Lesson 13

                (बादल राग)


1. बादल किसका प्रतीक है?

उत्तर: बादल क्रांति का प्रतीक है। अर्थात बादल के आने से परिवर्तन की आशा उमड़ पड़ती है। इसीलिए कवि निराला जी ने बादल को क्रांतिकारी का प्रतीक माना है।


2. प्रस्तुत कविता के माध्यम से निरालाजी ने क्या कहा है?

उत्तर: प्रस्तुत कविता के माध्यम से निराला जी यह कह रहे हैं कि समाज के जो शोषित दलित और किसान वर्ग है उन्हें पूजीपतियों के शोषण से मुक्त कराया जाए। अमीरों के शोषण से गरीबों का ह्रदय जल रहा है। इसीलिए कवि क्रांतिकारी बदलाव चाहते हैं और वह बदलाव बादल के रूप में ही हो सकता है। क्योंकि घोर निराशा के बीच आशा का संचार करता है बादल। किसान और गरीबों के लिए बादल क्रांतिकारी दूत के समान है। कवि का कहना है कि वही बादल गरीबों के लिए क्रांति का प्रतीक है। तो अमीरों के लिए विनाश का प्रतीक। इसलिए कवि बादल को आह्वान कर रहे है की है बादल! तुम आओ, गरजो एवं बरसों साथ ही साथ गरीबों की सोई हुई आशाओं को जगाओ। तथा उन्हें एक नया जीवन दो।


3.'जग दग्ध हृदय से' आप क्या समझते हैं?

उत्तर: जग के दग्ध हृदय से हम मनुष्य के दुख दर्द को समझेंगे। जो मनुष्य के हृदय में हमेशा विद्यमान रहता है। कवि का मानना है कि सुख अस्थिर है। हवा के सामान सुख हमेशा अस्थिर होता है। तथा मनुष्य के दुख संतापो से व्यथित ह्रदय पर सदैव भयंकर तूफान की आशंका बनी रहती है। खासतौर पर उन पूजीपतियों के लिए जिन्होंने गरीबों का शोषण कर सुख को हासिल किया है।


4. जग का हृदय कैसे शांत हो सकता है?

उत्तर: जब क्रांतिकारी बादल गरजते और बरसते हुए पूजीपतियों के महान अट्टालिकाओं पर अपना कहर बरसाएंगे तब उनके अहंकार को चकनाचूर कर उन्हें सड़क पर ले आएंगे। जब वही क्रांतिकारी बादल आशा का संचार लिए गरीबों का उपकार करेंगे, तथा जग को चारों ओर से हरा भरा कर देंगे तब जाकर जक का हृदय शांत हो पाएगा।


5. 'बादल राग' कविता का भावार्थ प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: कवि निराला बादल को क्रांति का प्रतीक मानकर उस क्रांति के माध्यम से समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाना चाहते हैं। क्रांतिकारियों के आने से समाज में परिवर्तन होता है। ठीक उसी प्रकार कवि बादल के जरिए शोषित वर्गों में क्रांतिकारी बदलाव लाना चाहते हैं। ताकि उन शोषित वर्गों का कल्याण हो सके। अतः कवि ने बादल को आशा का प्रतीक माना है। जिसके आने से गरीबों में आशा की एक नई उम्मीद जग जाती है। जबकि पूजीपतियों को डर लगा रहता है कि कहीं क्रांतिकारियों के आने से उनका सुख चैन छीन न जाए। इसलिए कवि पूंजीपतियों के अहंकार को तोड़ने और गरीबों को राहत दिलाने हेतु बादल को पुकार रहे हैं। अतः बादल राग कविता का मूल भाव यही है।


6.व्याख्या कीजिए-

 (क) 'हंँसते हैं छोटे पौधे लहूभार-

         शस्य अपार

         हिल-हिल,

         खिल-खिल,

         हाथ हिलाते,

         तुझे बुलाते,

        विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा 

        पाते।'


उत्तर:

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक हिंदी साहित्य संकलन के अंतर्गत सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी द्वारा रचित 'बादल राग' कविता से लिया गया है।


प्रसंग- यहांँ क्रांति की गर्जना शोषित वर्गों पर किस प्रकार अपना प्रभाव डालती है उसका वर्णन किया गया है।


व्याख्या- कवि का कहना है कि बादल के क्रांतिकारी गर्जन को सुनकर छोटे-छोटे पौधे हर्षित हो जाते हैं। जिससे चारों और हरियाली छाने लगती है। हवा के झोंकों से छोटे-छोटे पौधे खेलने लगते हैं और उन्हें देख ऐसा लगता है मानो वे हाथ हिलाकर बादल को बुला रहे हैं। उनका स्वागत कर रहे हैं। कवि कहते हैं कि बादल के इस क्रांतिकारी रूप को देख शोषित वर्ग ही प्रसन्न हो सकते हैं। बादलों के विध्वंस रूप से उन्हीं का लाभ होता है। क्योंकि उनके पास खोने के लिए कुछ है ही नहीं। बल्कि बादल के आने से शोषित वर्ग आशा की एक नई उम्मीद लिए अपने खेतों में जाते हैं।


(ख) तिरती है समीर-सागर पर

       अस्थिर सुख पर दुख की छाया।

       जग के दग्ध हृदय पर।

       निर्दय विप्लव की पाल्वित माया

       

उत्तर:

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक हिंदी साहित्य संकलन के अंतर्गत सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी द्वारा रचित 'बादल राग' कविता से लिया गया है।


प्रसंग- यहांँ कवि क्रांतिदूत के रूप में बादल का आह्वान कर रहा है।

व्याख्या- कवि का कहना है कि जैसे ही आकाश में बादल छाने लगते हैं तो उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि मानो यह बादल युद्ध की नौका के समान हवा के सागर पर तैर रही है। जिसे देख पूंँजीपति घबराए हुए हैं। क्योंकि उन पूंँजीपतियों ने जो सुख अर्जित किया है वह सुख अस्थिर है। जिसे निम्न वर्गों से शोषित करके उन्होंने हासिल किया था। तो इस अस्थिर सुख पर बादल के छाने से उन्हें दुख की छाया दिखाने लगती है। क्योंकि उन्हें पता है कि बादल जब क्रांतिकारी प्रलय लाएगा तो उनसे वह सुख छीन लेगा। कवि का यह भी कहना है कि बादल निर्दय है। उसकी पाल्वित माया से कोई नहीं बच पाता। वह अपनी विद्रोह की जलप्रलय से सब को प्रभावित करता है।


7. एक प्रश्न उत्तर-

(क) कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी का जन्म कब और कहां हुआ था?

उत्तर: कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'  जी का जन्म सन 1896 ई. में बंगाल की महिषादल रियासत के मेदिनीपुर जिले के गढ़ाकोला ग्राम में हुआ था।


(ख) कवि निराला जी की प्रमुख काव्य ग्रंथों के नाम लिखो।

उत्तर: कवि निराला जी के प्रमुख काव्य ग्रंथ है बेला, नये पत्ते, आराधना, तुलसीदास, अर्चना, कुकुरमुत्ता, परिमल, गीतगूंज आदि आदि।


(ग) कवि निराला जी की हिंदी की सर्वश्रेष्ठ लंबी कविता कौन सी है?

उत्तर: राम की शक्ति पूजा।


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