"आप भले तो जग भला"


(अ) सही विकल्प का चयन करो:
1. एक कांँच के महल में कितने कुत्ते घुसे थे?
उत्तर: दो

2. कांँच का महल किसका प्रतीक है?
उत्तर: संसार

3. "निंदक बाबा वीर हमारा, बिनही कौड़ी बहै विचारा। आपन डूबे और को तारे, ऐसा प्रतीत पार उतारे।" -प्रस्तुत पंक्तियों के रचयिता कौन है?
उत्तर: दादू


4. आदमी भूखा रहता है-
उत्तर: प्रेम का

5. गांधीजी ने अहिंसा की तुलना सीमेंट से क्योंकि है?
उत्तर: अहिंसा सीमेंट की तरह एक-दूसरे को जोड़ कर रखती है।

(आ) संक्षिप्त उत्तर दो:

1. दो कुत्तों की घटना का वर्णन करके लेखक क्या सीख देना चाहते हैं?
उत्तर: दो कुत्तों की घटना का वर्णन करके लेखक ने हमें यह सीख देना चाहते है कि 'आप भला तो जग भला'। अर्थात हमें सदैव दूसरों की अच्छाई को देखना चाहिए और साथ ही साथ अपने अवगुणों पर भी नजर देना चाहिए। अगर दूसरों के साथ प्रेम तथा नम्रता से पेश आएंगे तो वह भी आपका आदर सम्मान करेंगे।

2. लेखक ने संसार की तुलना कांँच के महल से क्योंकि है?
उत्तर: लेखक ने संसार की तुलना कांँच के महल से इसीलिए की है क्योंकि यह कांँच का महल अनेक कांँच के टुकड़ों से बना है। जो कि एक संसार की तरह प्रतीत होता है। यहांँ कांँच के टुकड़ों को लोगों के साथ तुलना क्या गया है। लोगों के बीच अपना स्वभाव और चरित्र जिस प्रकार होगा वैसा ही व्यवहार वे लोग भी हमसे करेंगे। इसीलिए लेखक ने कहांँ है की आप भले तो जग भला और आप बुरे तो जग बुरा।

3. अब्राहम लिंकन की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य क्या था?
उत्तर: अब्राहम लिंकन की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि उन्होंने कभी दूसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी कर उनका दिल नहीं दुखाया।

4. लेखक ने गांधी और सरदार पृथ्वीसिंह के उदाहरण क्या स्पष्ट करने के लिए दिए हैं?
उत्तर: लेखक ने गांधी और सरदार पृथ्वीसिंह के उदाहरण इसीलिए दिए हैं कि अगर हमें अहिंसा के मार्ग पर चलना है तो हिंसा को छोड़ लोगों के साथ मिलजुल कर रहना पड़ेगा। बापूजी अहिंसा वादी थे इसीलिए उन्होंने सीमेंट का उदाहरण देकर कहा है कि अहिंसा सीमेंट की तरह एक दूसरे को जोड़ कर रखती है।

5. रसोइया ने बिना खबर दिए लेखक के मित्र की नौकरी क्यों छोड़ दी?
उत्तर: रसोइया ने बिना खबर दिए लेखक के मित्र की नौकरी इसलिए छोड़ दी क्योंकि सुबह से शाम तक उसको महाशय से  डांट खानी पड़ती थी। जब कोई भी चीज जरा भी बिगड़ जाए तो उसे दिल खोलकर दाता जाता। पर जब भी वह अच्छा भोजन बनाता तो कभी उनके मुंँह से तारीफ के दो शब्द नहीं निकलते। इसी बात से नाराज होकर रसोइया ने बिना खबर दिए ही चला गया।

6. "अच्छा हो, सुकरात के इस विचार को मेरे मित्र अपने कमरे में लिखकर टांँग ले।"- लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर: "अच्छा हो, सुकरात के इस विचार को मेरे मित्र अपने कमरे में लिखकर टांँग ले।"लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि लेखक चाहते हैं कि सुकरात की इस विचार से उनके मित्र में कोई सुधार आए। क्योंकि  मित्र का स्वभाव हमेशा परेशान, नाराज और चिड़चिड़ापन रहा है। जरा सी बात पर नाराज होकर हमेशा दूसरों पर अपना गुस्सा दिखाते हैं जिसके कारण उनकी किसी से नहीं बनती न मित्र से, न ऑफिस के कर्मचारियों से और न ही घर के नौकर से।

(इ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:

1. अपने मित्र को परेशान देखकर लेखक को किस किस्से का स्मरण हो आता है?
उत्तर: अपने मित्र को परेशान देखकर लेखक को उस विशाल कांँच के महल का किस्सा स्मरण हो आता है जिस कांँच के महल में दो कुत्ते घुस आए थे।
    उस विशाल कांँच के महल में पहला कुत्ता न जाने किधर से आ पहुंँचता है और हजारों कांँचों में अपना ही प्रतिबिंब देख घबरा जाता है। वह अपना ताकत दिखाने के लिए भौकने लगा और उसे सभी कुत्ते भोंकते हुए नजर आए। आखिर वह उन कुत्तों पर झपटा तो उसे भी बाकी कुत्ते झपट्टा मारते हुए दिखाई दिए और अंत में खुद ही गश खाकर गिर पड़ा और वहांँ से भाग गया। इसी तरह दूसरा कुत्ता भी महल में घुसता है और उसे भी हजारों कुत्ते दिखाई दिए। पर वह नहीं घबराया। उसने बड़े प्यार से अपना दुम हिलाया तो उसने देखा कि बाकी कुत्ते भी दुम हिलाते हुए उसकी और बढे़। वह प्रसन्नता से उछला- कूदा, अपनी ही छाया से खेला और खुश होकर पूँछ हिलाता बाहर चला गया। लेखक को इसी किस्से का स्मरण हो आता है।

2.दुखड़ा रोते रहने वाले व्यक्ति का दुनिया से दूर किसी जंगल में चले जाना क्यों बेहतर है?
उत्तर: यह दुनिया कांँच के महल जैसा है। अपने स्वभाव की छाया ही उस पर पड़ती है। जो व्यक्ति हमेशा दूसरों के साथ खुशी से पेश आते हैं और उनके दोषों को न देखकर उनके गुणों की ओर ध्यान देते हैं तो दुनिया भी उस व्यक्ति से नम्रता और प्रेम से पेश आते हैं। अगर व्यक्ति अपने को श्रेष्ठ और दूसरों को शत्रु समझते हैं, दूसरों पर हमेशा गुस्सा करते हैं तो ऐसे व्यक्ति के साथ दुनिया भी वैसा ही बर्ताव करता है। इसलिए कहा गया है कि अगर आप हसेंगे तो दुनिया भी आपका साथ देगी। अगर आपको गुस्सा होना और रोना ही है तो दुनिया से दूर किसी जंगल में चले जाना ही बेहतर है। अर्थात आपको खुशी एवं प्रेम चाहिए तो आपका व्यवहार भी अच्छा होना चाहिए।

3. 'प्रेम और सहानुभूति से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है।'- यह स्पष्ट करने के लिए लेखक ने क्या-क्या उदाहरण दिए हैं?
उत्तर: प्रेम और सहानुभूति से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है यह स्पष्ट करने के लिए लेखक ने कई क्षेत्र में कई उदाहरण दिए हैं जैसे-
क. "आप हसेंगे तो दुनिया भी आपका साथ देगी, पर अगर आपको गुस्सा होना और रोना ही है तो दुनिया भी आपका साथ नहीं देगी"
ख. "मैं दूसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी कर उनका दिल नहीं दुखाता"
ग. "जी हांँ , मैं अपनी गलती मानता हूंँ। आगे भला मैं वही गलती क्यों करने लगा! पर कोई मोहब्बत से पेश आए तब न! आदमी प्रेम का भूखा रहता है।"
घ. "उन सब को एक साथ रखने में मैं सीमेंट का काम करता हूंँ और वह सीमेंट मेरी अहिंसा ही है।"
ङ. "जब कोई चीज जरा भी बिगड़ जाती तब तो उसे दिल खोलकर डांँटा जाता; पर अच्छा भोजन बनाने पर कभी तारीफ के दो शब्द न बोले जाते।"

4. लेखक ने अपने मित्र की किन गलतियों का वर्णन किया है?
उत्तर: लेखक के मित्र की खास गलती थी कि वे दूसरों का दृष्टिकोण समझने की कोशिश नहीं करते। दूसरों के विचारों, कामों की भावनाओं और आलोचना करना ही अपना धर्म समझते हैं। वह हमेशा दूसरों पर अपना गुस्सा निकालते हैं और बात-बात पर अपने नौकर को डांँटते थे। उनका खुद का मानना था कि उसका जीवन, आचार और विचार आदर्श है। दूसरे लोग जो उनका सम्मान नहीं करते वह सब मूर्ख है। लेखक ने अपने मित्र की इन्हीं गलतियों का वर्णन किया है।

5. इस पाठ के आधार पर बताओ कि 'हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।'
उत्तर: इस पाठ के आधार पर हमें दूसरों के साथ प्रेम से पेश आना चाहिए और दूसरों के कामों का दिल खोलकर प्रशंसा करनी चाहिए। गलती होने पर गलतियों को माफ कर उसे दूसरा मौका देना चाहिए। दूसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी नहीं करनी चाहिए। जिससे उसका दिल दु:खी हो। दूसरों के बारे में आलोचना न करके अपने अंदर छिपे अवगुणों को सुधारना चाहिए। हिंसा की जगह अहिंसा का पथ अपनाना चाहिए। जीव प्रेम का भूखा होता है। प्रेम चाहिए तो प्रेम से ही प्रेम को पाया जा सकता है।




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Edit by Jyotish Kakati (24/04/2022)



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