Chapter-2                      माझ्या देशावर माझे प्रेम आहे


१. लेखक के अनुसार प्रेम किस प्रकार का गुण है?


उत्तर: प्रेम कभी निष्क्रिय नहीं रहता; उसमें संवर्धन करनेवाली शक्ति होती है।


२. साने गुरुजी ने ‘खरा धर्म’ किसे कहा है?


उत्तर: साने गुरुजी के अनुसार खरा धर्म है—‘जगाला प्रेम अर्पावे’, यानी जगत को प्रेम अर्पित करना।


३. सारे विश्व से प्रेम करने की इच्छा होने पर भी वास्तव में किसे आलिंगन दे सकते हैं?


उत्तर: वास्तव में हम केवल अपने निकट के लोगों को ही आलिंगन दे सकते हैं।


४. लेखक के अनुसार ‘मानवमात्रावर प्रेम’ करने का अर्थ व्यवहार में क्या होता है?


उत्तर: व्यवहार में मानवता से प्रेम करना देशबांधवों से प्रेम करने के रूप में प्रकट होता है।


५. देश पर प्रेम होने पर गांव किस अवस्था में नहीं दिखने चाहिए?


उत्तर: गांव गंदगी और मलमूत्र से घिरे हुए नहीं दिखने चाहिए।


६. लेखक ने डोंगरों (पहाड़ों) के बारे में क्या सवाल उठाया है?


उत्तर: यदि हमें देश से प्रेम है तो पहाड़ उघड़े–बोधे (बिना हरियाली) क्यों दिखते हैं?


७. ‘सस्यश्यामला माता’ किस संदर्भ में कहा गया है?


उत्तर: राष्ट्रगीत में भारतमाता को ‘सस्यश्यामला’ कहा गया है, अर्थात हरियाली से भरी माँ।


८. लेखक के अनुसार सस्यश्यामला माता को वास्तव में सस्यश्यामला कैसे बनाया जा सकता है?


उत्तर: इसके लिए मेहनत करना और भूमि को उपजाऊ बनाने हेतु श्रम करना आवश्यक है।


९. देश का आज का चित्र बदलने के लिए क्या करना चाहिए?


उत्तर: मेहनत, परिश्रम और दृढ़ संकल्प से कंबर कसकर काम करना चाहिए।


१०. देश प्रदूषणग्रस्त न हो इसके लिए क्या करना चाहिए?


उत्तर: हर नागरिक को पर्यावरण स्वच्छ रखने हेतु प्रयास करना चाहिए।


११. “ही भूमी सुजलाम सुफलाम” पंक्ति का क्या महत्व है?


उत्तर: यह भूमि की समृद्धि और उपजाऊपन का वर्णन करती है—जिसे बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।


१२. भूमि को ‘सुफला’ कब नहीं कहा जा सकता?


उत्तर: जब मेहनत करनेवाले को फल न मिले और फल की इच्छा रखनेवाले मेहनत न करें।


१३. ‘वंदे मातरम्’ गीत का आदर्श क्या है?


उत्तर: देशभक्ति, एकता, समर्पण और मातृभूमि के प्रति आदर।


१४. लेखक के अनुसार देशप्रेम से हमें कैसी प्रेरणा मिलनी चाहिए?


उत्तर: ‘वंदे मातरम्’ में वर्णित आदर्शों को वास्तविकता में लाने की प्रेरणा।


१५. कौन–कौन सी बातें भारतमाता को रुचिकर नहीं लगेंगी?


उत्तर: जाति, धर्म, भाषा आदि के आधार पर आपसी झगड़े।


१६. देश से प्रेम का वास्तविक अर्थ क्या है?


उत्तर: भूमि और भूमिपुत्र दोनों से प्रेम करना।


१७. लेखक भूमिपुत्रों से प्रेम न कर पानेवाले को क्या कहते हैं?


उत्तर: ऐसे व्यक्तियों का भूमि से प्रेम “ढोंग” कहलाता है।


१८. देश प्रेम का व्यवहारिक रूप किसमें दिखाई देता है?


उत्तर: स्वच्छता, पर्यावरण-रक्षा, परिश्रम, समाज में न्याय और समता स्थापित करने में।


१९. प्रेम में कौन-सी शक्ति होती है?


उत्तर: प्रेम में अपार संवर्धक (विकासकारी) शक्ति होती है।


२०. पूरे विश्व से प्रेम करने की इच्छा का मूल्यांकन लेखक कैसे करते हैं?


उत्तर: वह इसे सुंदर विचार बताते हैं, पर व्यवहार में पहले अपने देशबांधवों से प्रेम ज़रूरी बताते हैं।


২१. देश को “कचाळ” (कचरे) से बचाने के लिए क्या आवश्यक है?


उत्तर: हर नागरिक का जागरूक होना और प्रदूषण रोकने के लिए कार्य करना।


२२. समाजघटकांना कोणती हमी देता आली पाहिजे?


उत्तर: न्याय, स्वातंत्र्य, समता आणि आपलेपणाची हमी.


২৩. लेखक देशबांधवांवर प्रेम करण्याची गरज का सांगतात?


उत्तर: कारण देशप्रेम भूमिपुत्रांवरच्या प्रेमातूनच दिसून येते.


२४. राष्ट्रगीतातील आदर्श वास्तवात आणण्यासाठी काय करायला हवे?


उत्तर: सतत प्रयत्न, परिश्रम आणि संघभावना ठेवायला हवी.


२५. भूमी सुजलाम सुफलाम राहण्यासाठी कोणावर अवलंबून आहे?


उत्तर: आपल्या कर्तृत्वावर आणि श्रमावर.


২६. स्वच्छतेची जबाबदारी कोणाची आहे?


उत्तर: प्रत्येक नागरिकाची.


२७. देशप्रेम फक्त घोषणांमध्ये असावे का?


उत्तर: नाही; ते कृतीमध्ये दिसायला हवे.


२८. जातधर्मावरून भांडणे का चुकीचे आहे?


उत्तर: कारण त्यामुळे समाजात फूट पडते आणि भारतमातेचा अपमान होतो.


२९. खरा धर्म कोणता आहे?


उत्तर: जगाला प्रेम अर्पण करणे हा खरा धर्म आहे.


३०. लेखक शेवटी कोणता संदेश देतात?


उत्तर: ‘वंदे मातरम्’मध्ये वर्णित आदर्श पूर्ण करण्यासाठी सतत प्रयत्न करणे आणि सर्व समाजघटकांचा आधार राखणे हाच खरा देशप्रेमाचा मार्ग.

Answer by Dimpee Bora