Chapter 2 निराला भाई
प्रश्न 1. निराला जी का जीवन किस प्रकार का रहा?
उत्तर: निराला जी का जीवन संघर्षमय और कष्टों से भरा रहा।
प्रश्न 2. ‘ढाल’ शब्द का प्रयोग यहाँ किस संदर्भ में किया गया है?
उत्तर: बाहर से आने वाले आघातों से रक्षा करने के संदर्भ में।
प्रश्न 3. निराला जी की पत्नी वियोग को किससे तुलना की गई है?
उत्तर: पतझड़ से।
प्रश्न 4. आर्थिक कारणों ने निराला जी को किस कर्तव्य से वंचित कर दिया?
उत्तर: मातृहीन संतान के प्रति कर्तव्य निर्वाह से।
प्रश्न 5. पुत्री के अंतिम क्षणों में निराला जी की स्थिति कैसी रही?
उत्तर: वे निरुपाय दर्शक बने रहे।
प्रश्न 6. पुत्र को उचित शिक्षा न देने का परिणाम क्या हुआ?
उत्तर: उन्हें पुत्र की उपेक्षा सहनी पड़ी।
प्रश्न 7. निराला जी ने प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने कैसी भूमिका निभाई?
उत्तर: उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
प्रश्न 8. उनके स्वभाव की विशेषता क्या थी?
उत्तर: उनके स्वभाव में निश्छल वीरता थी।
प्रश्न 9. निराला जी किसे कायरता मानते थे?
उत्तर: अपने बचाव का प्रयत्न करना।
प्रश्न 10. निराला जी की असली निष्ठा किस क्षेत्र में थी?
उत्तर: साहित्य में।
प्रश्न 11. साहित्य की दृष्टि में छल करके लक्ष्य प्राप्त करना कैसा है?
उत्तर: यह लक्ष्य प्राप्ति नहीं मानी जाती।
प्रश्न 12. निराला जी को किस प्रकार का साहित्यकार कहा गया है?
उत्तर: विद्रोही साहित्यकार।
प्रश्न 13. संघर्ष के आघात निराला जी के जीवन में किसके प्रमाणपत्र थे?
उत्तर: उनकी शक्ति और साहस के।
प्रश्न 14. ‘त्रिवेणी’ से यहाँ क्या आशय है?
उत्तर: कठोर श्रम, गंभीर दर्शन और सजग कला का संगम।
प्रश्न 15. ‘पारस’ का प्रतीक निराला जी के संदर्भ में क्या दर्शाता है?
उत्तर: उनकी विशेषता दूसरों का मूल्य बढ़ाने में है।
प्रश्न 16. निराला जी को विद्रोही साहित्यकार क्यों कहा गया है?
उत्तर: क्योंकि उन्होंने जीवन की कठिनाइयों से लड़ते हुए साहित्य में सत्य, न्याय और मानवता का मार्ग अपनाया और सभी आघातों को झेलते हुए रचनाएँ कीं।
प्रश्न 17. निराला जी की जीवन परिस्थितियों का उनके साहित्य पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: कठिन जीवन परिस्थितियों ने उन्हें अधिक जागरूक, संवेदनशील और मानवता का पक्षधर बनाया, जिसका प्रतिबिंब उनकी रचनाओं में दिखाई देता है।
प्रश्न 18. निराला जी अपने बचाव के प्रयत्न को कायरता क्यों मानते थे?
उत्तर: क्योंकि उनका मानना था कि सच्चा साहस संघर्षों का सामना करना है, न कि स्वयं की रक्षा में समझौता करना।
प्रश्न 19. साहित्यकार की दृष्टि से छलपूर्ण साधन क्यों उचित नहीं माने जाते?
उत्तर: क्योंकि साहित्य सच्चाई, साहस और ईमानदारी से ही अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है, छल से नहीं।
प्रश्न 20. निराला जी के लिए संघर्ष क्या था?
उत्तर: उनके लिए संघर्ष हार नहीं, बल्कि शक्ति और आत्मबल का प्रमाण था।
प्रश्न 21. 'त्रिवेणी' का अर्थ समझाइए।
उत्तर: त्रिवेणी का अर्थ है— कठोर श्रम, गंभीर दर्शन और सजग कला; ये तीनों मिलकर निराला जी के साहित्य का आधार बने।
प्रश्न 22. निराला जी को 'अनगढ़ पारस का शिलाखंड' क्यों कहा गया है?
उत्तर: क्योंकि वे स्वयं को गढ़कर सुंदर दिखाने में विश्वास नहीं रखते थे, बल्कि उनके स्पर्श से दूसरों का मूल्य बढ़ता था।
प्रश्न 23. 'पारस की अमूल्यता दूसरों का मूल्य बढ़ाने में है' – स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: पारस स्वयं अपने मूल्य में अपरिवर्तित रहता है, लेकिन वह दूसरों को छूकर स्वर्ण बना देता है। निराला जी भी दूसरों को प्रेरित और मूल्यवान बनाते थे।
प्रश्न 24. आज का समाज किस स्थिति में बताया गया है?
उत्तर: आज समाज दंभ, स्पर्धा, अज्ञान और भ्रांति की कुहेलिका में जी रहा है।
प्रश्न 25. समकालीन लोग निराला जी के बारे में क्या दे सकते हैं?
उत्तर: वे उनके जीवन की पृष्ठभूमि बता सकते हैं, जो उनकी साहित्यिक विवेचना के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 26. भविष्य की पीढ़ियाँ निराला जी की एकाकी यात्रा का मूल्य क्यों आँकेंगी?
उत्तर: क्योंकि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में अकेले ही संघर्ष और साहित्य सृजन किया।
प्रश्न 27. निराला जी की साहित्य यात्रा कैसी रही?
उत्तर: लक्ष्यनिष्ठ, स्पष्ट, गहरी और उज्ज्वल।
प्रश्न 28. "हर फूल पर उनके चरण का चिह्न और हर शूल पर उनके रक्त का रंग है" – इस कथन का आशय लिखिए।
उत्तर: निराला जी ने अपने जीवन में सुख और दुख दोनों का अनुभव किया और दोनों को अपनी साहित्यिक साधना में ढाला।
प्रश्न 29. निराला जी के संघर्ष से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: हमें कठिनाइयों से न घबराकर डटे रहना चाहिए और सत्यनिष्ठ होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
प्रश्न 30. इस गद्यांश का केंद्रीय संदेश क्या है?
उत्तर: निराला जी का जीवन संघर्षमय था, पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी और साहित्य में विद्रोही, लक्ष्यनिष्ठ तथा मानवतावादी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
Answer by Dimpee Bora