Chapter- 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा
प्र.1. कहानी का नाम क्या है?
उ: इस कहानी का नाम “अमरू और बोरी” है।
प्र.2. कहानी का मुख्य पात्र कौन है?
उ: अमरू इस कहानी का मुख्य पात्र है।
प्र.3. अमरू के साथ क्या हुआ?
उ: लोगों ने अमरू पर बच्चे चुराने का शक किया और उसकी पिटाई करने की तैयारी कर ली।
प्र.4. भीड़ ने अमरू पर शक क्यों किया?
उ: क्योंकि उस समय दिल्ली में बच्चों के उठाए जाने की घटनाएँ हो रही थीं और अमरू बोरी लेकर जा रहा था।
प्र.5. उस समय दिल्ली में कैसी सनसनी फैली थी?
उ: दिल्ली में बच्चों के अपहरण की खबरों से सनसनी फैली हुई थी।
प्र.6. अखबारों में क्या खबर छपी थी?
उ: अखबारों में छपा था कि जमुना पुल पर कुछ लोग पकड़े गए जिन्होंने बोरियों में बच्चे बंद किए थे।
प्र.7. बच्चों के स्कूल से आने-जाने की क्या व्यवस्था की गई थी?
उ: बच्चों को बहुत सावधानी से स्कूल से लाया और घर पहुँचाया जाता था।
प्र.8. बच्चे कहाँ खेलना बंद कर चुके थे?
उ: बच्चे पार्कों और गलियों में खेलना-कूदना बंद कर चुके थे।
प्र.9. लोग अमरू के साथ क्या करने वाले थे?
उ: लोग अमरू की पिटाई करने वाले थे।
प्र.10. अमरू को किसने बचाया?
उ: थानेदार और पुलिस का सिपाही समय पर आ गए, जिससे अमरू बच गया।
प्र.11. थानेदार ने अमरू से क्या पूछा?
उ: थानेदार ने पूछा – “यह बच्चा तूने कहाँ से उठाया है और इसे कहाँ ले जा रहा है?”
प्र.12. अमरू ने थानेदार को क्या उत्तर दिया?
उ: अमरू ने कहा कि वह किसी का बच्चा नहीं उठा रहा, वह एक भले घर का नौकर है।
प्र.13. भीड़ में से किसने थानेदार से अमरू को मारने को कहा?
उ: एक आदमी जिसने थानेदार को बुलाया था, उसने कहा – “दो-चार बेंत रसीद कीजिए।”
प्र.14. अमरू ने क्या अनुरोध किया?
उ: अमरू ने कहा – “सरकार, पहले बोरी तो देख लीजिए कि इसमें क्या है।”
प्र.15. थानेदार ने क्या आदेश दिया?
उ: थानेदार ने कहा – “अच्छा, बोरी को नीचे रखो और इसका मुँह खोलो।”
प्र.16. बोरी में क्या निकला?
उ: बोरी में एक बिल्ली का बच्चा (बिलुंगड़ा) निकला।
प्र.17. बिल्ली का बच्चा क्या करने लगा?
उ: बिल्ली का बच्चा छलाँग लगाकर भाग गया।
प्र.18. बोरी खुलने के बाद भीड़ का क्या हाल हुआ?
उ: लोग देखते रह गए और शर्मिंदा हो गए।
प्र.19. थानेदार की क्या प्रतिक्रिया रही?
उ: थानेदार झेंप गया और अपनी झेंप मिटाने के लिए एक ताँगेवाले को बेंत मारी।
प्र.20. थानेदार ने ताँगेवाले को क्यों मारा?
उ: ताकि अपनी गलती और शर्म छिपा सके।
प्र.21. कहानी का अंत कैसे हुआ?
उ: थानेदार चला गया और अमरू हँसता हुआ अपने घर लौट आया।
प्र.22. लोगों ने अमरू पर क्यों विश्वास नहीं किया?
उ: क्योंकि समाज में पहले से डर और शक का वातावरण था।
प्र.23. अमरू का पेशा क्या था?
उ: वह एक भले घर का नौकर था, जो रोटी-चौका करके पेट पालता था।
प्र.24. भीड़ की मानसिकता कैसी थी?
उ: भीड़ जल्दबाज़ और अंधविश्वासी थी, बिना जाँच किए सजा देने को तैयार थी।
प्र.25. कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उ: हमें बिना सत्य जाने किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहिए।
प्र.26. इस कहानी का समाज के प्रति क्या संदेश है?
उ: समाज को अफवाहों और भीड़ मानसिकता से बचना चाहिए।
प्र.27. ‘दरोगा जी झेंप मिटाने का यत्न करते हुए चले गए’ — इस वाक्य का क्या तात्पर्य है?
उ: दरोगा अपनी गलती पर शर्मिंदा थे, इसलिए उन्होंने किसी और को डाँटकर अपनी झेंप छिपाई।
प्र.28. अमरू के व्यवहार से उसका कौन-सा गुण प्रकट होता है?
उ: उसका धैर्य, विनम्रता और आत्मविश्वास प्रकट होता है।
प्र.29. भीड़ के व्यवहार से कौन-सी सामाजिक बुराई झलकती है?
उ: अफवाहों पर विश्वास करना और बिना प्रमाण के हिंसा करना।
प्र.30. इस कहानी का उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है?
उ: “अमरू और बिल्ली का बच्चा” या “झूठे शक की सजा”।
Answer by Dimpee Bora