हिम्मत और जिंदगी

(अ) सही विकल्प का चयन करो :

1. किन व्यक्तियों को सुख का स्वाद अधिक मिलता है ?
(क) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है।
(ख) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है।
(ग) जिसके पास धन और बल दोनों हैं।
(घ) जो पहले दुःख झेलता है।
 
उत्तर:  (ख) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है।

2. पानी में जो अमृत-तत्त्व है, उसे कौन जानता है ?
(क) जो प्यासा है।
(ख) जो धूप में खूब सूख चुका है।
(ग) जिसका कंठ सूखा हुआ है।
(घ) जो रेगिस्तान से आया है।

उत्तर: (ख) जो धूप में खूब सूख चुका है।

3. 'गोधूली वाली दुनिया के लोगों' से अभिप्राय है -
(क) विवशता और अभाव में जीने वाले लोग।
(ख) जय-पराजय के अनुभव से परे लोग।
(ग) फल की कामना न करने वाले लोग।
(घ) जीवन को दाँव पर लगाने वाले लोग।

उत्तर: (ख) जय-पराजय के अनुभव से परे लोग।

4. साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह -
(क) सदा आगे बढ़ता जाता।
(ख) बाधाओं से नहीं घबराता है।
(ग) लोगों की सोच की परवाह नहीं करता।
(घ) बिलकुल निडर होता है।

उत्तर: (ग) लोगों की सोच की परवाह नहीं करता।

(अ) सही विकल्प का चयन करो:

1. किन व्यक्तियों को सुख का स्वाद अधिक मिलता है?
उत्तर: जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है।

2. पानी में जो अमृत-तत्व है, उसे कौन जानता है?
उत्तर: जो धूप में खूब सूख चुका है।

3. 'गोधूली वाली दुनिया में लोगों' से अभिप्राय है-
उत्तर: जीवन को दांँव पर लगाने वाले लोग।

4. साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह-
उत्तर: लोगों की सोच की परवाह नहीं करता।

(आ) संक्षिप्त उत्तर दो:

1. चांँदनी की शीतलता का आनंद कैसा मनुष्य उठा पाता है?
उत्तर: चांँदनी की शीतलता का आनंद वे लोग उठा पाते हैं जो दिन भर धूप में काम कर थके हारे घर को लौटते है, जिसके शरीर को अब शीतलता की जरूरत महसूस होती है।

2. लेखक ने अकेले चलने वाले की तुलना सिंह से क्यों की है?
उत्तर: लेखक ने अकेले चलने वाले की तुलना सिंह से इसलिए की है क्योंकि सिंह जंगल में अकेला निडर होकर घूमता है। वह भेड़ या भैंस की तरह जून में नहीं चलता। ठीक उसी प्रकार अकेले चलने वाला व्यक्ति भी बिल्कुल निडर बिल्कुल बेखौफ होता है।

3. जिंदगी का भेद किसे मालूम है?
उत्तर: जिंदगी का भेद उसे मालूम है, जो जिंदगी में कभी हार नहीं मानता। सुख-दुख झेल कर आगे बढ़ता रहता है। वह व्यक्ति यह जानकर चलता है कि जिंदगी कभी भी खत्म न होने वाली चीज है। 

4. लेखक ने जीवन के साधकों को क्या चुनौती दी है?
उत्तर: लेखक ने जीवन के साधकों को यह चुनौती दी है कि अगर किनारे की मरी हुई सीपियों से ही तुम्हें संतोष हो जाए तो समुद्र के अंतराल में छिपे हुए मौक्तिक कोष को कौन बाहर लाएगा।

(इ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:( लगभग 50 शब्दों में):

1. लेखक ने जिंदगी की कौन-सी दो सूरते बताई हैं और उनमें से किसे बेहतर माना है?
उत्तर: लेखक ने जिंदगी की दो सूरते बताई है एक तो यह है कि आदमी बड़े-से-बड़े मकसद के लिए कोशिश करता है और जगमगाती जीत को वह हासिल करना चाहते हैं। दूसरी सूरत यह है कि उन गरीब आत्माओं का हमजोली बन जाए जो न तो बहुत अधिक सुख पाते है और न उन्हें बहुत अधिक दुख पाने का संयोग है। वह थोड़े में ही गुजारा कर लेते हैं और लेखक ने थोड़े में गुजारा जीवन को ही बेहतर माना है।

2.जीवन में सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना- इन दोनों में से लेखक ने किसे श्रेष्ठ माना है और क्यों?
उत्तर: लेखक ने जीवन में सुख प्राप्त न होना को श्रेष्ठ माना है। क्योंकि सुख-भोग सभी को नहीं मिलता। उसके लिए जिंदगी की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। पर जिसने जिंदगी में चुनौती भरे मौके पर हिम्मत नहीं दिखाई, उसे खुद की आत्मा से धिक्कार भरी आवाजें सुननी पड़ती है। की तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए, तुमने समय पर साहस नहीं दिखाया आदि आदि। इसलिए लेखक ने सुख प्राप्त न होना को ही श्रेष्ठ माना है।

3. पाठ के अंत में दी गई कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को क्या सीख दी गई है?
उत्तर: पाठ के अंत में दी गई कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को यह सीख दी गई है कि युधिष्ठिर को राज्य लाभ के लिए क्रीतदास बनने की कोई जरूरत नहीं है। उसे जीवन के कष्ट से डरना नहीं है और फल प्राप्ति के लिए खुद पर निर्भर होना है। अतः जीवन के कष्ट से डरना नहीं है बल्कि निर्भय होकर उससे लड़कर जीना ही जीवन है।

(ई) सप्रसंग व्याख्या करो:

(क) साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पड़ता है।

उत्तर:  संदर्भ: प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-1 के अंतर्गत रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित निबंध 'हिम्मत और जिंदगी' से लिया गया है।

व्याख्या: साहसी मनुष्य हमेशा अपनी विचार बुद्धि से काम लेता है। वह सपनों में जीना पसंद नहीं करता। उसे खुद के विचारों से सफलता हासिल करना पसंद है। जो लोग सपनों की दुनिया में आरामदायक जीवन बिताना चाहता है उसे हर कदम-कदम पर असफलताएंँ दिखाई पड़ती है। सपनों में रहने वाले लोग कभी सफल जीवन नहीं बिता पाते। उन्हें हमेशा दुख सहना पड़ता है। साहसी मनुष्य सपनों की बातें सपनों में ही रहने देते हैं। वास्तव जीवन में साहसी मनुष्य के लिए उस सपनों का कोई अस्तित्व नहीं है। इसीलिए साहसी मनुष्य कभी सपने उधार नहीं लेता। वह अपने विचार से काम करता है और जीवन को सुखमय बना लेता है।

(ख) कामना का अंचल छोटा मत करो, जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो।

उत्तर: संदर्भ: प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-1 के अंतर्गत रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित निबंध 'हिम्मत और जिंदगी' से लिया गया है।

व्याख्या: लेखक ने कहा है कि कामना का आंचल यानी पाने की इच्छा को कभी छोटा नहीं करना चाहिए। सभी कामों में पाने की चाहत रखनी चाहिए और जिंदगी में जो भी फल मिलेगा उसे अपने दोनों हाथों से बटोर लेना चाहिए।

अतः हमें साहस और परिश्रम के बल पर अपने कर्मों के फलों को भोग करना चाहिए। न कि सपनों के दुनियांँ में रहकर पहले फल की आशा करनी  चाहिए। परिश्रम करने के बाद ही फल की चिंता करनी चाहिए। इसीलिए कवि ने कहा है कि साहस और परिश्रम से हमने जो भी फल हासिल किए हैं उन फूलों को अपने दोनों हाथों से जितना निचोड़ेंगे उस का रस उतना ही बहेगा अर्थात कर्म का फल उतना ही मीठा होगा।

Additional Questions And Previous Paper Solve

प्रश्नोत्तर (Short Answers)

1. रामधारी सिंह दिनकर जी का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को बिहार के सिमरिया गाँव में हुआ था।

2. राष्ट्रपति ने किसे "पदम भूषण" से सम्मानित किया था?
उत्तर: रामधारी सिंह दिनकर को 1959 में साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए "पद्म भूषण" से सम्मानित किया गया था।

3. अर्थ लिखो:

  • खौफ: डर
  • तरलाई: नमी, शीतलता
  • कस्तुरी: एक सुगंधित पदार्थ जो मृग की नाभि से प्राप्त होता है
  • लाक्षागृह: महाभारत में वर्णित एक घर जिसे मोम से बनाया गया था
  • सिफत: गुण या विशेषता
  • मकसद: उद्देश्य
  • पंजा डालना: किसी चीज को पकड़ने या उस पर नियंत्रण करने का प्रयास करना
  • हमजोली: साथी या मित्र
  • गोधुलि: सांध्य काल, जब सूर्यास्त के समय आकाश में धुंधलापन होता है
  • दांव लगाना: जोखिम उठाना, किस्मत आजमाना
  • मद्धिम: धीमा
  • कबूल: स्वीकार करना
  • अंतराल: बीच का समय या स्थान
  • मौक्तिक कोष: मोतियों का भंडार, विशेष रूप से समुद्र के अंदर छिपे हुए मोती
  • निर्झरी: जलधारा, झरना
  • अरण्य: जंगल
  • क्रीतदास: खरीदा हुआ दास, गुलाम
  • रोप: लगाना या स्थापित करना

B. संक्षिप्त प्रश्न

1. चाँदनी की शालीनता का आनंद कैसा मनुष्य उठा पाता है?
उत्तर: चाँदनी की शीतलता का आनंद वह व्यक्ति उठा पाता है जो दिन भर धूप में मेहनत करता है और थक कर चाँदनी में आराम करता है।

2. लेखक ने जिंदगी की कौन-सी दो सूरतें बताई हैं और उनमें से किसे बेहतर माना है?
उत्तर: लेखक ने जिंदगी की दो सूरतें बताई हैं:

  1. आदमी बड़े मकसद के लिए संघर्ष करता है और हार-जीत का सामना करता है।
  2. आदमी साधारण और सुरक्षित जीवन जीता है जिसमें न बहुत सुख मिलता है और न दुख। लेखक ने पहली सूरत को बेहतर माना है।

3. जीवन में सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना - इन दोनों में से लेखक ने किसे श्रेष्ठ माना है और क्यों?
उत्तर: लेखक ने सुख न मिलने को हिम्मत न दिखाने से बेहतर माना है, क्योंकि मरते समय आदमी को अपने साहस की कमी के लिए पछताना नहीं पड़ता।

4. पाठ के अंत में दी गई कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को क्या सीख दी गई है?
उत्तर: कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को यह सीख दी गई है कि जीवन उन लोगों का होता है जो निर्भय होकर संघर्ष करते हैं, न कि उन लोगों का जो जीवन से डरते हैं।

5. श्री विंसटन चर्चिल ने हिम्मत के बारे में क्या कहा?
उत्तर: विंस्टन चर्चिल ने कहा है कि जिंदगी की सबसे बड़ी सिफत हिम्मत है, और बाकी सारे गुण इसी से पैदा होते हैं।

6. "हिम्मत और जिंदगी" पाठ का लेखक कौन है?
उत्तर: "हिम्मत और जिंदगी" पाठ के लेखक रामधारी सिंह दिनकर हैं।

7. "हिम्मत और जिंदगी" पाठ से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: इस पाठ से हमें सीख मिलती है कि जीवन में साहस और हिम्मत सबसे बड़ी चीजें हैं। असल आनंद और सफलता वही पाते हैं जो जोखिम उठाते हैं और संघर्ष करते हैं।

8. साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी क्यों होती है?
उत्तर: साहस की जिंदगी सबसे बड़ी इसलिए होती है क्योंकि यह निडर और बेखौफ होती है, और साहसी व्यक्ति जनमत की परवाह किए बिना अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करता है।

9. चाँदनी की शीतलता का आनंद कैसा मनुष्य उठा पाता है?
उत्तर: चाँदनी की शीतलता का आनंद वह मनुष्य उठा पाता है, जो दिन भर धूप में काम कर थक चुका हो और अब शांति चाहता हो।

10. कवि के अनुसार मनुष्य को अमरत्व प्राप्त कब हो सकता है?
उत्तर: कवि के अनुसार, मनुष्य को अमरत्व तब प्राप्त हो सकता है जब वह अपने जीवन में निर्भय होकर संघर्ष करता है और हिम्मत नहीं हारता।

11. दिनकर जी को दो पुरस्कार प्राप्त हुए थे? क्या-क्या हैं?
उत्तर: दिनकर जी को "पद्म भूषण" (1959) और "साहित्य अकादमी पुरस्कार" (1972) प्राप्त हुए थे।


13. "जिंदगी की दो सूरतें हैं" का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर: "जिंदगी की दो सूरतें हैं" का अर्थ है कि जीवन जीने के दो तरीके होते हैं। एक वह जो संघर्ष करता है, जोखिम उठाता है, और असफलताओं के बावजूद अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए लड़ता है। दूसरा वह जो सुरक्षित जीवन जीता है, जिसमें न तो ज्यादा सुख है और न ज्यादा दुख। लेखक ने पहले तरीके को बेहतर माना है, क्योंकि इसमें वास्तविक संघर्ष और साहस का महत्व है।

C. विवरणात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

1. आशय स्पष्ट करो

(क) साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है।

उत्तर: इस कथन का आशय है कि साहसी व्यक्ति अपनी स्वतंत्र सोच और दृष्टिकोण पर विश्वास करता है। वह दूसरों के विचारों या सपनों को अपनाने की बजाय अपने खुद के सपनों और विचारों को महत्व देता है। ऐसे व्यक्ति को दूसरों की राय या आदर्शों की जरूरत नहीं होती, क्योंकि वह अपने ही सिद्धांतों और दृष्टिकोणों के अनुसार जीवन जीता है। उसे खुद पर इतना भरोसा होता है कि वह अपनी ही जीवन यात्रा में मग्न रहता है, चाहे वह कितना भी कठिन या अनिश्चित क्यों न हो।

(ख) कामना का अंचल छोटा मत करो, जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो।

उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है कि जीवन में बड़ी से बड़ी इच्छाओं और आकांक्षाओं का विस्तार करो। जीवन का आनंद केवल सतही तौर पर नहीं, बल्कि पूरी गहराई और ऊर्जा से लेना चाहिए। यह जीवन केवल साधारण इच्छाओं और सीमाओं के लिए नहीं है। इसे पूरी तरह से जीने के लिए अपनी कामनाओं का दायरा बड़ा रखना चाहिए और अपने प्रयासों से जीवन के हर पहलू का पूरा आनंद उठाना चाहिए।


2. सप्रसंग व्याख्या करें

(क) "झुंड में चलना और झुंड में चरना यह भैंस और भेड़ का काम है। सिंह तो बिल्कुल अकेला होने पर भी मग्न रहता है।"

उत्तर: संदर्भ: यह पंक्ति "हिम्मत और जिंदगी" पाठ से ली गई है, जिसमें साहस और स्वतंत्रता की महत्ता पर जोर दिया गया है।

व्याख्या: इस पंक्ति में लेखक यह कहना चाहते हैं कि साधारण और निर्बल लोग बिना सोचे-समझे भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं। वे झुंड में चलते हैं और दूसरों का अनुसरण करते हैं। उनके पास खुद का निर्णय लेने की स्वतंत्रता नहीं होती। इसके विपरीत, सिंह का प्रतीक एक स्वतंत्र, साहसी और आत्मनिर्भर व्यक्ति होता है। वह अकेले भी आत्मविश्वास से भरा रहता है और किसी झुंड का अनुसरण नहीं करता। सिंह की तरह, साहसी मनुष्य भी अपने निर्णय स्वयं लेता है और जीवन के कठिनाइयों का अकेले सामना करता है।

(ख) "साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी है।"

उत्तर: संदर्भ: यह वाक्य "हिम्मत और जिंदगी" पाठ से लिया गया है, जहां लेखक ने साहस को जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली विशेषता बताया है।

व्याख्या: लेखक यहां यह बताना चाहते हैं कि साहसी व्यक्ति का जीवन सबसे महान होता है। ऐसा जीवन, जिसमें कोई भय नहीं होता, जहाँ हर चुनौती का सामना आत्मविश्वास और हिम्मत के साथ किया जाता है, वह सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण जिंदगी है। जीवन में सफलता या असफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण है साहस के साथ उसे जीना। ऐसे व्यक्ति के पास आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास होता है, और उसकी जिंदगी सच्चे अर्थों में मूल्यवान होती है।

(ग) "साहसी मनुष्य उन सपनों में भी रस लेता है, जिन सपनों का कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं है।"

उत्तर: संदर्भ: यह पंक्ति "हिम्मत और जिंदगी" पाठ से ली गई है, जिसमें साहसिक व्यक्ति के मानसिक स्वभाव का वर्णन किया गया है।

व्याख्या: लेखक कहना चाहते हैं कि साहसी व्यक्ति केवल व्यावहारिक या तार्किक सपनों का पीछा नहीं करता। वह ऐसे सपनों और विचारों में भी आनंद लेता है, जो शायद जीवन में कभी साकार न हों। ऐसे व्यक्ति के लिए सपनों की उड़ान महत्वपूर्ण होती है, भले ही वे सपने संभव न हो। यह साहसी व्यक्ति के कल्पनाशील और साहसी स्वभाव को दर्शाता है, जो उसे दूसरों से अलग और विशिष्ट बनाता है।


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বেলেগ ধৰণৰ উত্তৰ পাবলৈ এই লিংক টোত ক্লিক কৰক 👇 
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Answer by Reetesh Kumar Das And Suman Saikia 

Edit by Jyotish Kakati (24/04/2022)





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