Chapter 8
सजीवों की संरचना तथा कार्य
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1: पौधे के मुख्य अंग कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर: पौधे के मुख्य अंग हैं:
जड़ (Root)
तना (Stem)
पत्ती (Leaf)
फूल (Flower)
फल (Fruit)
बीज (Seed)
कलिका (Bud)
2: जड़ तंत्र और प्ररोह तंत्र में क्या अंतर है?
उत्तर: जड़ तंत्र: पौधे का वह भाग जो मिट्टी के नीचे होता है और पानी व खनिज लवणों का अवशोषण करता है।
प्ररोह तंत्र: पौधे का वह भाग जो जमीन के ऊपर होता है जिसमें तना, शाखाएँ, पत्तियाँ, फूल, फल और बीज शामिल होते हैं।
3: बीज से पौधे का जीवन कैसे शुरू होता है?
उत्तर: पौधे का जीवन बीज से अंकुरण के माध्यम से शुरू होता है। बीज में भ्रूण (Embryo) होता है जो उपयुक्त परिस्थितियाँ मिलने पर अंकुरित होकर नया पौधा बनाता है।
4: बीज की रचना क्या होती है?
उत्तर: बीज की रचना में निम्नलिखित भाग होते हैं:
बीज आवरण (Seed Coat) – यह बीज को सुरक्षा प्रदान करता है।
प्राकुर (Plumule) – यह बाद में पौधे की पत्ती और तना बनाता है।
मूलांकुर (Radicle) – यह बाद में जड़ बनता है।
बीजपत्र (Cotyledon) – यह भोजन संग्रह करता है और अंकुरण में सहायक होता है।
5: चित्र 8.1 में दिखाए गए पौधे के कौन-कौन से भाग हैं?
उत्तर: चित्र 8.1 में निम्नलिखित भाग दिखाए गए हैं:
कलिका (Bud)
फूल (Flower)
फल (Fruit)
तना (Stem)
पत्ती (Leaf)
जड़ (Root)
6: बीज का अवलोकन करने के लिए कौन-कौन से विशेष लक्षण देखे जाते हैं?
उत्तर: बीज का अवलोकन करते समय निम्न बातों पर ध्यान दिया जाता है:
बीज का नाम
रंग (Colour)
आकार (Shape)
सतह चिकनी या खुरदुरी
कोई अन्य विशेषता (जैसे – बीज के ऊपर धारी, अंकुरण की स्थिति आदि)
7. मटर और मक्के में से किसे अंकुरित होने में अधिक समय लगा?
उत्तर: मक्का को अंकुरित होने में मटर की तुलना में अधिक समय लगा।
8. ऐसे बीजों के नाम लिखिए जिनके छिलके आसानी से अलग हो गए।
उत्तर: मटर, चना, मूँग – इन बीजों के छिलके आसानी से अलग हो गए।
9. ऐसे बीजों के नाम लिखिए जिनके छिलके आसानी से अलग नहीं होते।
उत्तर: मक्का, गेहूँ, अरहर – इन बीजों के छिलके आसानी से अलग नहीं होते।
10. अंकुरण के पश्चात बीजों की आंतरिक संरचना का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर: नीचे दिया गया चित्र अपने कॉपी में बना सकते हैं:
11: क्रियाकलाप-5 में कौन-सा प्रयोग किया गया? उसका उद्देश्य क्या था?
उत्तर: इस क्रियाकलाप में लाल स्याही मिलाए पानी में एक कोमल तने वाले पौधे को रखा गया। कुछ समय बाद देखा गया कि लाल रंग का पानी पौधे की पत्तियों तक पहुँच गया। इसका उद्देश्य यह दिखाना था कि जड़ें पानी व खनिज लवणों को अवशोषित कर तने के माध्यम से पत्तियों तक पहुँचाती हैं।
12: जड़ का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर: पौधे को मिट्टी में मजबूती से पकड़ कर खड़ा रखना।
मिट्टी से जल और खनिज लवणों का अवशोषण करना।
अवशोषित जल व लवणों को तने के माध्यम से पौधे के अन्य भागों तक पहुँचाना।
13: प्ररोह तंत्र (Shoot System) में कौन-कौन से भाग शामिल होते हैं?
उत्तर: प्ररोह तंत्र में तना, पत्तियाँ, फूल, फल और बीज शामिल होते हैं।
14: तने के चार मुख्य कार्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर: पौधे को सीधा खड़ा रखने में सहायता करना।
टहनियाँ, पत्तियाँ, फूल और फल को सहारा देना।
जड़ों से प्राप्त जल व खनिज लवणों को पौधे के अन्य भागों तक पहुँचाना।
पत्तियों द्वारा बनाए गए भोजन को पूरे पौधे में पहुँचाना।
15: पर्व और पर्वसंधि में क्या अंतर है?
उत्तर: पर्व (Node): तने का वह भाग जहाँ से शाखाएँ, पत्तियाँ, या कलियाँ निकलती हैं।
पर्वसंधि (Internode): दो पर्वों के बीच का हिस्सा।
उदाहरण: मक्का, बांस और गन्ना जैसे पौधों में पर्वसंधियाँ स्पष्ट रूप से फूली हुई गांठों के रूप में दिखाई देती हैं।
16: फूल के कौन-कौन से भाग होते हैं?
उत्तर: फूल के मुख्य भाग निम्नलिखित हैं –
बाह्यदल (Calyx): यह हरे रंग का भाग होता है जो कली की सुरक्षा करता है।
दल (Petals): ये रंगीन पंखुड़ियाँ होती हैं जो कीटों को आकर्षित करती हैं।
पुंकेसर (Stamen): फूल का नर भाग होता है, जिसमें परागकोश (Anther) होते हैं।
स्त्रीकेसर (Pistil): फूल का मादा भाग होता है, जिसमें वर्तिकाय (Stigma), पर्तिका (Style) और अंडाशय (Ovary) होते हैं।
17: द्विलिंगी और एकलिंगी फूल में क्या अंतर है?
उत्तर: द्विलिंगी फूल: जिसमें पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों होते हैं (जैसे – धतूरा)।
एकलिंगी फूल: जिसमें केवल पुंकेसर या स्त्रीकेसर में से एक होता है।
18: फल कैसे बनता है?
उत्तर: फूल के अंडाशय का विकास होकर फल बनता है। फल के अंदर बीज होते हैं जो नया पौधा उत्पन्न करते हैं।
19: रूपांतरित जड़ों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर: मूली, गाजर, शलजम, शकरकंद आदि की जड़ें भोजन संग्रह करने के कारण मोटी हो जाती हैं और सामान्य जड़ों से भिन्न दिखती हैं। इन्हें रूपांतरित जड़ें (Modified Roots) कहते हैं।
20: फूल का अंडाशय फल में कैसे बदलता है?
उत्तर: परागण और निषेचन के बाद फूल का अंडाशय फल में परिवर्तित हो जाता है। इसके भीतर अंडाणु बीज में बदलते हैं।
21: बीज का पौधे में क्या कार्य होता है?
उत्तर: बीज से नया पौधा बनता है और उसमें शिशु पौधे के लिए भोजन संग्रहित होता है।
22: रूपांतरित जड़ क्या होती है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर: वह जड़ जो सामान्य जल और खनिज अवशोषण के कार्य के अलावा भोजन संग्रह या सहारा देने का कार्य भी करे, रूपांतरित जड़ कहलाती है।
उदाहरण:भोजन संग्रह करने वाली जड़ें: मूली, गाजर, शलजम, शकरकंद
सहारा देने वाली जड़ें:
बरगद की जड़ें शाखाओं से नीचे लटक कर सहारा देती हैं।
मक्का, गन्ना, केवड़ा में तनों से निकली जड़ें पौधे को सहारा देती हैं।
23: बरगद और मक्का की जड़ों में क्या अंतर है?
उत्तर: बरगद की जड़ें शाखाओं से नीचे की ओर लटकती हैं और ज़मीन में जाकर सहारा देती हैं – इन्हें प्रावरणात्मक जड़ें (prop roots) कहते हैं।
मक्का की जड़ें तनों के निचले भाग से निकलती हैं और पौधे को सहारा देती हैं – इन्हें सहायक जड़ें (stilt roots) कहते हैं।
24: रूपांतरित तना क्या होता है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: वह तना जो सामान्य कार्य (जैसे — पत्तियाँ, फूल, आदि को सहारा देना) के अलावा भोजन संग्रह या प्रजनन जैसे कार्य करे, रूपांतरित तना कहलाता है।
उदाहरण: आलू: भूमिगत तना जिसमें आँखें (Eyes) होती हैं, जहाँ से नए पौधे निकलते हैं।
अदरक और अरबी: इनमें पर्वसंधियाँ, कलिकाएँ, शल्क पत्र पाए जाते हैं।
प्याज: इसमें भी शल्क पत्र और कलिकाएँ होती हैं।
इन सभी में भोजन संग्रह होता है, इसलिए ये भोजन-संग्रह करने वाले रूपांतरित तने हैं।
25: आप कैसे कह सकते हैं कि आलू एक तना है न कि जड़?
उत्तर: क्योंकि आलू में: पर्वसंधियाँ (Internodes) और पर्व (Nodes) पाए जाते हैं।
उसमें कलिकाएँ (Buds) या आँखें (Eyes) होती हैं जहाँ से नए पौधे निकल सकते हैं।
इन गुणों से स्पष्ट होता है कि यह जड़ नहीं बल्कि भूमिगत तना है।
26: आलू, अदरक और प्याज में कौन-से लक्षण रूपांतरित तनों के होते हैं?
उत्तर: इनमें निम्नलिखित लक्षण होते हैं:
पर्वसंधियाँ और पर्व
शल्क पत्र (Scale leaves)
कलिकाएँ (Buds)
भोजन का संग्रह
ये सभी लक्षण तने के होते हैं, इसलिए इन्हें रूपांतरित तने कहते हैं।
27: जड़ों व तनों में रूपांतरण क्यों होता है?
उत्तर: जड़ों और तनों में रूपांतरण इसलिए होता है ताकि वे सामान्य कार्यों के अलावा अतिरिक्त कार्य जैसे भोजन संग्रह, सहारा देना, सुरक्षा या जल संग्रहण कर सकें।
28: नागफनी (कैक्टस) की पत्तियाँ कैसी होती हैं और उनका क्या कार्य होता है?
उत्तर: नागफनी की पत्तियाँ कांटों (Thorns) में रूपांतरित हो जाती हैं। ये कांटे पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पौधे की सुरक्षा करते हैं और पानी के नुकसान को रोकते हैं।
29: मटर के पौधे में पत्तियों का कौन-सा रूपांतरण होता है?
उत्तर: मटर के पौधे की कुछ पत्तियाँ प्रतान (Tendrils) में रूपांतरित हो जाती हैं, जो पौधे को सहारा देने और चढ़ने में मदद करती हैं।
30: प्रतान (Tendril) क्या होता है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर: प्रतान एक पतली, लिपटी हुई संरचना होती है जो पौधे को किसी सहारे पर चढ़ने में मदद करती है।
उदाहरण: लौकी, तरोई, अंगूर, मटर
1. सही विकल्प चुनकर लिखें (Choose the correct option):
(1) अंडाशय बदल जाता है–
उत्तर: (ब) फल में
(2) पर्वसंधि पायी जाती है–
उत्तर: (ब) तने में
(3) रेशेदार जड़ पायी जाती है–
उत्तर: (ब) घास में
(4) रूपांतरित जड़ का उदाहरण है–
उत्तर: (अ) मूली
(5) फूल के केन्द्र में पाया जाने वाला भाग कहलाता है–
उत्तर: (अ) स्त्रीकेसर
(2) मूलांकुर विकसित होकर किस तंत्र का निर्माण करता है?
उत्तर: मूलांकुर विकसित होकर जड़ तंत्र (Root system) का निर्माण करता है।
(3) नागफनी के पौधे की विशेषता बताइए।
उत्तर: नागफनी के पौधे का तना हरा, मांसल और गूदेदार होता है जो पानी का संग्रह करता है। इसकी पत्तियाँ काँटों में रूपांतरित हो जाती हैं जो पौधे को सुरक्षा देती हैं।
(4) ऐसे दो पौधों के उदाहरण दीजिए जिनमें तना प्रतान के रूप में रूपांतरित हो जाता है।
उत्तर: लौकी, तरोई, अंगूर, मटर (कोई भी दो)
(5) फूल का नामांकित चित्र बनाइए तथा विभिन्न भागों के नाम लिखिए।
उत्तर: फूल के भागों में होते हैं:
बाहादल (Calyx)
दल (Petals)
पुंकेसर (Stamen)
स्त्रीकेसर (Carpel)