Chapter 11                                 कोखजाया

 प्र1. दिलीप के बेटे ने किस प्रकार का व्यवहार किया?

उ. उसने अपनी माँ जैसी मौसी को त्याग दिया और विदेश भाग गया।

प्र2. घर का खरीददार क्या करने को तैयार हो गया था?

उ. वह घर वापस करने और दिलीप को सारा मूल्य लौटाने को तैयार हो गया।

प्र3. दिलीप की मौसी क्यों कुछ भी करने को तैयार नहीं हुईं?

उ. क्योंकि बेटा ही जब विश्वासघाती निकला तो दूसरों से उम्मीद करना व्यर्थ था।

प्र4. दिलीप किस बात से लोकलज्जा में ढक गया?

उ. बेटे के दुराचरण और मौसी के अपमान से।

प्र5. लेखक हर रविवार किससे मिलने जाते थे?

उ. अपनी पत्नी के साथ मौसी से मिलने जाते थे।

प्र6. मौसी हर भेंट पर क्या गाती थीं?

उ. एक सोहर (पुत्र जन्म का गीत) गाती थीं।

प्र7. सोहर गाते समय मौसी की क्या दशा होती थी?

उ. वे गाते-गाते रोने लगती थीं।

प्र8. लेखक मौसी और पत्नी के रोने के समय क्या करते थे?

उ. वे भावुक होकर बगीचे की ओर निकल जाते थे।

प्र9. मौसी ने कितने वर्ष आश्रम में बिताए?

उ. लगभग सात वर्ष।

प्र10. मौसी आश्रम में रहते समय एक बार भी कहाँ से बाहर नहीं गईं?

उ. चहारदीवारी (आश्रम की दीवारों) के बाहर।

प्र11. मौसी के देहांत के बाद ट्रस्ट के सचिव ने लेखक को क्या दिया?

उ. एक लिफाफा, जिसमें पत्र और चेक था।

प्र12. मौसी ने चेक किस प्रयोजन के लिए दिया था?

उ. अपने श्राद्ध खर्च के लिए।

प्र13. मौसी ने पत्र के अंत में किसे धन्यवाद दिया?

उ. लेखक को, जिसने अंत तक उनका साथ दिया।

प्र14. मौसी ने अपने बेटे के बारे में क्या लिखा?

उ. कि वह उन्हें जिंदा मारकर विदेश चला गया।

प्र15. मौसी का विश्वास किस कारण जीवित रहा?

उ. लेखक जैसे सपूत को देखकर।

प्र16. दिलीप ने मौसी को मनाने के लिए क्या-क्या प्रयास किए?

उ. दिलीप ने बहुत छटपटाहट और गिड़गिड़ाहट दिखाई, यहाँ तक कि लेखक से भी पैरवी करवाई। परंतु मौसी टस-से-मस नहीं हुईं।

प्र17. लोकलज्जा से ढक जाने का भाव यहाँ किस संदर्भ में आया है?

उ. बेटे के कृत्य और मौसी के अस्वीकार से दिलीप समाज में लज्जित हो गया, इसलिए वह लोकलज्जा से ढक गया।

प्र18. सोहर गीत का भाव स्पष्ट कीजिए।

उ. सोहर में पुत्र जन्म की खुशी, माँ का गौरव और परिवार की प्रसन्नता व्यक्त होती है, लेकिन मौसी के लिए यह गीत दुःख का कारण बन गया क्योंकि पुत्र ने ही त्याग दिया।

प्र19. लेखक की पत्नी ने मौसी का साथ किस प्रकार निभाया?

उ. वह हर भेंट पर मौसी के साथ सोहर गाती और रोती, जिससे मौसी को मानसिक सहारा मिलता।

प्र20. मौसी के जीवन का अंतिम अध्याय किस प्रकार समाप्त हुआ?

उ. सात वर्ष आश्रम में रहकर मौसी का देहांत हो गया। वे आश्रम से बाहर नहीं निकलीं और अंततः चेक व पत्र लेखक के नाम छोड़ गईं।

प्र21. मौसी ने पत्र में मातृत्व के बारे में क्या लिखा?

उ. कि जब तक संसार में एक भी सपूत रहेगा तब तक माँएँ कष्ट सहकर भी संतान को जन्म देती रहेंगी।

प्र22. मौसी का लेखक के प्रति भाव कैसा था?

उ. उन्हें लेखक में सच्चे पुत्र का रूप दिखा और उन्होंने आशीर्वाद दिया कि भगवान सबको ऐसा पुत्र दे।

प्र23. “टस-से-मस न होना” मुहावरे का प्रयोग कहानी में कैसे हुआ है?

उ. दिलीप के गिड़गिड़ाने और समझाने पर भी मौसी अपनी बात से नहीं टलीं।

प्र24. मौसी ने चेक क्यों दिया? यह उनके व्यक्तित्व को क्या दर्शाता है?

उ. उन्होंने अपने श्राद्ध के खर्च के लिए चेक दिया। यह उनकी आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान को दर्शाता है।

प्र25. मौसी के पुत्र और लेखक के व्यवहार में क्या अंतर था?

उ. पुत्र स्वार्थी और निर्दयी था, जिसने माँ को छोड़ दिया; जबकि लेखक परोपकारी और सहृदय था, जिसने अंत तक मौसी का साथ निभाया।

प्र26. “लोकलज्जा से ढक जाना” का उदाहरण दिलीप के जीवन में कैसे दिखाई देता है?

उ. जब समाज में यह चर्चा फैली कि बेटा माँ को छोड़ गया, तो दिलीप को गहरी शर्मिंदगी उठानी पड़ी।

प्र27. मौसी का जीवन किन भावनाओं का प्रतीक है?

उ. त्याग, मातृत्व, पीड़ा, परिश्रम और विश्वास का।

प्र28. कहानी से मातृत्व की महत्ता पर क्या शिक्षा मिलती है?

उ. कि संतान चाहे कैसी भी हो, मातृत्व अमर है। अच्छे पुत्र समाज का आधार हैं और माँएँ उनके कारण ही कष्ट सहकर भी जन्म देती हैं।                                                                                                        

प्र29. लेखक के रोने का कारण क्या था?                                                     

उ. पत्र पढ़कर लेखक भावुक हो गया, मौसी के त्याग और आशीर्वाद से उसका हृदय भर आया।

प्र30. ‘रक्त संबंध’ कहानी का केंद्रीय संदेश लिखिए।

उ. सच्चे रिश्ते रक्त से नहीं, बल्कि संवेदनाओं और विश्वास से बनते हैं। माँ का प्रेम अमूल्य है और सपूत ही उसका वास्तविक सहारा होते हैं।

Answer by Dimpee Bora