Chapter 3                                         सच हम नहीं; सच तुम नहीं

प्रश्न 1. कवि किससे बचने की प्रेरणा देता है?

उत्तर: कवि प्राणों में जड़ता (अचलता/ठहराव) से बचने की प्रेरणा देता है।


प्रश्न 2. व्यक्ति को किससे सबसे पहले लड़ना चाहिए?

उत्तर: अपने-आप से।


प्रश्न 3. परिस्थितियों में काँटे और कलियाँ किसके प्रतीक हैं?

उत्तर: काँटे कठिनाइयों के और कलियाँ सुख के प्रतीक हैं।


प्रश्न 4. इंसान को टूटना क्यों नहीं चाहिए?

उत्तर: क्योंकि यौवन का संदेश है— हर परिस्थिति में डटे रहना।


प्रश्न 5. कवि किस प्रकार के मिलन को सही नहीं मानता?

उत्तर: केवल औपचारिक और सतही मिलन को।


प्रश्न 6. सच्चा मिलन किसे कहा गया है?

उत्तर: वही मिलन, जो जीवन की मँझधार (संकट) को बदल दे।


प्रश्न 7. ‘सिर्फ पानी-सी बहने वाली जिंदगी’ का अर्थ क्या है?

उत्तर: वह जीवन जो बिना उद्देश्य के बहता जाए।


प्रश्न 8. कवि हृदय का सत्य कैसे खोजना चाहता है?

उत्तर: स्वयं के भीतर झाँककर।


प्रश्न 9. आँखों का नीर (आँसू) कौन पोंछ सकता है?

उत्तर: व्यक्ति स्वयं।


प्रश्न 10. आकाश किससे सुख नहीं देगा?

उत्तर: केवल देखने से, प्रयास किए बिना।


प्रश्न 11. धरती कब पसीजती है?

उत्तर: जब सच्चा परिश्रम और करुणा हो।


प्रश्न 12. हर राही को दिशा कैसे मिलती है?

उत्तर: भटककर।


प्रश्न 13. कवि मुस्कान से किसे ढकना व्यर्थ मानता है?

उत्तर: हृदय की खिन्नता को।


प्रश्न 14. आदर्श कब नहीं बन सकता?

उत्तर: जब तन और मन में भिन्नता हो।


प्रश्न 15. चेतना कब तक बँधी रहती है?

उत्तर: जब तक प्रेम (प्रणय) दुख से घना रहता है।

प्रश्न 16. कविता में यौवन का संदेश क्या है?

उत्तर: यौवन का संदेश है कि इंसान किसी भी कठिनाई या बाधा से टूटे नहीं, बल्कि साहस और संघर्ष के साथ आगे बढ़े।


प्रश्न 17. "सच हम नहीं, सच तुम नहीं" – इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: यह पंक्ति बताती है कि सत्य किसी एक व्यक्ति में नहीं, बल्कि सबके सामूहिक अनुभव और आत्मबोध में निहित है।


प्रश्न 18. कवि सतही मुस्कान को व्यर्थ क्यों मानता है?

उत्तर: क्योंकि झूठी मुस्कान से मन की खिन्नता (दुख) नहीं छिपाई जा सकती।


प्रश्न 19. कवि किस प्रकार की जिंदगी को बेकार मानता है?

उत्तर: केवल बहाव में बहती हुई, बिना उद्देश्य की जिंदगी को।


प्रश्न 20. कविता में 'मंझधार' का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?

उत्तर: जीवन की कठिनाइयाँ और संघर्ष।


प्रश्न 21. आत्म-संघर्ष की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर: आत्म-संघर्ष से ही व्यक्ति सच्चाई को पहचान सकता है और अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकता है।


प्रश्न 22. कवि किसे सच्चा मिलन मानता है?

उत्तर: ऐसा मिलन, जो जीवन की कठिनाइयों को मोड़ दे और वास्तविक परिवर्तन लाए।


प्रश्न 23. "धरती पसीजी है कहीं" – इस पंक्ति से क्या तात्पर्य है?

उत्तर: यह बताता है कि करुणा और परिश्रम से ही धरती (जीवन) से सुख प्राप्त किया जा सकता है।


प्रश्न 24. कवि ‘अपने हृदय का सत्य खोजने’ पर क्यों बल देता है?

उत्तर: क्योंकि वास्तविक सत्य व्यक्ति के भीतर ही छिपा है, बाहर नहीं।


प्रश्न 25. दिशा पाने के लिए भटकना क्यों आवश्यक है?

उत्तर: क्योंकि भटकाव से अनुभव और सही मार्ग की पहचान होती है।


प्रश्न 26. कवि के अनुसार आदर्श कब बनता है?

उत्तर: जब तन और मन में सामंजस्य और एकरूपता हो।


प्रश्न 27. कविता में यथार्थ और आदर्श का संबंध कैसे प्रस्तुत हुआ है?

उत्तर: यथार्थ जीवन के दुख और संघर्ष हैं, और आदर्श वही है जिसमें तन-मन एक होकर सत्य और प्रेम को स्वीकार करें।


प्रश्न 28. ‘सिर्फ पानी-सी बही जिंदगी’ का प्रतीक क्या दर्शाता है?

उत्तर: उद्देश्यहीन और निस्तेज जीवन।


प्रश्न 29. इस कविता का केंद्रीय भाव क्या है?

उत्तर: जीवन को संघर्षपूर्ण, उद्देश्यपूर्ण और सच्चा बनाने की प्रेरणा देना।


प्रश्न 30. इस कविता का उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है?

उत्तर: "यौवन का संदेश", "सत्य की खोज" या "संघर्षमय जीवन"।

Answer by Dimpee Bora