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B. संक्षिप्त प्रश्न (Short type questions):
1. डॉ. चन्द्रा के सर्वांग कब और कैसे अचल हो गया?
उत्तर: डॉ. चन्द्रा का सर्वांग अठारहवें महीने में पोलियो की वजह से अचल हो गया था, जिससे उनकी गर्दन के नीचे का पूरा शरीर निष्क्रिय हो गया।
2. सारे लोग सुब्रमणियम से क्या कहने लगे थे?
उत्तर: सारे लोग श्रीमती सुब्रमणियम से कहने लगे थे कि उनकी पुत्री जीवनभर केवल गर्दन ही हिला पाएगी और संसार की कोई भी शक्ति उसे रोगमुक्त नहीं कर सकती।
3. श्रीमती सुब्रमणियम सारे लोगों से क्या कहने लगी थीं?
उत्तर: श्रीमती सुब्रमणियम सभी लोगों से यह कहने लगीं कि उन्होंने अपनी पुत्री की ओर से आशा नहीं छोड़ी और वह लगातार उसकी जीवन की भीख माँगती रहीं।
4. एक वर्ष के बाद चन्द्रा में क्या परिवर्तन दिखाई देने लगे थे?
उत्तर: एक वर्ष के बाद चन्द्रा के ऊपरी धड़ में गति आ गई और वह अपने हाथ हिलाने लगीं। नन्हीं उँगलियाँ भी हिलने लगीं और वह धीरे-धीरे बैठने लगीं।
5. चन्द्रा की पढ़ाई के लिए उसकी माँ ने क्या-क्या कष्ट उठाए?
उत्तर: चन्द्रा की पढ़ाई के लिए उसकी माँ श्रीमती सुब्रमणियम ने बड़ी कष्ट उठाए। वे स्कूल में उसकी व्हीलचेयर को खुद घुमातीं और पूरी कक्षाओं में उसके पीछे खड़ी रहतीं। उन्होंने बंगलौर के प्रतिष्ठित माउंट कारमेल स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए धरना तक दिया।
C. विवरणात्मक प्रश्न (Essay type questions):
1. डॉ. चन्द्रा के शारीरिक गठन और समस्याओं पर एक टिप्पणी लिखो।
उत्तर: डॉ. चन्द्रा का शारीरिक गठन जन्म के अठारहवें महीने में पोलियो के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ। उनका निचला धड़ पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया था, जिससे वह अपने पैरों का उपयोग नहीं कर सकती थीं। शरीर के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण न होने के बावजूद, उनकी मानसिक और बौद्धिक क्षमता अद्वितीय थी। व्हीलचेयर और बैसाखियों का सहारा लेकर उन्होंने जीवन की हर कठिनाई को पार किया, और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
2. डॉ. चन्द्रा की शिक्षा-दीक्षा पर एक लेख लिखो।
उत्तर: डॉ. चन्द्रा की शिक्षा-दीक्षा एक अत्यंत संघर्षमय यात्रा रही। प्रारंभ में पोलियो के कारण उनका निचला धड़ निष्क्रिय हो गया, लेकिन उनकी अदम्य इच्छाशक्ति और माँ के अथक प्रयासों ने उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के योग्य बनाया। बंगलौर के माउंट कारमेल स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने बायोलॉजी में एम.एस.सी. किया और बाद में बंगलौर के इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस से माइक्रोबायोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। प्रोफेसर सेठना के निर्देशन में शोधकार्य करते हुए उन्होंने अपने लिए एक विशेष सीट अर्जित की, और विज्ञान में उनकी उपलब्धियाँ सराहनीय हैं।
3. श्रीमती सुब्रह्मणियम का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर: श्रीमती सुब्रह्मणियम एक अत्यंत साहसी और धैर्यवान माँ थीं। अपनी बेटी की शारीरिक अक्षमता के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी बेटी चन्द्रा के लिए असंभव को संभव बना दिया। श्रीमती सुब्रह्मणियम ने बेटी की पढ़ाई से लेकर उसकी हर जरूरत का ध्यान रखा। वे उसकी प्रेरणा स्रोत थीं, जिन्होंने अपनी बेटी को जीवन में सफल बनाने के लिए खुद के सभी सुखों का त्याग किया। उनकी सहनशीलता और निस्वार्थ प्रेम के कारण वे ‘वीर जननी’ पुरस्कार की हकदार बनीं।
4. डॉ. चन्द्रा की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: डॉ. चन्द्रा की सबसे महत्वपूर्ण चारित्रिक विशेषताएँ थीं उनकी अदम्य इच्छाशक्ति, साहस और आत्मनिर्भरता। शारीरिक रूप से अपंग होने के बावजूद उन्होंने अपनी शारीरिक सीमाओं को कभी अपनी प्रगति में बाधा नहीं बनने दिया। वे मानसिक रूप से अत्यंत दृढ़ थीं और उन्होंने हर चुनौती का सामना साहस से किया। विज्ञान के प्रति उनका समर्पण और ज्ञानार्जन की लालसा भी उनकी विशिष्ट विशेषताएँ थीं।
5. डॉ. चन्द्रा की कविताएँ पढ़कर लेखिका की आँखें क्यों भर आईं?
उत्तर: डॉ. चन्द्रा की कविताएँ पढ़कर लेखिका की आँखें इसलिए भर आईं क्योंकि जो उदासी और निराशा चन्द्रा के चेहरे पर कभी नहीं दिखी, वह उनकी कविताओं में झलक रही थी। चन्द्रा ने अपने जीवन की कठोर सच्चाइयों को भले ही बाहरी रूप में प्रकट नहीं किया, लेकिन उनकी कविताएँ उनके अंतर्मन की पीड़ा और संघर्ष को बयां कर रही थीं।
6. शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. चन्द्रा की उपलब्धियों का उल्लेख करो।
उत्तर: डॉ. चन्द्रा ने शिक्षा के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं। उन्होंने एम.एस.सी. में प्रथम स्थान प्राप्त किया और बाद में बंगलौर के इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस से माइक्रोबायोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उनकी थीसिस पर शोधकार्य करते हुए उन्होंने प्रोफेसर सेठना के निर्देशन में पाँच साल तक काम किया। अपंग होते हुए भी उन्होंने स्वर्ण पदक और कई पुरस्कार प्राप्त किए।
7. विज्ञान के अतिरिक्त और किन-किन विषयों में डॉ. चन्द्रा की रुचि थी?
उत्तर: विज्ञान के अतिरिक्त, डॉ. चन्द्रा की रुचि कविता, संगीत, कढ़ाई-बुनाई और जर्मन भाषा में थी। उन्होंने अपनी माँ के साथ मिलकर मैक्समूलर भवन से जर्मन भाषा में विशेष योग्यता प्राप्त की। इसके अलावा, वे भारतीय और पाश्चात्य संगीत में भी समान रुचि रखती थीं।
8. डॉ. चन्द्रा की माता कहाँ तक वीर जननी पुरस्कार की हकदार है? - अपना विचार स्पष्ट करो।
उत्तर: डॉ. चन्द्रा की माता, श्रीमती सुब्रह्मणियम, निस्संदेह वीर जननी पुरस्कार की हकदार थीं। उन्होंने अपनी बेटी के लिए असाधारण बलिदान दिए और उसकी हर छोटी से छोटी जरूरत का ध्यान रखा। जब सभी लोग चन्द्रा के जीवन से आशा छोड़ चुके थे, तब भी श्रीमती सुब्रह्मणियम ने अपनी बेटी को साहस और सहनशीलता के साथ जीवन की हर कठिनाई से लड़ने का मार्ग दिखाया।
9. "चिकित्सा ने जो खोया है, वह विज्ञान ने पाया" यह किसने और क्यों कहा था?
उत्तर: यह बात डॉ. चन्द्रा के प्रोफेसर ने कही थी। उन्होंने यह इसलिए कहा क्योंकि चन्द्रा की शारीरिक अक्षमता के कारण उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में प्रवेश नहीं मिल सका, लेकिन उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अत्यधिक योगदान दिया। उनका डॉक्टरेट और शोधकार्य विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित हुआ।