गांँव से शहर की ओर

(अ) सही विकल्प का चयन करो:

1. कवि ने गांँव से शहर की ओर निकलने के बाद क्या अनुभव किया?
उत्तर: उनकी पहुंँच गांँव से बाहर है।

2. शहर से गांँव की सैर को निकलने के पश्चात कवि को कैसा लगा?
उत्तर: गांँव तक उनकी पहुंँच नहीं रही।

3. कवि इस कविता के माध्यम से यही कहना चाहते हैं कि-
उत्तर: अब गांँव के लोग शहर की ओर आने लगे और वे फिर वापस गांँव जाना नहीं चाहते।

(आ) पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

1. पहली बार लेखक कहांँ सैर करने निकले थे?
उत्तर: पहली बार लेखक गांँव से बाहर अर्थात 'शहर' की और सैर करने निकले थे।

2. दूसरी बार लेखक कहांँ सैर करने निकले?
उत्तर: दूसरी बार लेखक गांँव की ओर सैर करने निकले।

3. 'गांँव के बाहर हमारी पहुंच नहीं है'- हमारे जीवन की किस स्थिति का परिचायक है?
उत्तर: 'गांँव के बाहर हमारी पहुंँच नहीं है' यह हमारे जीवन की त्रासद स्थिति  का परिचायक है।

(इ) लगभग 50 शब्दों में उत्तर दो:

1.पहले गांँव के लोग शहर क्यों नहीं आना चाहते थे या आये भी तो गांँव क्यों लौट जाना चाहते थे?
उत्तर: पहले गांँव के लोग शहर नहीं आना चाहते थे। क्योंकि पहले गांँव से शहर तक का रास्ता अच्छा नहीं था। ऊपर से शहर में गांँव जैसा प्राकृतिक सौंदर्य उन्हें कहा मिलता। अपने गांँव में अपने परिवार के बीच रहना, खेती-बाड़ी करना, पशु पक्षियों को पालना यह सब उनके जीवन का हिस्सा था। उन्हें इसी तरह रहने की आदत थी। अतः इसीलिए गांँव के लोग शहर जाकर भी लौट आते थे।

2. वर्तमान समय में लोग गांँव की अपेक्षा शहर में रहना अधिक पसंद करने लगे हैं, क्यों?
उत्तर: वर्तमान समय आधुनिक समाज का योग है। विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि हर एक क्षेत्र में विज्ञान ने आधुनिकता की छाप छोड़ दी है। आज विडंबना यह है कि नगरीकरण की प्रक्रिया के कारण गांँव के लोग शहर की ओर जा तो रहे हैं लेकिन वह वापस गांँव नहीं आना चाहते। क्योंकि आधुनिक जीवन शैली ने उन्हें इतना प्रभावित किया है कि वे शिक्षा हेतु, व्यापार हेतु, नौकरी हेतु, आधुनिक सुविधा हेतु शहर में ही रहना चाहते हैं। यही कारण है कि वर्तमान समय में लोग गांँव की अपेक्षा शहर में रहना अधिक पसंद करने लगे हैं।

3. 'गांँव तक हमारी पहुंँच नहीं रही'- इस कथन से कवि का आशय क्या है?
उत्तर: इस कथन से कवि का आशय यह है कि पहले लोग गांँव को ही अपना सब कुछ मान जीवन निर्वाह करते थे। लेकिन जब नवीकरण की दौड़ शुरू हुई तब गांँव से शहर तक का सफर आसान हो चला और शिक्षा, व्यापार, नौकरी, आधुनिक सुविधाओं के लिए वे शहर जाने लगे। आधुनिकता ने गांँव से आए लोगों को इस प्रकार प्रभावित किया कि वे लोग जीविका हेतु शहर में ही रहना पसंद करने लगे। अब शहर में रहकर उनकी आदत बन चुकी है और वह गांँव जाना नहीं चाहते। अर्थात कवि ने इसी प्रसंग को अपने कविता के जरिए कहा है कि 'गांँव तक हमारी पहुंँच नहीं रही।'

4. 'पहुंँच नहीं है' और 'पहुंँच नहीं रही'- कथनों के अभिप्राय में क्या अंतर है?
उत्तर: यहांँ 'पहुंँच नहीं है' का अभिप्राय इस बात से है कि पहले जब लोग अपने गांँव से बाहर निकलते थे तब सारे रास्ते वापस गांँव की और ही आते थे। उन्हें गांँव से बाहर की दुनिया रास नहीं आती थी। उन्हें गांँव की प्रकृति के बीच रहना ही आनंददायक लगता था। वह अपने परिवार और खेतों के बीच ही अपना सब कुछ मानते थे। इसलिए उनकी पहुंँच गांँव तक ही सीमित थी। बाहर की दुनिया से उनका कोई लगाव नहीं था।
        दूसरी तरफ 'पहुंँच नहीं रही' इसका अभिप्राय यह है कि जब आधुनिकता ने गांँव के लोगों को आकर्षित किया तब गांँव के लोग शहर की ओर जाने लगे। जिसके चलते तेजी से बढ़ते आधुनिक सुविधाओं का लाभ उठाने लगे और शहर में ही स्थाई रूप से रहने लगे। अर्थात अब गांँव तक उनकी पहुंँच नहीं रही।

5. 'उस बार' और 'इस बार' की स्थितियों में कवि ने क्या परिवर्तन पाया है?
उत्तर: 'उस बार' की स्थिति में कवि ने पाया कि गांँव से बाहर तक का रास्ता वापस घूम फिर कर गांँव तक ही आता था। तब लोगों के लिए गांँव ही सब कुछ था।
          'इस बार' की स्थिति में कवि ने पाया कि लोगों को शहर से गांँव जाना पसंद नहीं है उल्टा गांँव के लोग शहर की ओर दौड़े चले आ रहे हैं।

6. 'सारे रास्ते' कहने के बाद भी 'डगर' और 'पगडंडियाँ' - इस कथन का अभिप्राय क्या है?
उत्तर: इस कथन का अभिप्राय उस प्रकार के रास्तों से है जो रास्ता कच्चा और यात्रा हेतु सुविधा दायक नहीं है।गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए जिस कच्चे तंग रास्ते का इस्तेमाल होता है उसे डगर कहते हैं और जो गांँव का मुख्य रास्ता होता है जिस रास्ते पर लोगों के आने जाने पर पतला सँकरा मार्ग बन जाता है वह पगडंडी कहलाता है।

Reetesh Das
MA in Hindi ( G.U)

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