत विभव किसे कहते हैं?

उत्तर: विद्युत विभव (Electric Potential) किसी बिंदु पर विद्युत ऊर्जा का माप होता है जो एक इकाई सकारात्मक आवेश को उस बिंदु तक लाने में होती है। इसे वोल्ट (Volt) में मापा जाता है।


प्रश्न.12औम प्रतिरोध किसे कहते हैं?

उत्तर: औम प्रतिरोध (Ohmic Resistance) किसी चालक के भीतर आवेश प्रवाह के दौरान उत्पन्न होने वाली रुकावट को कहते हैं। इसे ओम के नियम द्वारा परिभाषित किया जाता है और यह चालक की लम्बाई, सामग्री, और तापमान पर निर्भर करता है।


प्रश्न.13प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट पर कैसे निर्भर करता है?

उत्तर: प्रतिरोध (Resistance) का उलट अनुप्रस्थ काट (Cross-sectional Area) के साथ होता है। यानी, जैसे-जैसे चालक का अनुप्रस्थ काट बढ़ता है, प्रतिरोध कम होता है, क्योंकि अधिक स्थान होता है जहां से धारा गुजर सकती है।


प्रश्न.14प्रतिरोधकता की परिभाषा दीजिये।

उत्तर: प्रतिरोधकता (Resistivity) एक सामग्री की विद्युत धारा के प्रवाह के प्रति प्रतिरोध को मापने का मानक है। यह किसी सामग्री की गुणवत्ता का सूचक है, और इसका मात्रक ओम मीटर (Ω·m) होता है। यह उस सामग्री के प्रकार पर निर्भर करता है, न कि आकार पर।


प्रश्न.15विद्युत शक्ति किसे कहते हैं?

उत्तर: विद्युत शक्ति (Electric Power) उस गति को कहते हैं जिसके साथ कोई कार्य विद्युत धारा द्वारा किया जाता है। इसे वाट (Watt) में मापा जाता है और इसे विद्युत विभव (V) और धारा (I) के गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जाता है: P = VI।


प्रश्न.16एक विद्युत बल्ब पर 100W 220V लिखा है इसका

उत्तर: यह विद्युत बल्ब 100 वाट की शक्ति और 220 वोल्ट के विभव पर कार्य करता है। इसका मतलब है कि यह बल्ब 220 वोल्ट पर 100 वाट की शक्ति ग्रहण करेगा। बल्ब पर 100W दर्शाता है कि वह कितनी शक्ति खपत करेगा।


प्रश्न.17घरों में विद्युत का संयोजन किन-किन प्रकार किया जाता है?

उत्तर: घरों में विद्युत का संयोजन आमतौर पर समानांतर परिपथ में किया जाता है, ताकि हर उपकरण (जैसे बल्ब, पंखा) को स्वतंत्र रूप से चालू और बंद किया जा सके, और अगर कोई एक उपकरण खराब हो जाए तो बाकी परिपथ पर इसका प्रभाव न पड़े



अतिलघुत्तरात्मक प्रश्नों

प्रश्न:20 दो प्रतिरोध तार एक ही पदार्थ के बने हुए हैं। उनकी लम्बाइयाँ समान हैं, यदि अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का अनुपात 2:11 है तो उनके प्रतिरोधों का अनुपात क्या होगा?

उत्तर: प्रतिरोध R1AR \propto \frac{1}{A}
∴ प्रतिरोधों का अनुपात = 112\frac{11}{2}


प्रश्न:21 विद्युत विभव एवं विभवान्तर को परिभाषित करो।
उत्तर:

  • विद्युत विभव: किसी बिंदु पर इकाई धनात्मक आवेश को लाने या हटाने में किया गया कार्य विद्युत विभव कहलाता है।

  • विभवान्तर: दो बिंदुओं के बीच विद्युत विभव का अंतर विभवान्तर कहलाता है। इसे वोल्ट में मापा जाता है।

प्रश्न22: प्रत्यावर्ती धारा जनित्र एवं दिष्ट धारा जनित्र में क्या अंतर है?

उत्तर:

विशेषता प्रत्यावर्ती धारा जनित्र दिष्ट धारा जनित्र
उत्पन्न धारा         धारा की दिशा समय के साथ बदलती है         धारा की दिशा स्थिर रहती है
वलय         दो अलग-अलग स्लिप रिंग         एक विभाजित वलय (कम्यूटेटर)
प्रयोग         घरेलू विद्युत आपूर्ति         बैटरियों, डीसी मोटर आदि


प्रश्न23: दक्षिणावर्त हस्त का नियम लिखो।

उत्तर: यदि हम अपने दाएँ हाथ को इस प्रकार रखें कि अँगूठा धारा की दिशा में हो तो मुड़ी हुई उंगलियाँ चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा दिखाती हैं। यह दक्षिणावर्त हस्त नियम (Right-Hand Thumb Rule) कहलाता है।


प्रश्न24: 1 किलोवाट घंटा में जूल की संख्या ज्ञात करें।

उत्तर:1 किलोवाट = 1000 वाट
1 घंटा = 3600 सेकंड
∴ 1 किलोवाट-घंटा = 1000×3600=36,00,0001000 \times 3600 = 36,00,000 जूल


प्रश्न25: जूल के तापन के नियम लिखो।

उत्तर: जूल का तापन नियम कहता है कि किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण उत्पन्न ऊष्मा:

H=I2Rt

जहाँ

HH = उत्पन्न ऊष्मा (जूल में),
II = धारा (एम्पीयर),
RR = प्रतिरोध (ओम),
tt = समय (सेकंड)


 निबंधात्मक प्रश्नों 

प्रश्न27. प्रत्यावर्ती धारा जनित्र की बनावट एवं कार्यविधि

उत्तर: 

बनावट:
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र (A.C. Generator) एक ऐसी युक्ति है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है। इसकी बनावट में निम्नलिखित भाग होते हैं:

  1. क्षेत्र चुम्बक (Field Magnet): नाल के आकार का स्थायी चुम्बक होता है जो एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।

  2. कुण्डली/आर्मेचर (Coil/Armature): तांबे की बनी आयताकार कुण्डली होती है जो लोहे के कोर पर लिपटी होती है।

  3. स्लिप रिंग (Slip Rings): कुण्डली के सिरों से जुड़ी दो स्वतंत्र धातु वलय होती हैं जो घूर्णन करती हैं।

  4. बुश (Brushes): कार्बन से बनी होती हैं, जो स्लिप रिंग्स को बाहरी परिपथ से जोड़ती हैं।

कार्यविधि:
जब कुण्डली को चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो उसमें चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है। फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण नियम के अनुसार इसमें प्रेरित धारा उत्पन्न होती है।

  • पहले आधे चक्र में धारा एक दिशा में बहती है।

  • अगले आधे चक्र में दिशा विपरीत हो जाती है।
    इसीलिये, जनित्र से मिलने वाली धारा प्रत्यावर्ती धारा होती है।


प्रश्न28. श्रेणीक्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध का सूत्र

उत्तर: 

परिपथ चित्र:
(यदि आप चाहें, मैं एक चित्र भेज सकता हूँ)

विश्लेषण:
यदि तीन प्रतिरोध R1,R2,R3R_1, R_2, R_3 श्रेणीक्रम में जुड़े हों, तो कुल प्रतिरोध का सूत्र:

R=R1+R2+R3R = R_1 + R_2 + R_3

विशेषताएँ:

  • धारा सभी प्रतिरोधों में समान होती है।

  • कुल विभवान्तर सभी विभवान्तरों का योग होता है।


प्रश्न29. समान्तर क्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध का सूत्र

उत्तर: 

परिपथ चित्र:
(चित्र के लिए भी कह सकते हैं)

विश्लेषण:
यदि तीन प्रतिरोध R1,R2,R3R_1, R_2, R_3 समान्तर क्रम में जुड़े हों, तो कुल प्रतिरोध:

1R=1R1+1R2+1R3\frac{1}{R} = \frac{1}{R_1} + \frac{1}{R_2} + \frac{1}{R_3}

विशेषताएँ:

  • सभी प्रतिरोधों में विभवान्तर समान होता है।

  • कुल धारा = सभी शाखाओं में प्रवाहित धाराओं का योग।




आँकिक प्रश्नों 

प्रश्न.30 1Ω 2Ω 3Ω के तीन प्रतिरोधों के संयोजन से प्राप्त अधिकतम व न्यूनतम प्रतिरोधात की।

उत्तर: 10Ω, 20Ω और 30Ω के तीन प्रतिरोधों से प्राप्त अधिकतम एवं न्यूनतम प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।

अधिकतम प्रतिरोध (श्रृंखला संयोजन में):
जब प्रतिरोध श्रृंखला (श्रेणीक्रम) में जोड़े जाते हैं:

Rmax=10+20+30=60 ΩR_{\text{max}} = 10 + 20 + 30 = \boxed{60\ \Omega}

न्यूनतम प्रतिरोध (समानांतर संयोजन में):
जब प्रतिरोध समानांतर में जोड़े जाते हैं:

1Rmin=110+120+130=6+3+260=1160Rmin=60115.45 Ω

\frac{1}{R_{\text{min}}} = \frac{1}{10} + \frac{1}{20} + \frac{1}{30} = \frac{6 + 3 + 2}{60} = \frac{11}{60} \Rightarrow R_{\text{min}} = \frac{60}{11} \approx \boxed{5.45\ \Omega}


प्रश्न 31. यदि किसी चालक तार में 10 मिली ऐम्पीयर की धारा

उत्तर: प्रवाहित करने पर इसके सिरों पर 25 बोल्ट का विभवान्तर उत्पन्न होता है तो बालक तार का प्रतिरोध ज्ञात करो।

I = 10 mA = 0.01 A
V = 25 V

प्रतिरोध RR ज्ञात करने के लिए ओम का नियम:

R=VI=250.01=2500 ΩR = \frac{V}{I} = \frac{25}{0.01} = \boxed{2500\ \Omega}

प्रश्न32. निन्न परिपथों में A B के मध्य तुल्य प्रतिरोधात करो।

उत्तर: आपने परिपथ का कोई चित्र नहीं दिया है। कृपया परिपथ (circuit diagram) का चित्र साझा करें ताकि A और B के मध्य तुल्य प्रतिरोध की सही गणना की जा सके।