1. सही विकल्प का चयन करो:
(क) सेठ माधवदास ने संगमरमर की क्या बनवाई है?
उत्तर: कोठी।
(ख) किस की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी?
उत्तर: गुलाब।
(ग) चिड़िया के पंख ऊपर से चमकदार और............. थे।
उत्तर: स्याह।
(घ) चिड़िया से बात करते-करते सेठ ने एकाएक दबा दिया-
उत्तर: बटन।
2. संक्षेप में उत्तर दो:
(क) सेठ माधवदास की अभिरुचियों के बारे में बताओ।
उत्तर: सेठ माधव दास के पास धन दौलत की कोई कमी नहीं थी। इसीलिए वह जो चाहते थे वही करते थे। उन्होंने अपने अनुसार संगमरमर की नई कोठी बनवाई, रंग बिरंगे फूल पौधों से भरी बगीचे बनवाएं। उन्हें कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर रंगीन आसमान और प्रकृति की छटा को निहारना अच्छा लगता था और हुक्के को अपने मुंह में लिए अपने ही ख्यालों में सपनों की भांति संध्या का समय गुजार देना उनकी अभिरुचि रही है।
(ख) शाम के समय सेठ माधवदास क्या-क्या करते हैं?
उत्तर: शाम के समय सेठ माधवदास कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठ रंग-बिरंगे आसमान की ओर देखना साथ ही प्रकृति की छटा को भी निहारते हैं और फर्शी हुक्के की सटक को मुँह में दिए खयाल ही ख्याल में संध्या को सपनों की भांति गुजार देते हैं।
(ग) चिड़िया के रंग-रूप के बारे में क्या जानते हो?
उत्तर: चिड़िया देखने में बहुत छोटी और सुंदर थी। उसकी गर्दन लाल थी और गुलाबी होते-होते किनारों पर ज़रा-ज़रा नीली पड़ गई थी। पंख ऊपर से चमकदार स्याह थे। शरीर पर चित्र-विचित्र चित्रकारी थी।
(घ) चिड़िया किस बात से डरी रही थी?
उत्तर: नन्ही चिड़िया जब अनजाने में सेठ माधव दास के बगीचे में जा पहुंची तब माधवदास ने चिड़िया को कैद करने के लिए नौकर द्वारा उसे पकड़ वाना चाहा। पर वह नौकर के हाथ से बच निकली। इसी बात से चिड़िया दरी रही थी।
(ङ) 'तू सोना नहीं जानती, सोना? उसी की जगत को तृष्णा है।' आशय स्पष्ट करो।
उत्तर: इसका आशय यह है कि कई कोशिश करने के बावजूद जब चिड़िया माधवदास की बातों में नहीं आती है, तब माधवदास उसे सोने का प्रलोभन देता है और उसे समझाने की कोशिश करता है कि इस सोने को पाने के लिए हर कोई तरसता है। पर कोमल प्राण चिड़िया को सेठ की कोई भी बात समझ नहीं आती। वह तो केवल अपनी मांँ को जानती है। उसे केवल मांँ का प्यार चाहिए। धन दौलत से उसे कोई लगाव नहीं है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:
(क) किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?
उत्तर: इस मनोविश्लेषणात्मक कहानी के आधार पर यह स्पष्ट हुआ है कि सेठ माथुरदास एक धनवान व्यक्ति है। जिसके पास ऐसो आराम की सभी सुविधाएं मौजूद थी। उसने अपने अनुसार संगमरमर की कोठी बनवाई थी जिससे यह साबित होता है कि माधव दास का जीवन संपन्नता से भरा था।
पर अनेक धन संपत्ति होने के बावजूद उसका महल सुना था। जिसके कारण वह नन्हीं चिड़िया को अपने पास रखना चाहता था। ताकि उसके चहल-पहल से महल का सूनापन दूर हो सके। लेकिन सोने का प्रलोभन देकर भी वह उसे पकड़ नहीं सका और वह दुखी रह गया। जिससे यह साबित होता है कि माधवदास सुखी नहीं था।
(ख) सेठ माधवदास चिड़िया को क्या-क्या प्रलोभन दे रहा था?
उत्तर: सेठ माधव दास चिड़िया को तरह-तरह के प्रलोभन देकर अपने पास रखने का प्रयास करता है। माधवदास चिड़िया से कहता है कि वह उसके लिए सोने का पिंजरा बनवा देगा, फूलों से सजी बगीचा भी देगा जिसमें रंग बिरंगे फूल उसके लिए हमेशा खिले रहेंगे। उसने यहांँ तक कहा कि वह उसके लिए पानी पीने की कटोरी भी सोने का बनवा देगा।
(ग) माधवदास क्यों बार-बार चिड़ियों से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास नि:स्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था?
उत्तर: माधवदास को वह नन्ही चिड़िया इतनी प्यारी लगी कि वह चाहता था कि वह चिड़िया हमेशा उसके बगीचे मे थिरकती फिरे और उसे देख उसका मन प्रफुल्लित होता रहे। उसके दिल में उसे हमेशा देखने की ख्वाहिश होने लगी। इसीलिए माधवदास बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है।
माधवदास का ऐसा कहना की 'वह बगीचा तुम्हारा ही है' इसमें माधवदास का स्वार्थ दिखता है। क्योंकि वह अपने महल को संगमरमर बनाने की लिए चिड़िया को विभिन्न प्रकार से प्रलोभन देकर कैद करना चाहता था। उसे परवाह नहीं थी कि उस चिड़िया की मांँ उसका इंतजार कर रही है।
4.सम्यक उत्तर दो:
(क) सेठ माधवदास और चिड़िया के मनोभावों में क्या अंतर है? कहानी के आधार पर स्पष्ट करो।
उत्तर: इस कहानी में एक धनवान व्यक्ति के विचार तथा एक छोटी चिड़िया की भावनाओं को बड़े मार्मिक रूप से वर्णन किया गया है। माधवदास के पास धन दौलत की कोई कमी नहीं थी और वह बहुत अभिरुचि व्यक्ति था। उसने अपने अनुसार महल बनवाया और जो चाहा वही करना उसका शौक था। इसीलिए नन्ही चिड़िया को पाने के लिए वह हर पल चिड़िया को यह जताता कि उसके पास ढेरों संपत्ति है और बात-बात पर तरह-तरह के प्रलोभन देकर चिड़िया को अपनाना चाहता था। लेकिन नादान छोटी सी चिड़िया को सेठ की कोई भी बात समझ नहीं आती थी। चिड़िया को ना तो सोने चांदी की परवाह है और न ही अनगिनत फूलों से सजी बगीचों से लगाव है। उसे तो सिर्फ परवाह है उसकी मांँ का, जो उससे प्यार करती है। माधवदास अपनी बातों से लाख कोशिश कर ले वह उन बातों को समझना नहीं चाहती। उसका संबंध केवल उसकी मांँ से है धन दौलत से नहीं।
(ख) कहानी के अंत में नन्हीं चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? अपने विचार लिखो।
उत्तर: अपने विचार के अनुसार नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर मुझे अच्छा लगा। क्योंकि सेठ अपने धन दौलत को लेकर इतना गर्व करने लगा कि वह सब कुछ अपने अनुसार बनाने और हर चीज को अपना करना चाहता था। चिड़िया को पाने के लिए खुले आसमान में उड़ती चिड़िया को अपनी बातों से कैद करके रखना चाहता था। पर चिड़िया को सेठ की बातों से कोई संबंध नहीं था। वह सिर्फ अपनी मांँ को जानती थी और तुरंत उसके पास जाना चाहती थी। इसलिए सेठ ने नौकर द्वारा उसे पकड़ना चाहा। पर चौकन्नी चिड़िया नौकर के पंजे में आकर भी न आ सकी और उड़ती एक सांँस में अपनी मांँ के पास जा पहुंची।
(ग) 'मांँ मेरी बाट देखती होगी'- नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। अपने अनुभव के आधार पर बताओ कि हमारी जिंदगी में मांँ का क्या महत्व है?
उत्तर: इस कहानी में चिड़िया द्वारा बार-बार यह कहना कि 'मांँ मेरी बाट देखती होगी' इस बात से यह साबित होता है कि चिड़िया को अपनी मांँ बहुत प्यारी है ।उसकी मांँ हमेशा की तरह उसकी राह देख रही है। बच्चों को अपने छाती से लगाना, मांँ द्वारा किए गए लाड प्यार को चिड़िया कैसे भूल सकती है इसलिए चिड़िया सेठ की बातों पर न आकर बार-बार यह कहती रही कि मांँ मेरी बाट देखती होगी।
जिस प्रकार चिड़िया के जीवन में मांँ ही सब कुछ है, उसी प्रकार हमारे जिंदगी में भी मांँ का महत्व है। मांँ का प्यार कोई भी भुला नहीं सकता। मांँ के बिना हमारा जीवन अधूरा है। मांँ के द्वारा दिखाए गए राह पर चलना हमारा कर्तव्य है। संकट के समय पर मांँ अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर सकती है। वह ढाल बनकर दूसरों के सामने खड़ी हो जाती है। इसीलिए जिंदगी में मांँ का महत्व सबसे ज्यादा है।
(घ) क्या माधवदास के बनाए सोने के पिंजरे में चिड़िया सुख से रह सकती थी?- एक पक्षी के लिए पिंजरा का क्या महत्व है?
उत्तर: माधव दास के बनाए सोने के पिंजरे में चिड़िया कभी खुशी से नहीं रह सकती थी। चिड़िया का स्वभाव ही है मुक्त आकाश में उड़ना। अगर उससे उसकी उड़ने की आजादी ही छीन ली जाए, तो भला चिड़िया कैसे खुश रह सकता है। भले ही उसके लिए सोने का पिंजरा बनवाया गया हो। माधवदास अपने स्वार्थ के लिए चिड़िया को उसकी मांँ से भी अलग करवाना चाहता था। लेकिन चिड़िया को माधवदास द्वारा दिए गए प्रलोभन से कोई मतलब नहीं था। इसलिए वह अपनी मांँ के पास चली गई।
एक पक्षी के लिए पिंजरा जेल बराबर है। पक्षी कभी नहीं चाहेगा कि वह पिंजरे में कैद रहे। चिड़िया को अगर पिंजरे में कैद करके रखा जाए तो वह हमेशा दुखी ही रहेगा। उससे एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर थिरकना, अपना पंख फैलाकर मुक्त आसमान में उड़ना, अपने साथी के साथ किसी पेड़ पर घोंसला बनाना यह सब आजादी उससे छीन ली जाएगी तो वह प्रकृति के विरुद्ध कार्य होगा। अतः किसी को भी चिड़ियों को कैद करना नहीं चाहिए।
Additional Questions And Previous Paper Solve
संक्षिप्त प्रश्न (Short Type Questions)
(क) चिड़िया को देखकर माधवदास के मन में कैसा भाव उत्पन्न हुआ और क्यों?
उत्तर: माधवदास के मन में चिड़िया के प्रति प्रेम और आकर्षण का भाव उत्पन्न हुआ। चिड़िया की स्वच्छंदता और खूबसूरती ने उसके मन को प्रसन्नता दी, जिससे वह अपनी अधूरी खुशी को पूरा करने की कोशिश कर रहा था।
(ख) माधवदास पहले चिड़िया से क्या कहने लगा था?
उत्तर: माधवदास ने चिड़िया को बताया कि यह बगीचा उसने उसके लिए बनवाया है और उसे यहाँ बिना किसी डर के आने के लिए आमंत्रित किया।
(ग) चिड़िया को खुश करने के लिए माधवदास क्या-क्या करें?
उत्तर: माधवदास ने चिड़िया को आकर्षित करने के लिए उसे अपने महल में बुलाया, वहाँ सुख-सुविधाओं का वादा किया, और उसे यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि वह उसके लिए कई प्रकार के सोने और फूलों की व्यवस्था करेगा।
(घ) चिड़िया की बच्ची को उसकी माँ के सम्बन्ध में माधवदास क्या बता रहे थे?
उत्तर: माधवदास चिड़िया को उसकी माँ की तुलना में अपने बगीचे की बहार और धन के महत्व को समझाने की कोशिश कर रहे थे, यह बताते हुए कि उसकी माँ की अहमियत उस बगीचे के सामने कुछ भी नहीं है।
(ङ) सेठ माधवदास की अभिरुचियों के बारे में बताओ।
उत्तर: सेठ माधवदास कला प्रेमी हैं, उन्हें प्रकृति, बगीचे, और सुंदरता से प्रेम है। वह अपने बगीचे में फव्वारों और फूलों को देखकर आनंदित होते हैं।
(च) शाम के समय सेठ माधवदास क्या-क्या करते हैं?
उत्तर: शाम के समय माधवदास अपने बगीचे में बैठकर प्रकृति का आनंद लेते हैं, मित्रों से विनोद-चर्चा करते हैं या अकेले में सोचते हुए समय बिताते हैं।
(छ) चिड़िया के रंग-रूप के बारे में क्या जानते हो?
उत्तर: चिड़िया बहुत सुंदर थी, उसकी गरदन लाल थी और किनारों पर नीला रंग था। उसके पंख चमकदार स्याह थे और उसके शरीर पर विविध चित्रकारी थी।
(ज) चिड़िया किस बात से डर रही थी?
उत्तर: चिड़िया को अंधेरे से डर लग रहा था, उसे चिंता थी कि रात हो जाएगी और वह अपनी माँ के पास नहीं पहुँच पाएगी।
किसने, किससे और कब कहा?
(क) यह बगीचा मैंने तुम्हारे लिए ही बनवाया है।
उत्तर: माधवदास ने चिड़िया से कहा जब वह बगीचे में आई थी।
(ख) मैं अभी चली जाऊँगी। बगीचा आपका है। मुझे माफ करें।
उत्तर: चिड़िया ने माधवदास से कहा जब वह उससे डर गई थी और वहाँ से जाने लगी थी।
(ग) सोने का एक बहुत सुन्दर घर मैं तुम्हें बना दूँगा।
उत्तर: माधवदास ने चिड़िया से कहा जब वह उसे अपने बगीचे में रोकने की कोशिश कर रहा था।
(घ) क्या है मेरी बच्ची, क्या है?
उत्तर: चिड़िया की माँ ने चिड़िया को गले लगाकर पूछा जब वह माँ के पास पहुँची।
(ङ) रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।
उत्तर: चिड़िया ने माधवदास से कहा जब वह माँ के पास लौटने के लिए चिंतित थी।
(च) कल आना, परसों आना, रोज आना।
माधवदास ने चिड़िया से कहा जब वह उसे छोड़ने के लिए कह रहा था।
विवरणात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
माधवदास और चिड़िया की बच्ची के बीच हुई बात-चीत को अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर: माधवदास ने चिड़िया को अपने बगीचे में आमंत्रित किया और उसे बताया कि यह बगीचा उसके लिए है। वह चिड़िया से कहता है कि वह उसके लिए एक सुंदर महल बनाएगा और उसे बहुत सारे सुख-सुविधाएँ देगा। चिड़िया ने अपने डर और अपनी माँ की याद दिलाते हुए कहा कि उसे अपनी माँ के पास जाना है। माधवदास उसे समझाने की कोशिश करता है कि माँ से ज्यादा बहार और धन का क्या महत्व है। चिड़िया ने अपनी मासूमियत से बताया कि वह अपनी माँ की प्यार के बिना कहीं और नहीं रह सकती।
चिड़िया की बच्ची माधवदास के साथ न रहने का क्या-क्या कारण बता रही थी?
उत्तर: चिड़िया ने कहा कि वह अपनी माँ के पास जा रही है और उसे माँ का बहुत प्यार मिलता है। उसने यह भी कहा कि उसके पास बहार, सूरज की रोशनी और अपनी माँ की सुरक्षा है। चिड़िया को माधवदास की बातें समझ नहीं आईं और उसे लगा कि उसकी माँ की अहमियत इन सब चीजों से ज्यादा है।
माधवदास स्वार्थी मनुष्य का प्रतिनिधि है। कहानी के आधार पर स्पष्ट करो।
उत्तर: माधवदास स्वार्थी है क्योंकि वह चिड़िया को अपनी धन-दौलत और सुख-सुविधाओं से लुभाने की कोशिश करता है। उसे केवल अपनी खुशी की चिंता है और चिड़िया के भावनात्मक संबंधों को नजरअंदाज करता है। वह चिड़िया की मासूमियत का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है और यह नहीं समझता कि चिड़िया का अपनी माँ के साथ संबंध उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
माधवदास का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर: माधवदास एक धनवान और कला प्रेमी व्यक्ति हैं, लेकिन उनकी स्वार्थी प्रवृत्तियाँ उन्हें नकारात्मकता की ओर ले जाती हैं। वह अपने बगीचे और महल को अपनी संपत्ति समझते हैं और चिड़िया को लुभाने के लिए उसे धन और सुख का प्रलोभन देते हैं। उनका चरित्र दिखाता है कि बाहरी सुंदरता और धन के पीछे कितनी खोखली खुशियाँ छिपी होती हैं।
चिड़िया को पकड़ने के लिए माधवदास ने कैसी चाल चली?
उत्तर: माधवदास ने चिड़िया को अपनी बातों से लुभाने की कोशिश की, उसे बताया कि वह उसे सुख-सुविधाएँ देगा और बगीचे की बहार दिखाकर उसे फँसाने का प्रयास किया। अंत में, जब वह चिड़िया को अपने पास रखने का प्रयास कर रहा था, तब उसने अपने नौकर को इशारा कर दिया कि वह चिड़िया को पकड़ने की कोशिश करे।
चिड़िया की बच्ची किस प्रकार भागकर अपनी माँ के पास उड़ गई थी?
उत्तर: चिड़िया ने माधवदास की बातों से डरकर अचानक उड़ने का निर्णय लिया। जब उसके नौकर ने उसे पकड़ने की कोशिश की, तो उसने एक तेज़ उड़ान भरी और अपनी माँ के पास पहुँच गई, जहाँ वह अपनी माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी।
पशु-पक्षी या मनुष्य सबके लिए माँ बहुत अहमियत रखती है। कहानी के आधार पर स्पष्ट करो।
उत्तर: कहानी में चिड़िया की बच्ची अपने माँ के प्यार और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। वह माधवदास के प्रलोभनों को अस्वीकार करती है क्योंकि उसकी माँ का प्यार और उसके पास होना उसकी खुशी का मूल स्रोत है। इस तरह, यह दिखाता है कि माँ का प्यार किसी भी धन और बाहरी सुख से अधिक महत्वपूर्ण है।
तृष्णा है। - आशय स्पष्ट करो।
उत्तर: "तृष्णा" का अर्थ है लालसा या अभिलाषा। माधवदास चिड़िया को यह समझाने की कोशिश कर रहा था कि सोना और धन जीवन में सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। लेकिन चिड़िया अपने जीवन में मौलिक चीज़ों के लिए प्यार और अपने माँ के पास रहने को ज्यादा महत्वपूर्ण मानती है।
किन बातों से ज्ञान होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञान होता है कि वह सुखी नहीं था?
उत्तर: माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था क्योंकि वह धनवान, कला प्रेमी और एक सुंदर बगीचे का मालिक था। परंतु, वह अंदर से सुखी नहीं था, क्योंकि उसे हमेशा कुछ खालीपन का अनुभव होता था। उसकी आत्मिक खुशी की कमी उसे चिड़िया की उपस्थिति में महसूस होती थी।
सेठ माधवदास चिड़िया को क्या-क्या प्रलोभन दे रहा था?
उत्तर: माधवदास चिड़िया को एक सुनहरे पिंजरे, सोने के घर और बहुत सारे सुख-सुविधाओं का प्रलोभन दे रहा था। वह उसे यह भी कहता है कि वह उसे खुश करने के लिए उसे समृद्धि दे सकता है।
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