छोटा जादूगर
पूर्ण भागों में उत्तर दो: (1- marks)
(क) जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रथम कहानी का नाम क्या है?
उत्तर: ग्राम।
(ख) प्रसाद जी द्वारा विरचित महाकाव्य का नाम बताओ।
उत्तर: 'लहर' और 'कामायनी'।
(ग) लड़का जादूगर को क्या समझता था?
उत्तर: लड़का जादूगर को निकम्मा समझता था।
(घ) लड़का तमाशा देखने पर्दे में क्यों नहीं गया था?
उत्तर: लड़का तमाशा देखने पर्दे में इसलिए नहीं गया क्योंकि उसके पास टिकट के पैसे नहीं थे।
(ङ) श्रीमान ने कितने टिकट खरीद कर लड़के को दिए थे?
उत्तर: श्रीमान ने बारह टिकट खरीदकर लड़के को दिए थे।
(च) लड़के ने हिंडोले से अपना परिचय किस प्रकार दिया था?
उत्तर: लड़के ने हिंडोले से अपना परिचय 'छोटा जादूगर' के रूप में दिया था।
(छ) बालक (छोटा जादूगर) को किसने बहुत ही शीघ्र चतुर बना दिया था?
उत्तर: बालक को ग़रीबी पन और आवश्यकताओं ने बहुत ही शीघ्र चतुर बना दिया था।
(ज) श्रीमान कोलकाता में किस अवसर की छुट्टी बिता रहे थे?
उत्तर: श्रीमान कोलकाता में बड़े अवसर की छुट्टी बिता रहे थे।
(झ) सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर खेल दिखाते समय छोटे जादूगर की वाणी में स्वभावसुलभ प्रसन्नता की तरी क्यों नहीं थी?
उत्तर: सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर खेल दिखाते समय छोटे जादूगर की वाणी में स्वभावसुलभ प्रसन्नता की तरी इसलिए नहीं थी क्योंकि उसकी मां ने उसे कहा है कि "आज तुरंत घर चले आना। मेरी घड़ी समीप है।"
( ) मृत्यु से ठीक पहले छोटे जादूगर की मां के मुंह से कौन सा अधूरा शब्द निकला था?
उत्तर: 'बे....' शब्द।
अति संक्षिप्त उत्तर दो (2-3 marks)
(क) बाबू जयशंकर प्रसाद की बहुमुखी प्रतिभा का परिचय किन क्षेत्रों में मिलता है?
उत्तर: बाबू जयशंकर प्रसाद जी की बहुमुखी प्रतिभा का परिचय कविता, नाटक, कहानी, उपन्यास, निबंध और आलोचना के क्षेत्र में अमर लेखनियों में मिलता है।
(ख) श्रीमान ने छोटे जादूगर को पहली भेंट के दौरान किस रूप में देखा था?
उत्तर: श्रीमान ने छोटे जादूगर को एक शरबत वाले की ओर उसे देखता हुआ पाया। उसके गले में फटे कुरते के ऊपर एक मोटी- सी सूत की रस्सी पड़ी थी और जेब में कुछ ताश के पत्ते थे। जिसके मुंँह पर गंभीर दर्द के साथ धैर्य भी था और जिसके अभाव में भी सम्पूर्णता थी।
(ग) "वहां जाकर क्या कीजिएगा?" छोटे जादूगर ने ऐसा कब कहा था?
उत्तर: जब श्रीमान छोटे जादूगर को पर्दे के उस पार टिकट खरीद कर ले जाने को तैयार हुए तब छोटे जादूगर ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि "वहां जाकर क्या कीजिएगा?"
(घ) निशानेबाज के रूप में छोटे जादूगर की कार्य-कुशलता का वर्णन करो।
उत्तर: निशानेबाज के रूप में छोटा जादूगर एक पक्का निशानेबाज निकला। जिसका एक भी गेंद खाली नहीं गया। खिलौने गिराने के खेल में उसने बारह गेंदों में बारह खिलौने बटोर लिए।
(ङ) कोलकात्ते के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान-श्रीमती को छोटा जादूगर किस रूप में मिला था?
उत्तर: कोलकाता के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान श्रीमती को छोटा जादूगर जादू दिखाने वाले एक कलाकार के रूप में मिला था। जिसके हाथ में चारखाने की खादी का झोला था। आधी बाँहों का कुरता, सिर पर रुमाल सूत की रस्सी से बंँधा हुआ, जो मस्तानी चाल से झूमता हुआ उनकी ओर आ रहा था।
(च) कोलकात्ते के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को 'लड़के!' कहकर संबोधित किया, तो उत्तर में उसने क्या कहा?
उत्तर: कोलकाता के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को 'लड़के!' कहकर संबोधित किया, तो उत्तर में छोटे जादूगर ने कहा कि "छोटा जादूगर कहिए। यही मेरा नाम है। इसी से मेरी जीविका है।"
(छ)"आज तुम्हारा खेल जमा क्यों नहीं?"- इस प्रश्न के उत्तर में छोटे जादूगर ने क्या कहा?
उत्तर: इस प्रश्न के उत्तर में छोटे जादूगर ने कहा कि "मांँ ने कहा है कि आज तुरंत चले आना। मेरी घड़ी समीप है।"इस बात को लेकर वह अंदर ही अंदर दुखी था। जिसके कारण खेल जमा नहीं।
संक्षिप्त उत्तर दो: (5-marks)
(क) "क्यों जी, तुमने इसमें क्या देखा?"- इस प्रश्न का उत्तर छोटे जादूगर ने किस प्रकार दिया था?
उत्तर: श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को शरबत वाले को गंभीर भाव से देखते हुए देखा तो श्रीमान ने प्रश्न किया कि "क्यों जी, तुमने इसमें क्या देखा?" इसका तुरंत उत्तर देते हुए छोटे जादूगर ने कहा कि उसने सब देखा है, कि यहांँ चूड़ी फेंकते हैं। खिलौने पर निशाना लगाते हैं। तीर से नंबर छेदते है। और उसे खिलौने पर निशाना लगाना सबसे अच्छा लगता है। उसने यह भी कहा कि उसे बड़े जादूगर निकम्मे लगते हैं। उन बड़े जादूगर से अच्छा ताश का खेल वह खुद दिखा सकता है।
(ख) अपने मांँ-बाप से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में छोटे जादूगर ने क्या-क्या कहा था?
उत्तर: शरबत पीकर दोनों जब निशाने लगाने चले तब रास्ते में ही श्रीमान ने छोटे जादूगर को उसके माता पिता से संबंधित प्रश्न पूछना आरंभ किया। उसके उत्तर में उसने बताया कि उसके बाबूजी देश के लिए जेल में हैं और उसकी माँ बीमार है। और वह यहांँ तमाशा देखने नहीं बल्कि दिखाने आया है। तमाशा दिखा कर उनसे कुछ पैसे कमाकर अपनी मां को देना चाहता है। छोटे जादूगर ने श्रीमान से यहांँ तक कह दिया था कि शरबत ना पिलाकर अगर उसका खेल देखकर उसे कुछ पैसे दे दिए होते तो वह अधिक प्रसन्न होता।
(ग) श्रीमान ने तेरह-चौदह वर्ष के छोटे जादूगर को किसलिए आश्चर्य से देखा था?
उत्तर: श्रीमान द्वारा किए गए प्रश्नों के उत्तर मैं जब छोटे जादूगर ने बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा कि, वह तमाशा देखने नहीं बल्कि दिखाने आया है। तमाशा दिखाकर उनसे जो पैसा इकट्ठा होगा उससे वह अपनी मांँ के लिए दवा खरीदेगा और बाकी बचे पैसे अपनी मांँ को दे देगा। उसने सीधे शब्दों में श्रीमान से कह दिया था कि वे अगर शरबत ना पिलाकर उसके बदले उसका खेल देखकर कुछ पैसे दे देते तो वह ज्यादा खुश होता। छोटी सी उम्र में उसकी ऐसी बातें और मां के प्रति सेवा को देखकर श्रीमान आश्चर्य से छोटे जादूगर को देख रहे थे।
(घ) श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने किस प्रकार अपना खेल दिखाया?
उत्तर: श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने कार्निवल में जीते गए खिलौनों को बाहर निकाला और एक- एक करके सारे खिलौने से वह अपने हाथों और मुंँह से अभिनय करके दिखाने लगा। जिसमें भालू का मनाना, बिल्ली का रूठना, बंदर का घुड़कना, यहां तक गुड्डा गुड्डी का ब्याह तक शामिल था। मसालेदार कहानी द्वारा किए गए अभिनव से सारा माहौल मनोरंजन से भर गया था। इसके अलावा उसने जादू से भी सबका दिल बहलाया। ताश के पत्तों से फटाक से रंग बदल देता, टुकड़े-टुकड़े रस्सी को जोड़ देता और लड्डू को इस प्रकार घुमाता की वह अपने आप नाचने लगते।
(ङ) हवड़ा की ओर आते समय छोटे जादूगर और उसकी मांँ के साथ श्रीमान की भेंट किस प्रकार हुई थी?
उत्तर: हवड़ा की और आते समय श्रीमान उस छोटे जादूगर के बारे में ही सोच रहे थे कि झोपड़ी के पास कम्बल कांधे पर डाले खड़ा छोटा जादूगर उन्हें दिखाई दिया। श्रीमान ने उसे उसके वहांँ खड़े रहने का कारण पूछा तो उसने बताया कि अस्पताल वालों ने उसकी मांँ को निकाल दिया है और उसकी मांँ झोपड़ी में ही है। तब श्रीमान गाड़ी से उतरे और झोपड़ी में देखा कि फटे पुराने कपड़ों में लदी छोटे जादूगर की मांँ काँप रही है। इस प्रकार छोटे जादूगर एवं उसकी मांँ से श्रीमान की भेंट हुई।
(च) सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर छोटा जादूगर किस मन:स्थिति में और किस प्रकार खेल दिखा रहा था?
उत्तर: सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर छोटा जादूगर उस दिन मानसिक तनाव में था। क्योंकि उसकी मांँ की तबीयत बहुत खराब हो गई थी। मांँ के द्वारा कहे गए वाक्य- "मेरी घड़ी समीप है" इस बात को लेकर वह अंदर ही अंदर दुखी था। वह प्रसन्नता का दिखावा करते हुए लोगों को हंसाने की चेष्टा कर रहा था। पर उसके शब्दों में प्रसन्नता की तरी नहीं थी। जब औरों को हंसाने का प्रयास करता तब वह स्वयं काँप जाता। मानो उसके रोए रो रहे हों। उसका मन दुखी होने के कारण उसके खेल में भी वह प्रसन्नता की झलक और दिनों के मुकाबले फीका था।
(छ) छोटे जादूगर और उसकी मांँ के साथ श्रीमान की अंतिम भेंट का अपने शब्दों में वर्णन करो।
उत्तर: श्रीमान ने छोटे जादूगर को दुखी होता हुआ देखा। कारण पूछने पर उसने कहा कि उसकी मांँ की तबीयत बहुत खराब है। वह मौत की अंतिम सांँसे गिन रही है। छोटे जादूगर के बातों को सुन श्रीमान ने उसे अपने गाड़ी में बिठाया और उसके झोपड़ी तक ले गया। गाड़ी से उतरते ही छोटे जादूगर दौड़कर झोपड़ी में घुसा और अपनी मांँ को पुकारने लगा। उसके पीछे पीछे श्रीमान भी झोपड़ी के अंदर घूस चुके थे। बेटे की आवाज सुनकर मांँ के मुंँह से सिर्फ 'बे...' शब्द निकल कर रह गए। उसके दुर्बल हाथ बेटे की ओर बढ़े ही थे कि झटक से उसका हाथ नीचे गिर पड़ा और उसने अपने प्राण त्याग दिए। जादूगर अपनी मांँ से लिपट कर फूट-फूट कर रोने लगा। जिसको देख श्रीमान स्थिर रह गए और दुनिया मानो जादू की तरह उनकी आंँखों के चारों ओर नित्य करने लगे।
Additional question and previous paper solve:
संक्षिप्त प्रश्नः
1.श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने किसप्रकार अपना ।खेल दिखाया था ? [HSLC '14,'20]
उत्तरः छोटे जादूगर ने अपने खेल में कई प्रकार के पात्रों को शामिल किया, जैसे भालू, बिल्ली, और गुड़िया। उसने अपनी वाचालता और चतुराई से दर्शकों का ध्यान खींचा और उन्हें हंसाया। उसके अभिनय में आनंद था, जो सभी को लोट-पोट कर गया।
2. अपने माँ-बाप से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर में छोटे जादूगर ने क्या-क्या कहा था? [HSLC '14]
उत्तरः छोटे जादूगर ने बताया कि उसके पिता जेल में हैं, क्योंकि वे देश के लिए लड़ रहे हैं। उसकी माँ बीमार है, और उसने खेल दिखाने का उद्देश्य यही बताया कि वह कुछ पैसे कमाकर अपनी माँ की दवा कर सके।
3. 'आप साधु हैं, आपको दुनियादारी समझ में नहीं आती।' - यहां 'दुनियादारी' का प्रसंग क्यों उठाया गया है [HSLC '14]
उत्तरः 'दुनियादारी' का प्रसंग इसलिए उठाया गया है क्योंकि छोटे जादूगर के चरित्र में भौतिकता और साधारण जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने कर्तव्यों के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाने का प्रयास किया गया है। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि केवल धार्मिकता या साधुता से ही जीवन की कठिनाइयों का सामना नहीं किया जा सकता।
4. 'क्यो जी, तुमने इसमे क्या देखा?' -छोटे जादूगर ने इसका उत्तर किस प्रकार दिया था ? [HSLC'15,'18]
उत्तरः छोटे जादूगर ने उत्तर दिया कि उसने सब कुछ देखा, जैसे खिलौने पर निशाना लगाना, चूड़ी फेंकना आदि। उसने यह भी कहा कि जादूगर तो बिल्कुल निकम्मा है, और वह उससे बेहतर ताश का खेल दिखा सकता है, जो उसकी चतुराई और आत्मविश्वास को दर्शाता है।
5.श्रीमान ने छोटे जादूगर को क्यों आश्चर्य से देखा था? [HSLC'15] |
उत्तरः श्रीमान ने छोटे जादूगर को आश्चर्य से देखा क्योंकि वह लड़का अपनी कठिन परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास और चतुराई के साथ अपनी जीविका के लिए संघर्ष कर रहा था। उसकी सोच और व्यवहार ने लेखक को प्रभावित किया।
6.छोटा जादुगर अपनी मातृभक्ति का परिचय कैसे देता है ? | [HSLC'17] |
उत्तरः छोटा जादूगर अपनी मातृभक्ति का परिचय इस प्रकार देता है कि वह अपनी माँ की बीमारी के कारण खेलने के बजाय पैसे कमाने के लिए खेल दिखाने आया है। उसने अपने सभी प्रयास अपनी माँ की भलाई के लिए समर्पित किए हैं।
7.“और तुम तमाशा देख रहे हो ?" लेखक के इस प्रश्न के | उत्तर में छोटे जादुगर ने क्या कहा है ? [HSLC'17] |
उत्तरः छोटे जादूगर ने उत्तर दिया कि वह तमाशा देखने नहीं, बल्कि दिखाने आया है। उसका उद्देश्य पैसे कमाकर अपनी माँ की दवा के लिए कुछ पैसे जुटाना है।
8. निशानेबाज के रूप रुप में छोटे जादुगर की कार्य-कुशलता । का वर्णन करो। [HSLC'18]
उत्तरः छोटा जादूगर अपने कार्य में अत्यंत कुशल है। वह ताश के पत्तों से खेल दिखाने में निपुण है और बिना किसी झिझक के विभिन्न ट्रिक्स करता है। उसका आत्मविश्वास और चतुराई उसे विशेष बनाते हैं। जब वह निशाना लगाता है, तो उसकी सटीकता देखकर दर्शक हैरान रह जाते हैं। उसके खेलने का अंदाज और दर्शकों के साथ उसका संवाद उसे एक कुशल कलाकार के रूप में प्रस्तुत करता है।
9.छोटे जादूगर के (आज) खेल न जमने का क्या कारण है?। [HSLC'19] |
उत्तरः छोटे जादूगर के खेल न जमने का मुख्य कारण उसकी माँ की बीमारी है। उसने अपनी माँ की देखभाल के लिए खेल दिखाने से पहले उसे घर लौटने का निर्णय लिया। उसकी माँ ने उसे जल्दी आने के लिए कहा था, जिससे उसकी मानसिक स्थिति प्रभावित हुई और वह अपने खेल में पूरी तरह से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाया।
10. छोटे जादूगर ने अपने परिचय के रुप मे क्या कहा था? । [HSLC'19]!
उत्तरः छोटे जादूगर ने अपने परिचय में कहा, "छोटा जादूगर कहिए। यही मेरा नाम है। इसी से मेरी जीविका है।" यह बताता है कि वह अपने नाम को गर्व के साथ अपनाता है और यह उसकी पहचान का हिस्सा है।
11. छोटे जादूगर के चरित्र की किन्हीं तीन विशेषताएँ लिखो। [HSLC'20]
उत्तरः 1.साहसी और आत्मविश्वासी: छोटे जादूगर अपने काम में पूरी तरह से विश्वास रखता है और कठिनाइयों का सामना करने में साहस दिखाता है।
2.पारिवारिक जिम्मेदारी: वह अपनी माँ की बीमारी के कारण अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं को त्यागने को तैयार है, जो उसकी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।
3.संवेदनशीलता: वह अपनी माँ के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और उसकी बीमारी के कारण वह खेल में ध्यान नहीं दे पाता, जिससे उसकी भावनात्मक गहराई स्पष्ट होती है।
B. विवरणात्मक प्रश्न :
अंक : 4/5
1. अपने माँ-बाप से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में छोटे जादुगर ने क्या-क्या कहा था ? [HSLC'16]
उत्तरः छोटे जादूगर ने अपने माँ-बाप से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में बताया कि उसके पिता जेल में हैं, क्योंकि वह देश के लिए लड़ रहे हैं। उसकी माँ बीमार है और वह यहाँ तमाशा देखने नहीं, बल्कि दिखाने आया है ताकि कुछ पैसे कमा सके और अपनी माँ के लिए दवा खरीद सके। उसकी आत्मनिर्भरता और परिवार के प्रति जिम्मेदारी उसके शब्दों में स्पष्ट दिखती है।
2 श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादुगर ने किस प्रकार अपना खेल दिखाया ? [HSLC'16]
उत्तरः श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने अपने खेल को इस तरह दिखाया कि उसने दर्शकों को अपनी कला से मोहित कर दिया। उसने अपने खेल में भालू, बिल्ली और गुड़िया का ब्याह जैसे नाटकीय तत्वों को शामिल किया। उसकी वाचालता और चातुरी से सभी दर्शक हँसते-हँसते लोटपोट हो गए। उसने अपने खेल को इस तरह प्रस्तुत किया कि सभी को मनोरंजन मिला, जबकि वह स्वयं अपनी माँ की बीमारी और आर्थिक कठिनाइयों को भुलाने की कोशिश कर रहा था।
अतिरिक्त आवश्यकीय प्रश्न
A. अति संक्षिप्त प्रश्न :
अंक 1
1. सही विकल्प का चयन करो :
(1) 'छोटा जादुगर' कहानी के कहानीकार है -
(a) प्रेमचन्द
(b) जयशंकर प्रसाद
(c) श्रीधर पाठक
(d) मीराबाई
उत्तरः (b) जयशंकर प्रसाद
(ii) जयशंकर प्रसाद का जन्म कहाँ हुआ था ?
(a) काशी में
(b) इलाहाबाद में
(c) पटना में
(d) नई दिल्ली में
उत्तरः (a) काशी में
(iii) जयशंकर प्रसाद के पिताजी थे -
(a) कमला प्रसाद
(b) शंभुरत्न
(c) देवमप्रसाद
(d) देवी प्रसाद
उत्तरः (d) देवी प्रसाद
(iv) जयशंकर प्रसाद ब्रजभाषा में किस नाम से लिखते थे ?
(a) प्रसाद
(c) कलाधर
(b) दीनबंधु
(d) साहु
उत्तरः (c) कलाधर
(v) जयशंकर प्रसाद जी का जन्म कब हुआ था ?
(a) 1896 ई. में
(b) 1893 ई. में
(c) 1890 ई. में
(d) 1906 ई. में
उत्तरः (a) 1896 ई. में
(vi) जयशंकर प्रसाद जी का साहित्यिक जीवन किस नाम से आरम्भ हुआ था ?
(a) 'विद्याधर' नाम से
(b) 'ज्ञानधर' नाम से
(c) 'कलाधर' नाम से
(d) 'करुणाधर' नाम से
उत्तरः (c) 'कलाधर' नाम से
(vii) निम्नलिखित निबंधों के संग्रह में कौन-सा संग्रह जयशंकर प्रसाद जी के नही है।
(a) कंकाल
(b) तितली
(c) आधुनिक निबंध
(d) इरावती
उत्तरः (c) आधुनिक निबंध
(viii) प्रसाद जी के प्रथम कहानी है -
(a) आकाश दीप
(b) पुरस्कार
(c) ममता
(d) ग्राम
उत्तरः (d) ग्राम
(ix) कर्निवाल के मैदान में लड़का चुपचाप किनको देख रहा था
(a) चाय पीने वालों को
(b) मिठाई खाने वालों को
(c) गाने वालों को
(d) शरबत पीने वालों को।
उत्तरः (d) शरबत पीने वालों को
Answer by Reetesh Das (MA in Hindi) and Dikha Bora
Edit By Dipawali Bora (23.04.2022)
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