Chapter 10 ओजोन विघटन का संकट
प्रश्न 1. धरती का तापमान क्यों बढ़ रहा है?
उत्तर: वायुमंडल में मौजूद गैसें सूर्य की ऊष्मा को अवशोषित कर लेती हैं और उसे बाहर नहीं निकलने देतीं, जिससे तापमान बढ़ रहा है।
प्रश्न 2. ध्रुवों पर जमी बर्फ क्यों पिघल रही है?
उत्तर: तापमान वृद्धि के कारण ध्रुवों की बर्फ पिघल रही है।
प्रश्न 3. समुद्र का जलस्तर क्यों बढ़ रहा है?
उत्तर: ध्रुवों की बर्फ के पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है।
प्रश्न 4. जलवायु परिवर्तन से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर: कहीं अतिवृष्टि (बाढ़) और कहीं अकाल जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
प्रश्न 5. गोमुख हिमनद हर साल कितने मीटर पीछे खिसक रहा है?
उत्तर: लगभग 18 मीटर।
प्रश्न 6. अगर हिमालय के हिमनद पिघल जाएँ तो किस पर असर पड़ेगा?
उत्तर: उत्तर भारत की नदियाँ सूख जाएँगी और मैदानों की उपजाऊ भूमि ऊसर हो जाएगी।
प्रश्न 7. ‘ऊसर’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: बंजर या अनुपजाऊ भूमि।
प्रश्न 8. ओज़ोन विघटन का मानव पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: इससे मानव सभ्यता संकट में पड़ जाएगी।
प्रश्न 9. यदि समय रहते कदम न उठाए जाएँ तो क्या होगा?
उत्तर: गंभीर परिणाम सामने आएँगे और देर हो जाएगी।
प्रश्न 10. इस गद्यांश का स्रोत कौन-सा है?
उत्तर: 'लोक विज्ञान : समकालीन रचनाएँ' संग्रह से।
प्रश्न 11. तापमान वृद्धि का तटीय क्षेत्रों पर क्या असर होगा?
उत्तर: समुद्र का जलस्तर बढ़ने से तमाम तटीय क्षेत्र पानी में डूब सकते हैं और वहाँ की सभ्यता नष्ट हो सकती है।
प्रश्न 12. तापमान वृद्धि से मानसून में किस प्रकार परिवर्तन हो सकता है?
उत्तर: मानसून असंतुलित हो सकता है, जिसके कारण कहीं अतिवृष्टि होगी तो कहीं अकाल पड़ेगा।
प्रश्न 13. गोमुख हिमनद के पिघलने से उत्तर भारत में क्या असर पड़ेगा?
उत्तर: गंगा जैसी नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और उपजाऊ मैदान बंजर बन जाएँगे।
प्रश्न 14. भूमंडल में पिछले एक सदी में क्या परिवर्तन देखा गया है?
उत्तर: जलवायु में भारी बदलाव, हिमनदों का पिघलना और मौसम की अनिश्चितता जैसे परिवर्तन देखे गए हैं।
प्रश्न 15. ओज़ोन परत क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: ओज़ोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से धरती की रक्षा करती है, जिसके विघटन से मानव जीवन संकट में पड़ सकता है।
प्रश्न 16. गद्यांश में कौन-सी प्राकृतिक चेतावनी दी गई है?
उत्तर: अगर पर्यावरणीय स्थिति पर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो नदियाँ सूखेंगी, भूमि बंजर होगी और मानव सभ्यता संकट में पड़ जाएगी।
प्रश्न 17. ‘प्रशीतन’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: ठंडा करने की प्रक्रिया।
प्रश्न 18. ‘विघटन’ शब्द का अर्थ बताइए।
उत्तर: अलगाव या टूटना।
प्रश्न 19. जलवायु परिवर्तन से कृषि पर क्या असर पड़ेगा?
उत्तर: उपजाऊ भूमि ऊसर हो जाएगी और अकाल की स्थिति पैदा हो सकती है।
प्रश्न 20. लेखक ने तुरंत कदम उठाने पर क्यों जोर दिया है?
उत्तर: क्योंकि देर होने पर स्थिति पर काबू पाना असंभव हो जाएगा और मानव सभ्यता पर संकट आ जाएगा।
प्रश्न 21. गद्यांश में तापमान वृद्धि के क्या-क्या परिणाम बताए गए हैं?
उत्तर: ध्रुवों की बर्फ पिघलना।
समुद्र का जलस्तर बढ़ना।
तटीय क्षेत्रों का डूबना।
मानसून में असंतुलन (बाढ़ व अकाल)।
हिमालयी हिमनदों का पिघलना।
उत्तर भारत की नदियों का अस्तित्व समाप्त होना।
उपजाऊ भूमि बंजर होना।
प्रश्न 22. हिमालयी हिमनदों के पिघलने से भारतीय जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: गंगा जैसी नदियाँ सूख जाएँगी।
कृषि भूमि ऊसर हो जाएगी।
पानी की कमी होगी।
समाज और अर्थव्यवस्था संकट में पड़ जाएगी।
प्रश्न 23. ओज़ोन विघटन के दुष्परिणामों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: पराबैंगनी किरणें सीधे धरती तक पहुँचेंगी।
त्वचा रोग और कैंसर जैसी बीमारियाँ बढ़ेंगी।
फसलें नष्ट होंगी।
समुद्री जीव-जंतु और पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होगा।
मानव सभ्यता संकट में पड़ जाएगी।
प्रश्न 24. लेखक ने पर्यावरणीय संकट से निपटने के लिए क्या सुझाव दिया है?
उत्तर: तुरंत और समग्र कदम उठाने की आवश्यकता है, जैसे प्रदूषण कम करना, पर्यावरण संरक्षण करना, वनों की रक्षा करना, अन्यथा कल तक बहुत देर हो जाएगी।
प्रश्न 25. जलवायु परिवर्तन से होने वाले संकट का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर: जलवायु परिवर्तन से बर्फ पिघलना, समुद्र स्तर बढ़ना, नदियों का सूखना, उपजाऊ भूमि का बंजर होना, अकाल और बाढ़ की स्थिति तथा मानव सभ्यता का संकट सामने आ सकता है।
प्रश्न 26. ‘धरती का तापमान बढ़ने के कारण’ शीर्षक से संक्षेप में लिखिए।
उत्तर: वायुमंडल की गैसें सूर्य की ऊष्मा को बाहर नहीं जाने देतीं। यह गैसें ऊष्मा को अवशोषित कर लेती हैं, जिससे धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है।
प्रश्न 27. ‘हिमालय के हिमनदों का महत्व’ पर विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: हिमालय के हिमनद उत्तर भारत की नदियों का स्रोत हैं। इनके पिघलने से नदियाँ समाप्त हो जाएँगी, जल संकट बढ़ेगा और कृषि भूमि बंजर हो जाएगी।
प्रश्न 28. मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा क्या बताया गया है?
उत्तर: ओज़ोन परत का विघटन और वैश्विक तापवृद्धि।
प्रश्न 29. लेखक का संदेश स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यदि हम अभी पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम नहीं उठाएँगे तो देर हो जाएगी और मानव सभ्यता गंभीर संकट में पड़ जाएगी।
प्रश्न 30. प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए और कारण लिखिए।
उत्तर: शीर्षक – “वैश्विक तापवृद्धि और पर्यावरण संकट”।
क्योंकि गद्यांश में धरती के तापमान बढ़ने, हिमनदों के पिघलने, समुद्र स्तर बढ़ने और ओज़ोन विघटन के संकट पर चर्चा की गई है।
Answer by Dimpee Bora