Lesson- 3

 (नीलकंठ) 




1.अति संक्षिप्त उत्तर दो:

(क) मोर-मोरनी के जोड़े को लेकर घर पहुंँचने पर सब लोग महादेवी जी से क्या कहने लगे?
उत्तर: मोर मोरनी के जोड़े को लेकर घर पहुंँचने पर सब लोग महादेवी से कहने लगे कि 'यह मोर नहीं बल्कि तीतर है। उन्हें मोर कहकर ठग लिया गया है।'

(ख) महादेवी जी के अनुसार नीलकंठ को कैसा वृक्ष अधिक भाता था?
उत्तर: नीलकंठ को सुनहली मंजरीयों से लदी और पल्लवित वृक्ष अधिक पसंद थे। वसंत ऋतु आते ही जब आम के वृक्ष सुनहरी मंजरियों से लद जाती और अशोक के वृक्ष मानो लाल पल्लवों से ढक जाती है, तब नीलकंठ उन वृक्षों में जाने को इतना व्याकुल हो जाता कि जालीघर से उसे बाहर छोड़ देना पड़ता।

(ग) नीलकंठ को राधा और कुब्जा में किसे अधिक प्यार था और क्यों?
उत्तर: नीलकंठ को हमेशा से राधा से ही प्यार था। क्योंकि राधा पहले से ही उसके साथ थी और उसका स्वभाव भी शांत था एवं राधा सभी से प्यार से पेश आती। जबकि कुब्जा स्वार्थी और झगड़ालू किस्म की थी। कुब्जा के आते ही जालीघर मैं पहले जैसा हंसता खेलता माहौल नहीं रहा। यही कारण है कि नीलकंठ राधा से अधिक प्यार करता था।

(घ) मृत्यु के बाद नीलकंठ का संस्कार महादेवी जी ने कैसे किया?
उत्तर: मृत्यु के बाद नीलकंठ को महादेवी ने अपने शाल में लपेटकर गंगा की तेज धारा में उसे प्रवाहित कर दिया। धारा में प्रवाहित नीलकंठ को देख महादेवी ने देखा कि उसके पंखों की चंद्रिकाओं से बिंबित- प्रतिबिंबित होकर गंगा का चौड़ा पाट मानो एक विशाल मयूर के समान तरंगित हो उठा है।

2. संक्षेप में उत्तर दो:

(क)बड़े मियांँ ने मोर के बच्चे दूसरों को न देकर महादेवी जी को ही क्यों देना चाहता था?
उत्तर: बड़े मियांँ जो कि एक पक्षियों के दुकानदार थे, वे जानते थे कि महादेवी को पक्षियों से अधिक लगाव है। जब मोर के दो बच्चे बड़े मियांँ के दुकान में आए तो महादेवी को ही उन पक्षियों को बेचने का ख्याल आया। दूसरा कारण यह भी था कि दूसरे ग्राहक मोर के पंजों से दवा बनाकर उसे मार देते थे। आखिर बड़े मियांँ के पास भी एक कोमल ह्रदय था। वे जानते थे कि महादेवी के पास यह मोर सुरक्षित रहेंगे। इन्हीं कारणों से बड़े मियांँ ने महादेवी को वे मोर देने चाहे।


(ख) महादेवी जी ने मोर और मोरनी के क्या नाम रखें और क्यों?
उत्तर: महादेवी ने मोर और मोरनी का नाम रखा नीलकंठ और राधा। मोर का गर्दन नीले रंग का था जिसके कारण महादेवी ने उसे नीलकंठ का नाम दिया। दूसरी और मोरनी हमेशा मोर के साथ छाया बनके घूमती रहती। दोनों को देखकर ऐसा प्रतीत होता था मानो कृष्ण के संग राधा घूम रही हो। इसी कारण महादेवी ने मोरनी का नाम  राधा रख दिया।


(ग)लेखिका के अनुसार कार्तिकेय ने  मयूर को अपना वाहन क्यों चुना होगा? मयूर की विशेषताओं के आधार पर उत्तर दो।
उत्तर: कार्तिकेय देवताओं के सेनापति थे। उन्होंने अपने युद्ध वाहन के रूप में  मयूर को ही चुना था।क्योंकि मयूर एक कलाप्रिय पक्षी है और दिखने में एकदम शांत स्वभाव का है। पर वह जरूरत पड़ने पर वीरता एवं साहस का भी परिचय देने मैं पीछे नहीं हटता। साथ ही साथ युद्ध की कला भी उसे अच्छी तरह आती है। लेखिका के अनुसार मयूर बाज, चील आदि की तरह क्रूर और हिंसक नहीं है। इन्हीं कारणों के वजह से  कार्तिकेय ने मयूर को अपना वाहन चुना होगा।


(घ) नीलकंठ के रूप-रंग का वर्णन अपने शब्दों में करो। इस दृष्टि से राधा कहांँ तक भिन्न नथी?
उत्तर: मोर के सिर की कलगी और सघन ऊंँची तथा चमकीली थी। चोंच अधिक बंकिम और पैने थे। आंखों में मानो इंद्रनील की नीलाभ द्युति झलकती थी। लंबी नील-हरित गर्दन पर धूप-छांँहो की तरंगे उसे और चार चांद लगा देते थे। पंखों में सलेटी और सफेद रंगो का संगम, लंबी पूंँछ, रंग-बिरंगे रंगों से भरी पंख उसके सौंदर्य को और निखार देती थी।अत: नीलकंठ देखने में मनमोहक एवं सौंदर्य का सुकुमार था।
        नीलकंठ की तुलना में राधा थोड़ी भिन्न थी। उसकी गर्दन लंबी थी आंखों में काले सफेद रंगों की पत्रलेखा थी। उसके पैरों में नीलकंठ जैसी गति तो नहीं थी, पर जब वह मंथर गति से चलती तो उसकी शोभा देखने लायक होती थी। वह इस कदर चलती की मानो नीलकंठ की संगिनी होने का प्रमाण दे रही हो।

(ङ) बारिश में भींगकर नृत्न करने के बाद नीलकंठ और राधा पंखों को कैसे सुखाते?
उत्तर: नीलकंठ और राधा को वर्षा पसंद था। जब भी वर्षा आती वह दोनों बारिश में भीगकर नृत्य करने लगते। बारिश थम जाने के बाद वे दोनों अपने भीगे पंखों को आकर्षक ढंग से सुखाने लगते। वे अपने दाहिने पंजे पर दाहिना पंख और बाएँ पंख पर बायाँ पंख फैलाकर पानी को सुखाते। कभी-कभी तो एक दूसरे के पंखों में लगी बूंदों को अपनी चोंच से पी-पी कर दूर कर दे थे।

(च) वसंत ऋतु में नीलकंठ के लिए जालीघर में बंद रहना असहनीय हो जाता था, क्यों?
उत्तर: नीलकंठ को वर्षा बहुत पसंद थी। जब भी आकाश में बादल छाने लगते तो नीलकंठ नृत्य करने से अपने आप को रोक नहीं पाता। उसे आम के पेड़ और अशोक के पेड़ बहुत भाते थे। जब वसंत ऋतु में सुनहरी मंजरिलयों से लदी आम के वृक्ष और लाल पल्लवों से ढके अशोक के वृक्ष को देखता तो वह अपने आपको वहां चढ़ने से नहीं रोक पाता। अतः वह इतना उत्तेजित हो जाता कि उसके लिए जालीघर में रहना असहनीय हो जाता और महादेवी को उसकी उत्सुकता को देख जालीघर को खोल देना पड़ता था। ताकि वह वृक्षों के डालियों में छड़ वसंत ऋतु का लुफ्त उठा सके और वृक्ष के नीचे अपने रंग बिरंगे पंखों को खोल नृत्य कर सके।

(छ) जाली के बड़े घर में रहने वाले  जीव जंतुओं के आचरण का वर्णन करो।
उत्तर: महादेवी को पशु-पक्षियों से लगाव तथा प्रेम था। इसी वजह से उन्होंने अपने घर में ही एक बड़ा जालीघर बनवाया जहांँ अनेक प्रकार के जीव जंतुओं को पाला गया। जालीघर में रहने वाले सभी जीव-जंतु एक दूसरों के साथ मिलजुल कर रहते थे। कबूतर अपनी गुटरगूँ से शोर करते, तो खरगोश के बच्चे ऊन की गेंद की भांति  इधर-उधर उछल कूद मचाते  फिरते। मोर अपने नृत्य से सबको मोहित करते, तो वही तोते अपनी मधुर वाणी से सबको संदेश पहुंचाते। नीलकंठ को सभी अपना सेनापति एवं संरक्षक मानते थे। सब नीलकंठ के फैले पंखों में लुकाछिपी खेलने  लगते। इसी प्रकार सभी जालीघर में एक दूसरे के साथ बड़े प्यार और स्नेह से रहते थे।

(ज) नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को सांँप के चंगुल से किस तरह बचाया?
उत्तर: नीलकंठ जाली घर के सब पशु पक्षियों का संरक्षक था। एक दिन एक साँप जाली के भीतर पहुंँच गया। सब जीव जंतु भागकर इधर-उधर छिप गए। परंतु एक शिशु खरगोश सांँप की पकड़ में आ गया। सांँप ने खरगोश को आधा मुंँह में निगल चुका था। उसी अवस्था में खरगोश के बच्चे के मुंँह से धीमी स्वर में चीं-चीं आवाज निकलने लगी। उस धीमी स्वर को सुनते ही नीलकंठ तुरंत पेड़ से नीचे आया और अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए सांँप को फन के पास अपने पंजों से दबाया और चोंच से प्रहार कर अधमरा कर दिया। घायल होते ही साँप की पकड़ ढीली हो गई और खरगोश का बच्चा बच गया। इस प्रकार नीलकंठ ने अपनी बुद्धि और वीरता से खरगोश के प्राण बचा लिए।


(झ) लेखिका को नीलकंठ की कौन-कौन सी चेष्टाएंँ बहुत भाती थी?
उत्तर: महादेवी को पशु-पक्षियों के प्रति नीलकंठ का जो अपार प्रेम था वह सबसे अधिक भाता था। नीलकंठ जालीघर का मुखिया था। उसके बातों और इशारों को सभी पशु-पक्षी आदर से पालन करते। नीलकंठ सबकी देखभाल करता और उनके साथ खेलकूद भी करता था। इन सबके अलावा महादेवी को उसका नित्य देखना बहुत पसंद था। अपनी नृत्यकलओ से वह जिस प्रकार अपने रंग बिरंगे पंखों को खोल नृत्य करता उसको देखते ही  महादेवी मोहित हो जाती थी। महादेवी अपने हाथों से उसे भुने चने खिलाती और वह बड़ी कोमलता से उस भुने चने को एक-एक करके खाने लगता। इन सभी स्वभाव को देख महादेवी को नीलकंठ बहुत भाता था।

Additional question and previous paper:

A. अति संक्षिप्त प्रश्न :


1. लेखिका ने ड्राइवर को किस ओर चलने का आदे दिया था ?                [HSLC'11


उत्तरः लेखिका ने ड्राइवर को चिड़ियों और खरगोशों की दुकान की ओर चलने का आदेश दिया था।


2. लेखिका को अपने कमरे का दरवाजा क्यों बंद रखन पड़ता था ?          [HSLC '12


उत्तरः लेखिका को अपने कमरे का दरवाजा बंद रखना पड़ता था क्योंकि उनकी बिल्ली चित्रा उन पक्षियों का पता लगा सकती थी।


 3. 'नीलकंठ' शीर्षक लेख किसका है ?                          [HSLC' 14


उत्तरः 'नीलकंठ' शीर्षक लेख महादेवी वर्मा का है।


4. मयूर को किंसने युद्ध-वाहन के रूप में चुना था ?           [HSLC '14,'19]


उत्तरः मयूर को युद्ध-वाहन के रूप में कार्तिकेय ने चुना था।


5. 'नीलकंठ' किस विधा को रचना हैं ?                            [HSLC'15]


उत्तरः 'नीलकंठ' कविता विधा में रचना है।


6. 'नीलकंठ' की राधा कौन हैं ?                      [HSLC'15]


उत्तरः 'नीलकंठ' की राधा मोरनी है।


7. महादेवी जी ने मोर-मोरती के जोड़े के लिए कितनी कीमत चुकाई ?       [HSLC'16]


उत्तरः महादेवी जी ने मोर-मोरती के जोड़े के लिए तीस रुपए चुकाए।


8. विदेशी महिलाओं ने नीलकंठ को क्या उपाधि दी थी ?             [HSLC'16,18]


उत्तरः विदेशी महिलाओं ने नीलकंठ को 'परफेक्ट जेंटिलमैन' की उपाधि दी थी।


9. पठित महादेवी वर्मा के पाठ का नाम क्या है ? [HSLC'17]


उत्तरः पठित महादेवी वर्मा के पाठ का नाम 'नीलकंठ' है।


10. राधा किसका नाम है ?       [HSLC'17,'20]


उत्तरः राधा मोरनी का नाम है।


11. महादेवी वर्मा ने अपनी पालतू बिल्ली का क्या नाम रखा था ?       [HSLC'18]


उत्तरः महादेवी वर्मा ने अपनी पालतू बिल्ली का नाम चित्रा रखा था।


12. चिड़ीमार ने बड़े मियाँ से मोर के जोड़े के कितने नकद रूपए लिए थे ?   [HSLC'19]


उत्तरः चिड़ीमार ने बड़े मियाँ से मोर के जोड़े के लिए तीस नकद रुपए लिए थे।


13. नीलकंठ को 'परफेक्ट जेंटिलमैन' की उपाधि किन्होंने दी थी ?        [HSLC'20]


उत्तरः नीलकंठ को 'परफेक्ट जेंटिलमैन' की उपाधि विदेशी महिलाओं ने दी थी।


B. संक्षिप्त प्रश्न :


अंक 2/3


1. मोर-मोरनी के नामकरण के क्या-क्या आधार थे? [HSLC '11]


उत्तरः मोर-मोरनी के नामकरण के आधार:

मोर के बच्चे को 'नीलकंठ' नाम दिया गया क्योंकि यह उसका सुंदर और आकर्षक रूप दर्शाता था, जो भारतीय संस्कृति में शाश्वत प्रेम और सुंदरता का प्रतीक है। मोरनी का नाम 'राधा' रखा गया, जो कि भारतीय मिथकों में प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक मानी जाती हैं।


2. विदेशी महिलाएँ नीलकंठ को "परफैक्ट जेंटिलमैन” क्यों कहती थीं ? [HSLC '12]


उत्तरः नीलकंठ की चाल-ढाल और उसके खाने के तरीके में एक अद्भुत कोमलता और शिष्टता थी। वह अपनी नुकीली चोंच से भी भुने चने को बहुत सावधानी से उठाता था, जिससे उसके व्यवहार में एक विशिष्ट शिष्टता झलकती थी।


3. नीलकंठ के मरने पर (अपने) सीमित प्रकृतिजगत पर कया | प्रभाव पड़ा था स्पष्ट करो। [HSLC '13]


उत्तरः नीलकंठ के मरने से लेखक के जीवन में एक खालीपन आ गया। राधा उदास हो गई और कई दिन कोने में बैठी रही। उसके निधन ने अन्य जीवों पर भी प्रभाव डाला, जिससे उन्होंने भी एक प्रकार की शोक की भावना व्यक्त की।


4. नीलकंठ के मरने के बाद दूसरे जीवों के आचरणों का एक शब्द-चित्र प्रस्तुत करो। [HSLC'14]


उत्तरः राधा, जो पहले चंचल और उत्साही थी, अब निश्चेष्ट हो गई। कुब्जा ने नीलकंठ की अनुपस्थिति में कोलाहल करना शुरू कर दिया, लेकिन वह भी नीलकंठ की खोज में थी। यह दिखाता है कि कैसे हर जीव ने नीलकंठ के प्रति अपनी भावना व्यक्त की।


5. दोनों नवागन्तुकों ने पहले से रहनेवालों में कैसा कुतूहल जगाया था, स्पष्ट करो। [HSLC'15]


उत्तरः जब मोर के बच्चे (नीलकंठ और राधा) नए घर में आए, तो पहले से रहने वाले जीवों ने उनमें विशेष रुचि दिखाई। कबूतर और खरगोश उनके चारों ओर घूमने लगे, और उनके प्रति जिज्ञासा व्यक्त की, जैसे परिवार में नए सदस्य के आगमन पर होती है।


 6. मृत्यु के बाद नीलकंठ का संस्कार महादेवी जी ने कैसे किया ? [HSLC'16]


उत्तरः नीलकंठ का संस्कार लेखक ने गंगा में प्रवाहित करके किया। उन्होंने उसे अपने शाल में लपेटा और गंगा की धारा में प्रवाहित किया, जिससे उसकी आत्मा को शांति मिले।


17. नीलकंठ को चिड़ियाघर के निवासी जीव-जन्तुओं का सेनापति क्यों कहा गया है ? [HSLC'17,'20]


उत्तरः नीलकंठ की विशेषताएँ और उसकी रक्षा करने की क्षमता ने उसे अन्य जीवों में आदर और मान्यता दिलाई। उसकी नृत्य कला और सहानुभूति ने उसे चिड़ियाघर में एक नेता की तरह स्थापित किया।


8. नीलकंठ ने सांप से शिशु खरगोश की रक्षा किस प्रकार की । थी ?            [HSLC'18] |


उत्तरः नीलकंठ ने एक साँप को देखकर उसकी चोंच से उसे काटकर शिशु खरगोश की रक्षा की। उसने उसे अपनी पंखों के नीचे छिपाकर रात भर उष्णता दी।


9. नीलकंठ की कौन-कौन सी चेष्टाएँ लेखिका को बहुत भाती | थीं ?       [HSLC'19] |


उत्तरः नीलकंठ की चेष्टाएँ जैसे उसकी नृत्य कला, भुने चने को कोमलता से उठाना, और अपने रंग-बिरंगे पंखों का प्रदर्शन लेखक को बहुत भाती थीं। उसकी सहानुभूति और निपुणता ने उसे विशेष बना दिया था।


C. विवरणात्मक प्रश्न :


अंक : 4/5


1. विदेशी महिलाएँ नीलकंठ को परफैक्ट जेंटिलमैन क्यों । कहती थीं ?        [HSLC'11] |


उत्तरः नीलकंठ की नृत्य की भंगिमा और उसकी कोमलता ने विदेशी महिलाओं को उसकी गरिमा और सौंदर्य का अनुभव कराया। उसकी नृत्य शैली और उसके व्यवहार में एक विशेष आकर्षण था, जिससे वे उसे 'परफैक्ट जेंटिलमैन' की उपाधि देती थीं।


2. दूसरी मोरनी कुब्जा का व्यवहार कैसा था ? [HSLC'11]


उत्तरःकुब्जा ने राधा के साथ प्रतिस्पर्धा की और उसे चोंच से मारने लगी। वह नीलकंठ को अपने पास नहीं आने देती थी और राधा के अंडों को भी नष्ट कर दिया। उसका स्वभाव द्वेष और आक्रामकता से भरा था।


3. पशु-पक्षियों के प्रति महादेवी के स्नेह-बन्धन को | [HSLC'12]


उत्तरःमहादेवी वर्मा का पशु-पक्षियों के प्रति गहरा स्नेह था। उन्होंने उन्हें अपनाया, उनकी देखभाल की और उनके प्रति करुणा प्रकट की। उनका प्रेम केवल अपने पालतू पक्षियों तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने सभी जीवों के प्रति सहिष्णुता और दया का भाव रखा।


4. नीलकंठ के मरने के बाद उसका संस्कार लेखिका ने कैसे किया था ?         [HSLC '12]


उत्तरः
महादेवी ने नीलकंठ के शव को अपने शाल में लपेटकर गंगा में प्रवाहित किया। इस प्रक्रिया के दौरान, उन्होंने उसकी सुंदरता और गरिमा को स्मरण करते हुए उसके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

5. महादेवी जी ने कयों कहा है कि उनका पढ़ने लिखने का | कमरा अस्पताल बना है ?     [HSLC'13]


उत्तरः महादेवी जी ने अपने पढ़ने-लिखने के कमरे को 'अस्पताल' कहा क्योंकि उन्होंने कई घायल पक्षियों की देखभाल की। उन्होंने उनका उपचार किया और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा, जिससे कमरा एक प्रकार से चिकित्सालय में बदल गया।


6. स्पष्ट कीजिए कि महादेवी जी का पशु-पक्षियों को पालने का अच्छा अनुभव है।      [HSLC '13]


उत्तरः महादेवी जी ने अपने अनुभव में पक्षियों की देखभाल और उनके प्रति स्नेह का प्रदर्शन किया। उन्होंने न केवल उन्हें पाला, बल्कि उनके विकास को भी गौर से देखा और उनका भली-भांति ख्याल रखा।


7. मयूर को कलाप्रिय वीर पक्षी क्यों कहा गया है ? स्पष्ट करो।        [HSLC '14]


उत्तरः मयूर को कलाप्रिय वीर पक्षी कहा गया है क्योंकि उसकी सुंदरता, नृत्य की कला और उसकी जीवंतता उसे अन्य पक्षियों से अलग बनाती है। उसका नृत्य और रंग-बिरंगे पंख उसकी कलाप्रियता को दर्शाते हैं।


8. मृत्यु के बाद नीलकंठ का संस्कार कैसे किया गया था? स्पष्ट करो।         [HSLC'14]


उत्तरः नीलकंठ की मृत्यु के बाद, महादेवी ने उसे गंगा में प्रवाहित किया, जिससे उसकी आत्मा को शांति मिले। इस क्रिया में उन्होंने उसके प्रति अपने स्नेह और सम्मान को प्रकट किया।


9.. नीलकंठ के स्वभाव की विशोषताओं को रेखांकित करो।        [HSLC'15,'20]


उत्तरः नीलकंठ का स्वभाव सौम्य और संवेदनशील था। वह अपने साथी पक्षियों के प्रति सहानुभूति रखता था, तथा उसकी नृत्य भंगिमा में एक स्वाभाविक लय और ताल थी।


10. नीलकंठ के मरने के बाद साथी पक्षियों में हुए परिवर्तन को 1. रेखांकित करो।    [HSLC'15,'19]


उत्तरः नीलकंठ की मृत्यु के बाद, राधा ने शोक व्यक्त किया और कई दिन उदास रही। कुब्जा ने उसकी अनुपस्थिति को महसूस करते हुए कोलाहल मचाया, जिससे अन्य पक्षियों के व्यवहार में भी बदलाव आया।


11. मोर (नलकंठ) के बढ़ते पर क्रमशः होने वाले परिवर्तनों का वर्णन करो।         [HSLC'16] |


उत्तरः नीलकंठ के बढ़ते पंख रंग-बिरंगे और आकर्षक होते गए। उसकी कलगी और गरदन में सुगंधितता बढ़ी, जिससे उसकी सुंदरता में निखार आया।


12. नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को साँप के चंगुल से किस तरह बचाया था ?     [HSLC'16]


उत्तरः नीलकंठ ने अपने साहस और तेज़ी से साँप को पराजित कर खरगोश के बच्चे को सुरक्षित किया। उसकी साहसिकता और तत्परता ने उसकी वीरता को दर्शाया।


13. नीलकंठ के मरने के पश्चात् दुसरे जीव-जन्तुओं पर उसका क्या प्रभाव पड़ा था, स्पष्ट करो।         [HSLC'17] | 


उत्तरः नीलकंठ की मृत्यु से राधा उदास हो गई, और कुब्जा के व्यवहार में आक्रामकता बढ़ गई। नीलकंठ की अनुपस्थिति ने सभी जीवों के बीच एक शून्यता का अनुभव कराया।


14. वर्षा ऋतु को नीलकंठ और राधा के लिए प्रिय क्यों कहा गया ।          [HSLC'17] |


उत्तरः वर्षा ऋतु नीलकंठ और राधा के लिए प्रिय थी क्योंकि इस दौरान वे अधिक सक्रिय और आनंदित होते थे। बारिश की बूंदें और मेघों की गरज ने उनके नृत्य और गीतों को प्रेरित किया।


15. बड़े मियाँ चिड़ियावाले ने ड्राइवर को रुकने का संकेत देकर महादेवी जी से क्या कहा था ?     [HSLC'18] |  


उत्तरः बड़े मियाँ ने महादेवी जी को बताया कि उन्होंने मोर के बच्चों के लिए मोर और मोरनी लाने की व्यवस्था की है, और उन्होंने उनकी खरीद का आग्रह किया।


16. अपने शब्दों में नीलकंठ के रुप-रंग का वर्णन करो।                [HSLC'18]


उत्तरः नीलकंठ के पंख इंद्रधनुषी रंगों से भरे थे, जो धूप में चमकते थे। उसकी कलगी और लंबी गरदन ने उसे एक आकर्षक रूप दिया, जिससे उसकी सुंदरता में और वृद्धि हुई।


17. नीलकंठ की प्रवृत्तियों को रेखांकित करो।                [HSLC'19]


उत्तरः नीलकंठ की प्रवृत्तियाँ नृत्य की मधुरता, संवेदनशीलता, और उसकी सहानुभूति को दर्शाती हैं। वह साथी पक्षियों के प्रति मृदुता से भरा हुआ था।


18. 'नीलकंठ शीर्षक पाठ के आधार पर महादेवी क्या संदेश देना चाहती हैं ? स्पष्ट करो।        [HSLC'20]


उत्तरः महादेवी वर्मा इस पाठ के माध्यम से जीवन में स्नेह, करुणा और सहयोग का महत्व समझाती हैं। वे जीवों के प्रति संवेदनशीलता और उनकी रक्षा के प्रति जागरूकता का संदेश देती हैं।


अतिरिक्त आवश्यकीय प्रश्न


A. अति संक्षिप्त प्रश्न :


1. महादेवी वर्मा कौन थी ?


उत्तरः महादेवी वर्मा एक प्रसिद्ध हिंदी कवि, लेखिका और शिक्षिका थीं, जिन्हें छायावाद का प्रमुख प्रतिनिधि माना जाता है। उन्होंने कविता, गद्य, और चित्रकला में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


2. हिन्दी गद्य साहित्य में महादेवी वर्मा का अवदान क्या है ?


उत्तरः
महादेवी वर्मा ने संस्मरण और रेखाचित्र की विधाओं को ऊँचाइयाँ दीं। उनके गद्य में समाज के शोषित और उपेक्षित लोगों के प्रति करुणा और सहिष्णुता का भाव व्यक्त होता है।

3. महादेवी वर्मा को किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था ?


उत्तरः महादेवी वर्मा को साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार, और अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।


4. महादेवी वमी को 'पद्मभूषण' सम्मान से कब सम्मानित किया गया था ?


उत्तरः महादेवी वर्मा को 1956 में 'पद्मभूषण' सम्मान से अलंकृत किया गया था।


5. महादेवी वर्मा की तीन प्रमुख काव्य-कृतियों के नाम लिखो। |


उत्तरः नीहार,रश्मि,अग्निरेखा

6. महादेवी वर्मा की तीन गद्य-रचनाओं के नाम लिखो।


उत्तरः अतीत के चलचित्र, पथ के साथी,मेरा परिवार


7. मोर का नाम क्या था ?


उत्तरः मोर का नाम नीलकंठ था।


18. मोरनी का नाम क्या था ?


उत्तरः मोरनी का नाम "राधा" रखा गया था।


9. लेखिका ने बिल्ली का नाम क्या रखा था ?


उत्तरः लेखिका ने बिल्ली का नाम "चित्रा" रखा था।


10. लेखिका ने नीलकंठ को क्यों चिड़ियाघर का सेनापति और संरक्षक बताया है ?


उत्तरः नीलकंठ की विशेषताओं और उसके नृत्य में लय-ताल के कारण लेखिका ने उसे चिड़ियाघर का सेनापति और संरक्षक बताया है।

11. नीलकंठ और राधा की सबसे प्रिय ऋतु क्या थी ?


उत्तरः नीलकंठ और राधा की सबसे प्रिय ऋतु वर्षा थी।


12. दूसरी मोरनी का नाम क्या रखा गया ?


उत्तरः दूसरी मोरनी का नाम "कुब्जा" रखा गया।


13. आषाड़ के महीने में राधा क्या करती थी ?


उत्तरः आषाढ़ में राधा अपनी मंद केका को तीव्रतर करके नीलकंठ को बुलाती रहती थी।


14. महादेवी ने ड्राइवर को किस ओर चलने का आदेश दिया। 


उत्तरः महादेवी ने ड्राइवर को चिड़ियों और खरगोशों की दुकान की ओर चलने का आदेश दिया।


15. लेखिका को अपने कमरे का दरवाजा क्यों बंद रखना पड़ता था ?


उत्तरः लेखिका को अपने कमरे का दरवाजा बंद रखना पड़ता था ताकि उनकी बिल्ली चित्रा नए पक्षियों का पता न लगा सके।


16. मोर-मोरनी के नामकरण का क्या आधार था ?


उत्तरः मोर का नाम "राधा" रखा गया और मोरनी का नाम "कुब्जा" रखा गया, जो उनके विशेषताओं और व्यवहार को दर्शाता है।


17. विदेशी महिलाएँ नीलकंठ को 'परफैक्ट जेंटिलमैन" क्यों कहती थी ?


उत्तरः विदेशी महिलाएँ नीलकंठ को 'परफैक्ट जेंटिलमैन' इसलिए कहती थीं क्योंकि वह अपनी कोमलता और सौम्यता के साथ भोजन ग्रहण करता था, जो उसे एक विनम्र और शिष्ट पक्षी के रूप में प्रस्तुत करता था।


B. संक्षिप्त प्रश्न :


अंक : 2/3


1. चिड़ियाघर में मोर और मोरनी को किस प्रकार स्वागत किया। गया था ?


उत्तरः मोर और मोरनी का स्वागत चिड़ियाघर में अन्य पक्षियों द्वारा उत्सुकता के साथ किया गया। लक्का कबूतर नाचना छोड़कर उनके चारों ओर घूमने लगे, जबकि छोटे खरगोश उनकी ओर उछल-कूद मचाने लगे।


2. नीलकंठ खरगोश के बच्चे को साँप के मुँह से किस प्रकार बचाया था ?


उत्तरः नीलकंठ ने रात भर खरगोश के बच्चे को अपने पंखों के नीचे रखकर उसे उष्णता प्रदान की और उसे साँप से बचाया।


3. मोर की कौन कौन सी अदा लेखिका को ज्यादा पसंद थी ?


उत्तरः लेखिका को मोर की चलने की सुकुमारता, पानी पीने की भंगिमा और दाना चुगने की अदाएँ बहुत पसंद थीं। उसकी गरदन उठाकर देखने और विशेष भंगिमा के साथ दाना चुगने की क्रियाएँ उसे विशेष आकर्षित करती थीं।


4. लेखिका के अनुसार कार्तिक ने अपने युद्ध वाहन के रूप में । मोर को क्यों चुना होगा ?


उत्तरः मोर कलाप्रिय और वीर पक्षी है, जो हिंसक नहीं है। इसके रूप और स्वभाव के कारण कार्तिक ने उसे अपने युद्ध वाहन के रूप में चुना।


5. वसंत ऋतु में नीलकंठ क्यों अस्थिर हो उठता था ?


उत्तरः वसंत में जब आम के वृक्ष सुनहली मंजरियों से लद जाते थे, तब नीलकंठ जालीघर में इतना अस्थिर हो उठता था कि उसे बाहर छोड़ देना पड़ता था।


6. नीलकंठ और राधा के लिए वर्षा ऋतु क्यों सबसे प्रिय थी ?


उत्तरः वर्षा ऋतु में मेघों के गरजने और बूंदों की रिमझिमाहट के साथ नीलकंठ और राधा की केका की गूंज बढ़ जाती थी, जिससे उनका आनंद और भी बढ़ जाता था।


7. नीलकंठ की प्रसन्नता का अंत कैसे हो गया था ?

उत्तरः नीलकंठ की प्रसन्नता का अंत तब हुआ जब कुब्जा ने राधा के अंडों को फोड़ दिया, जिससे नीलकंठ के जीवन में दुख और निराशा आ गई।


8. नीलकंठ की मौत के बाद राधा की दशा कैसी हो गई थी?


उत्तरः नीलकंठ की मौत के बाद राधा कई दिन कोने में बैठी रही, प्रतीक्षा करती रही कि नीलकंठ वापस आएगा।


9. नीलकंठ की मृत्यु के बाद कुब्जा क्या करने लगी थी ?


उत्तरः कुब्जा ने नीलकंठ की खोज शुरू कर दी। वह बाहर निकलकर आम, अशोक, कचनार आदि की शाखाओं में नीलकंठ को ढूँढने लगी।


10. कुब्जा की मौत किस प्रकार हो गई थी ?


उत्तरः कुब्जा की मौत तब हुई जब उसने कजली कुत्ती पर चोंच से प्रहार किया और कजली के दाँत उसकी गरदन पर लगे, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।




Answer by Reetesh Das (MA in Hindi) and Dikha Bora

Edit By Dipawali Bora (23.04.2022)

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