Lesson 4

 (जलाशय के किनारे कुहरी थी) 

    👉Read Book PDF
    👉YouTube Video
    👉MCQ Online Exam
    👉MCQ Answers

1. 'जलाशय के किनारे कुहरी थी' कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखो।

उत्तर: कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी ने इस कविता में एक जलाशय को केंद्र बनाकर उसके चारों ओर हो रहे प्राकृतिक गतिविधियों का सुंदर वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि उस जलाशय के किनारे कुहरी एवं कोहरा छाया हुआ था। चारों और हरे नीले पत्तों से जलाशय घिरा हुआ था। जलाशय के पानी पर आम की डाल आकर लटकी हुई थी। चारों ओर अंधकार छाई हुई थी। किनारे बिल्कुल सुनसान थे और जुगनूँ का एक दल आकर यहाँ-वहांँ चमकने लगा। उस समय पवन अपने साथ वन का परिमल अर्थात सुगंध लिए बहने लगा। पवन के झोंकों से नारियल के पेड़ एक- एक करके हिलने लगे और ताड़ के पेड़ को देख ऐसा लगता था मानो वह खड़े सबको सबको देख रहे हैं। पपीहा अपनी मीठी आवाज से छिपकर पुकार रहा था। सियार मुक्त मन से इधर-उधर घूम रहा था। जैसे ही धीरे-धीरे उजाला होने लगा तो आसमान से तारे गायब होने लगे और सरोवर में हवा के झोंकों से तरंगे एवं लहरें उठने लगी। तथा यह सब देख कवि के अंतर्मन में तारे चमकने लगते हैं।


2. संक्षेप में उत्तर दो:

(क) जलाशय के किनारे घना अंधकार क्यों छाया हुआ था?

उत्तर: उस समय प्रातः काल का समय था ऊपर से चारों ओर कुहरी छाई हुई थी और चारों तरफ वनों से घिरे होने के कारण जलाशय के किनारे घना अंधकार छाया हुआ था।

(ख) सुबह प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?

उत्तर: सुबह होते ही अंधकार खत्म हो जाता है। आसमान में नीले बादल छाने लगते हैं। फूल खिलने लगते हैं, चिड़िया चहकने लगती है, हरे भरे खेत पवन के झोंकों से लहराने लगते हैं आदि आदि।

(ग) कविता में वर्णित पशु-पक्षियों के नाम और उनके कार्यकलापों का उल्लेख करो।

उत्तर: कविता में जुगनूँ, पपीहा और सियार जैसे पशु पक्षियों के नाम वर्णित है। जुगनूँ के दल जलाशय के किनारे आकर अपने शरीर से प्रकाश निकालती हुई यहांँ वहांँ चमक रहे थे। पपीहा पेड़ की डाली पर बैठ अपने साथी को मीठी आवाज से पुकार रही थी। तथा सियार आराम से जंगल में इधर-उधर घूम रहा था।

(घ) कविता में कुछ वृक्षों का उल्लेख है उनके नाम और उपयोगिता बताओ।

उत्तर: कविता में आम, नारियल तथा ताड़ जैसे वृक्षों का उल्लेख है। इन सभी पेड़ों से हमें फल मिलता है। आम के पेड़ से विभिन्न सामग्रियांँ जैसे  टेबल, कुर्सियांँ आदि बनाई जाती है। तथा आग जलाने हेतु लकड़ियों का भी इस्तेमाल होता है। नारियल के पत्तों से झाड़ू बनाया जाता है।नारियल से लड्डू बनाया जाता हैं। ताड़ ते फल सें रस बनाया जाता हैं। 

3. नीचे दिए गए उत्तरों में से एक सही उत्तर चुनो:

(क) आम की डाल कहांँ आई हुई थी?

उत्तर: पानी पर।

(ख) किसके दल यहांँ-वहांँ चमक रहे थे?

उत्तर: जुगनूँ के।

(ग) लहरें कहांँ उठ रही थी?

उत्तर: सरोंवर में। 

4. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

(क) कुहासा कहांँ छाया हुआ था?

उत्तर: कुहासा जलाशय में छाया हुआ था।

(ख) हवा में किसकी सुगंध मिली हुई थी?

उत्तर: हवा में वन यानी जंगल की सुगंध मिली हुई थी।

(ग) पेड़ों की ओट में छिपकर कौन गा रहा था?

उत्तर: पेड़ों की ओट में छिपकर पपीहा गा रहा था।

(घ) तारे कब छिप गए?

उत्तर: सुबह होते ही तारे छिप गए।

(ङ) तारा कहांँ चमकने लगा?

उत्तर: तारा कवि के अंतर यानी हृदय में चमकने लगा।




Answer by Reetesh Das (MA in Hindi (G.U.)

Edit by Dipawali Bora (24.04.2022)

Check by - Mukesh Borah 



-------------------------------
বেলেগ ধৰণৰ প্ৰশ্ন উত্তৰ পাবলৈ এই লিংক টোত ক্লিক কৰক 
Click Here Might Learn
-------------------------------