Lesson 12



अशोक का शस्त्र-त्याग


1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

(क) मगध और कलिंग के बीच कितने सालों से युद्ध हो रहा था?

उत्तर: मगध और कलिंग के बीच चार (4) सालों से युद्ध हो रहा था।

(ख)कलिंग के महाराज को युद्धभूमि में वीरगति प्राप्त होने के पश्चात युद्ध का भार किसने संभाला?

उत्तर: कलिंग के महाराज को युद्ध भूमि में वीरगति प्राप्त होने के पश्चात युद्ध का भार महाराज की कन्या पद्मा ने संभाला।

(ग) राजकुमारी पद्मा ने अपनी सेना से कौन-सा प्रण करने को कहा?

उत्तर: राजकुमारी पद्मा ने अपनी सेना से कहांँ की "तुम प्रण करो कि जननी जन्मभूमि को पराधीन होते देखने के पहले तुम सदा के लिए अपनी आंँखें बंद कर लोगी।"

(घ) राजा अशोक ने किससे अहिंसा की दीक्षा ली?

उत्तर: राजा अशोक ने बौद्ध भिक्षु से अहिंसा की दीक्षा ली।

2. सम्राट अशोक की चिंता का मूल कारण क्या था?

उत्तर: सम्राट अशोक की चिंता का मूल कारण था कि चार साल से मगध और कलिंग के बीच युद्ध हो रहा था। दोनों ओर के लाखों लोग मारे गए थे और लाखों घायल भी हुए थे। परंतु वे कलिंग से जीते नहीं थे। इस युद्ध का परिणाम क्या होगा उन्हें पता नहीं था।

(ख) दुर्ग के फाटक खुलने पर अशोक और उसकी सेना के चकित होने का क्या कारण था?

उत्तर: दुर्ग के फाटक खुलने पर अशोक और उसकी सेन ने देखा कि फाटक के बाहर से शस्त्र-सज्जित स्त्रियों की विशाल सेना उनकी ओर बढ़ने लगती हैं। विशाल सेना के आगे पुरुष भेष में एक वीरांगना को देख वे चकित रह जाते हैं।

(ग) युद्ध भूमि में पद्मा को सामने देखकर अशोक के मान में क्या-क्या विचार उठे?

उत्तर: युद्ध भूमि में पद्मा को सामने देखकर अशोक को ऐसा लगा कि साक्षात दुर्गा बनकर पद्मा कलिंग की रक्षा करने के लिए युद्ध भूमि में उतर आई है। अशोक ने सोचा कि विजय के लिए वह किसी स्त्रियों का वध नहीं कर सकता। इसीलिए उसने युद्ध न करते हुए तलवार नीचे फेंक दी।

(घ) बौद्ध भिक्षु ने अशोक से क्या-क्या प्रतिज्ञाएँ करवाई थी?

उत्तर: बौद्ध भिक्षु ने अशोक से कुछ इस तरह से प्रतिज्ञाएँ करवाते हुए कहा कि-
मैं प्रतिज्ञा करता हूंँ कि जब तक मेरे शरीर में प्राण रहेंगे अहिंसा ही मेरा धर्म होगा। मैं सबसे प्रेम करूँगा और मेरी करुणा का सदाव्रत आप सबको मिलेगा। साथ ही साथ यह भी प्रतिज्ञा करवाया गया की वह अपने प्रजा की भलाई करेगा और सब प्राणियों को खुश और शांति पहुंचाने का प्रयत्न करेगा।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में दो:

(क)राजकुमारी पद्मा की तरह हमारे देश में अनेक वीरांगनाएंँ अपनी आजादी के लिए युद्ध भूमि में उतरी थी ऐसी किन्ही पांँच वीरांगनाओं के नाम बताओ।

उत्तर: राजकुमारी पद्मा की तरह हमारे देश में अनेक वीरांगनाएंँ है जिन्होंने अपनी आजादी के लिए युद्ध भूमि में अपना योगदान दिया है। उनके नाम कुछ इस प्रकार है-
(i)झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, (ii) कनकलाता बरूआ, (iii)कस्तूरबा गांधी, (iv)विजय लक्ष्मी पंडित और (v)सरोजिनी नायडू।

(ख)"युद्ध भूमि में सैनिक सैनिक होता है- स्त्री या पुरुष नहीं?"इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करो।

उत्तर: अपने देश के प्रति श्रद्धा और देश के लिए शहीद होना ही एक सच्चे सैनिक का कर्तव्य होता है। अपने कर्मभूमि के लिए वह किसी भी रणभूमि में अपना खून बहा सकता है। सैनिक होने के लिए कोई विशेष जाति-धर्म, रंग-रूप या स्त्री पुरुष होना अनिवार्य नहीं है। देश का वह हर एक व्यक्ति सैनिक है जिसने शस्त्र उठाकर रणभूमि में जाकर शत्रु से लड़ने का प्रण लिया है। इसलिए कहा जाता है कि "युद्ध भूमि में सैनिक सैनिक होता है- स्त्री या पुरुष नहीं।"








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