Chapter 5

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्नों

प्रश्न12. लाल चींटी के डंक में कौन सा अम्ल पाया जाता है?

उत्तर: लाल चींटी के डंक में मिथेनिक अम्ल (Formic acid) पाया जाता है।


प्रश्न13. प्रोटॉन त्यागने वाले यौगिक क्या कहलाते हैं?

उत्तर: प्रोटॉन त्यागने वाले यौगिकों को अम्ल (Acid) कहते हैं।


प्रश्न14. उदासीनीकरण से क्या समझते हैं?

उत्तर: उदासीनीकरण (Neutralization) वह प्रक्रिया है, जिसमें एक अम्ल और एक क्षार मिलकर एक लवण और जल उत्पन्न करते हैं।


प्रश्न15. पेयजल को जीवाणुमुक्त कैसे किया जा सकता है?

उत्तर: पेयजल को जीवाणुमुक्त करने के लिए उबालना, क्लोरीन का प्रयोग या UV किरणों से उपचार किया जा सकता है।


प्रश्न.16 अम्ल से धात्यिक ऑक्साइड की अभिक्रिया किस प्रकार होती है? समीकरण दे।

उत्तर: अम्ल और धात्यिक ऑक्साइड की अभिक्रिया में लवण और जल बनता है। उदाहरण के लिए:

2HCl+FeOFeCl2+H2O


प्रश्न.17  pH में p एवं H किसको सूचित करते हैं?

उत्तर: pH में p का अर्थ है ऋणात्मक लॉग (Negative logarithm) और H का अर्थ है हाइड्रोजन आयन (Hydrogen ion concentration)



प्रश्न.18 हमारे उदर में उत्पन्न अत्यधिक अम्लता से राहत पाने के लिए क्या उपचार लेंगे?

उत्तर: उदर में अत्यधिक अम्लता से राहत पाने के लिए एंटासिड जैसे मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड या अल्यूमिनियम हाइड्रॉक्साइड का प्रयोग किया जाता है।



प्रश्न.19 सोडियम के दो लवणों का नाम लिखें।

उत्तर: सोडियम के दो लवणों के उदाहरण हैं:
सोडियम क्लोराइड (NaCl)
सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO₃)



प्रश्न.20 लुइस के अनुसार क्षार की परिभाषा दें।

उत्तर: लुइस के अनुसार, क्षार वह यौगिक है जो किसी अन्य यौगिक को एक इलेक्ट्रॉन युग्म (electron pair) प्रदान करता है।



प्रश्न.21 साबनीकरण किसे कहते हैं?

उत्तर: साबनीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें वसा अम्लों (Fatty acids) के सोडियम या पोटैशियम लवण (Sodium or potassium salts) का निर्माण होता है, जो साबुन कहलाते हैं।



प्रश्न.22 अपमार्जक की क्या विशेषता है?

उत्तर: अपमार्जक की विशेषता है कि यह कठोर और मृदु जल दोनों में कार्य करता है, जबकि साबुन केवल मृदु जल में ही कार्य करता है।



प्रश्न.23 हड्डी टूट जाने पर प्लास्टर चढ़ाने में किस यौगिक का प्रयोग किया जाता है?

उत्तर: हड्डी टूटने पर प्लास्टर चढ़ाने के लिए पेरिस प्लास्टर (Plaster of Paris, CaSO₄·½H₂O) का प्रयोग किया जाता है।


प्रश्न.24 एक विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता 1×10⁻² मोल/एल है। विलयन का pH मान ज्ञात करें। बताइए कि यह विलयन अम्लीय होगा या क्षारीय?


उत्तर:  pH = log[H+]

pH=log(1×102)=2

चूंकि pH 7 से कम है, यह विलयन अम्लीय है।


लघुत्तरात्मक प्रश्नों 

प्रश्न.25 दो प्रबल अम्ल एवं दो प्रबल क्षारों के नाम तथा उपयोग लिखें।

उत्तर:  

  • प्रबल अम्ल:

    1. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl):

      • उपयोग: पेट में अम्लता को कम करने के लिए, धातुओं की सफाई, रसायनिक उद्योग में।

    2. सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄):

      • उपयोग: उर्वरक उद्योग, रसायन उद्योग, बैटरियों में (लेड-असिड बैटरियां)।

  • प्रबल क्षार:

    1. सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH):

      • उपयोग: साबुन बनाने में, कागज उद्योग में, सिल्क उद्योग में, पेट्रोलियम शोधन में।

    2. पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH):

      • उपयोग: साबुन बनाने में, कृषि में उर्वरक के रूप में, जैव रसायन में प्रयोग।


प्रश्न.26 साबुन एवं अपमार्जक में अंतर बताइए।

उत्तर:  

  • साबुन:

    • यह वसा अम्लों के सोडियम या पोटैशियम लवण होते हैं।

    • साबुन केवल मृदु जल में कार्य करता है।

    • साबुन कठोर जल में काम नहीं करता, क्योंकि कैल्शियम और मैग्नीशियम आयन इसके साथ अवक्षेपित होते हैं।

    • उदाहरण: सोडियम स्टीयरेट (Sodium Stearate)।

  • अपमार्जक:

    • यह सिंथेटिक यौगिक होते हैं और साबुन की तरह ही सफाई कार्य करते हैं।

    • अपमार्जक कठोर और मृदु दोनों प्रकार के जल में कार्य करते हैं।

    • उदाहरण: सोडियम एल्किल सल्फेट (Sodium Alkyl Sulfate), सोडियम बेंजीन सल्फोनेट (Sodium Benzene Sulfonate)।


प्रश्न.27 आरेनियस के अनुसार अम्ल एवं क्षार की परिभाषाएँ लिखिए।

उत्तर:  

  • आरेनियस के अनुसार अम्ल:

    • अम्ल वह यौगिक है जो जल में घुलने पर हाइड्रोजन आयन (H⁺) प्रदान करता है।

    • उदाहरण: HCl → H⁺ + Cl⁻।

  • आरेनियस के अनुसार क्षार:

    • क्षार वह यौगिक है जो जल में घुलने पर हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) प्रदान करता है।

    • उदाहरण: NaOH → Na⁺ + OH⁻।


प्रश्न.28. pH किसे कहते हैं? अम्लीय एवं क्षारीय विलयनों की pH परास को स्पष्ट करें।

उत्तर:  

  • pH वह माप है जो किसी विलयन की हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता (H⁺) को मापता है।

    pH=log[H+]\text{pH} = -\log[H⁺]
  • अम्लीय विलयन:

    • pH 0 से 7 के बीच होता है।

    • अम्लीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H⁺) की सान्द्रता अधिक होती है।

  • क्षारीय विलयन:

    • pH 7 से अधिक होता है।

    • क्षारीय विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) की सान्द्रता अधिक होती है।


प्रश्न.29 क्रिस्टलन जल किसे कहते हैं? उदाहरण दें।

उत्तर:  

  • क्रिस्टलन जल वह जल होता है जो किसी ठोस यौगिक के क्रिस्टल संरचना में निश्चित अनुपात में होता है।

    • उदाहरण: पेरिस प्लास्टर (CaSO₄·½H₂O) में क्रिस्टलन जल होता है।


प्रश्न.30 क्या होता है जब-

उत्तर:  

  • (i) दही या खट्टे पदार्थों को धातु के बर्तनों में रखा जाता है:

    • दही या खट्टे पदार्थों में अम्ल (जैसे लैक्टिक अम्ल) होता है, जो धातु (जैसे लोहे या तांबे) के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं, जिससे धातु का क्षरण हो सकता है।

  • (ii) रात्रि में भोजन के पश्चात् दाँतों को साफ नहीं किया जाता है:

    • भोजन के अवशेष दांतों पर एक परत बनाते हैं, जो बैक्टीरिया के द्वारा सड़ सकते हैं और दाँतों में सड़न (कैविटी) उत्पन्न हो सकती है।


प्रश्न.31 एक यौगिक A अम्ल H₂SO₄ से क्रिया करता है तथा बुदबुदाहट के साथ गैस B निकालता है। गैस B जलाने पर फट-फट ध्वनि के साथ जलती है। A व B का नाम बताइए तथा अभिक्रिया का समीकरण दें।

उत्तर:  

  • यौगिक A है ज़िंक (Zn) और गैस B है हाइड्रोजन गैस (H₂)

  • अभिक्रिया का समीकरण:

    Zn+H2SO4ZnSO4+H2Zn + H_2SO_4 \rightarrow ZnSO_4 + H_2 \uparrow

    जब हाइड्रोजन गैस जलती है, तो यह फट-फट ध्वनि के साथ जलती है।


    निबंधात्मक प्रश्नों 

प्रश्न.33. ब्रांस्टेड-लोरी तथा लुइस के अनुसार अम्ल एवं क्षार को स्पष्टीकरण करें।

उत्तर:  

  • ब्रांस्टेड-लोरी परिभाषा:

    • अम्ल: वह पदार्थ जो एक या एक से अधिक प्रोटॉन (H⁺) त्यागता है, उसे अम्ल कहते हैं।
      उदाहरण: HCl (Hydrochloric acid) → H⁺ + Cl⁻

    • क्षार: वह पदार्थ जो एक या एक से अधिक प्रोटॉन (H⁺) ग्रहण करता है, उसे क्षार कहते हैं।
      उदाहरण: NH₃ (Ammonia) + H⁺ → NH₄⁺

    • उदाहरण:

      • अम्ल: HCl (Hydrochloric acid)

      • क्षार: NH₃ (Ammonia)

  • लुइस परिभाषा:

    • अम्ल: वह पदार्थ जो इलेक्ट्रॉन जोड़ी (electron pair) स्वीकार करता है, उसे लुइस के अनुसार अम्ल कहते हैं।
      उदाहरण: BF₃ (Bor trifluoride), AlCl₃ (Aluminum chloride)

    • क्षार: वह पदार्थ जो इलेक्ट्रॉन जोड़ी प्रदान करता है, उसे लुइस के अनुसार क्षार कहते हैं।
      उदाहरण: NH₃ (Ammonia), H₂O (Water)

    • उदाहरण:

      • अम्ल: BF₃ (Bor trifluoride)

      • क्षार: NH₃ (Ammonia)

प्रश्न.34. pH के सामान्य जीवन में उपयोग बताइए।

उत्तर:  

pH का सामान्य जीवन में बहुत महत्वपूर्ण उपयोग है:

  1. पेयजल की गुणवत्ता:

    • जल की pH को मापकर यह तय किया जा सकता है कि जल अम्लीय, क्षारीय या उदासीन है। यदि जल अम्लीय या क्षारीय हो, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

    • मानक pH 7 (उदासीन) होना चाहिए।

  2. शरीर में अम्लता और क्षारीयता:

    • शरीर के विभिन्न अंगों और रक्त का pH भी महत्वपूर्ण है। रक्त का सामान्य pH 7.35-7.45 होता है। यदि यह सीमा से बाहर चला जाता है, तो शरीर में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

  3. कृषि:

    • मिट्टी की pH मापने से यह पता चलता है कि मिट्टी अम्लीय है या क्षारीय। मिट्टी का pH पौधों की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    • अम्लीय मिट्टी में कैल्शियम कार्बोनेट डालने से pH बढ़ाया जा सकता है, जिससे पौधों की वृद्धि में सुधार हो सकता है।

  4. खाद्य पदार्थ:

    • खाद्य पदार्थों की pH मापने से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि वे सुरक्षित हैं। उदाहरण के लिए, अचार, टमाटर सॉस, और अन्य संरक्षित खाद्य पदार्थों का pH 4 से 6 के बीच होता है, ताकि बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों की वृद्धि न हो सके।


प्रश्न.35. निम्नलिखित के नाम, बनाने की विधि तथा उपयोग:

उत्तर:  

  1. सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) - कास्टिक सोडा

    • बनाने की विधि:

      • सोडियम क्लोराइड (NaCl) के विद्युत अपघटन से प्राप्त किया जाता।

      2NaCl+2H2O2NaOH+Cl2+H22NaCl + 2H₂O \rightarrow 2NaOH + Cl₂ + H₂
    • उपयोग:

      • साबुन, कागज, सिल्क उद्योग, पेट्रोलियम शोधन, वसा और तेलों के निर्माण में उपयोग होता है।

      • प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

  2. बेकिंग सोडा (NaHCO₃)

    • बनाने की विधि:

      • सोडियम बायकार्बोनेट (NaHCO₃) को सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃) के विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करके प्राप्त किया जाता।

    • उपयोग:

      • बेकिंग, पेट की अम्लता को कम करने के लिए एंटासिड, सफाई के लिए, और चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न.36. मिसेल कैसे बनते हैं? क्रियाविधि भी दें।

उत्तर:  

  • मिसेल:
    मिसेल एक प्रकार के कण होते हैं जो साबुन या अपमार्जक के अणुओं से बनते हैं। जब साबुन को पानी में डाला जाता है, तो उसके अणु पानी के साथ मिलकर एक विशेष संरचना बनाते हैं, जिसमें हाइड्रोकार्बन (जल-विरोधी) भाग अंदर और ध्रुवीय (जल-स्नेही) भाग बाहर की ओर होता है। यह संरचना मिसेल कहलाती है, जो गंदगी को घेरने का काम करती है।

  • क्रियाविधि:

    1. जब साबुन या अपमार्जक पानी में डाला जाता है, तो उनके अणु जल में आयनित हो जाते हैं।

    2. साबुन के अणुओं में एक हाइड्रोकार्बन (जल-विरोधी) हिस्सा और एक ध्रुवीय (जल-स्नेही) हिस्सा होता है।

    3. जल-विरोधी हाइड्रोकार्बन भाग गंदगी या तेल की बूंदों को घेरता है।

    4. ध्रुवीय सिरा पानी के साथ मिलकर पूरी संरचना को स्थिर रखता है।

    5. इस प्रकार, गंदगी जल में घुलकर बाहर निकल जाती है और कपड़े साफ हो जाते हैं।

यह प्रक्रिया साबुन और अपमार्जक द्वारा सफाई करने का मुख्य तरीका है।