Lesson 7

नदी-द्वीप: माजुली


1 पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

(क) संसार का सबसे बड़ा नदी-द्वीप क्या है?

उत्तर: संसार का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजुली है।

(ख) माजुली का आकार क्यों क्रमशः कम होता जा रहा है?

उत्तर: प्रतिवर्ष होने वाली बाढ़ तथा भू-कटाव के कारण माजुली का आकार क्रमशः कम होता जा रहा है।

(ग) माजुली में किन जनजातियों के लोग रहते हैं?

उत्तर: माजुली में मिसिंग, सोनोवाल, कछारी, देवरी आदि जनजातियों के लोग रहते हैं।

(घ) माजुली में मुख्यतया कौन-सी भाषाएंँ बोली जाती है?

उत्तर: माजुली में मुख्यतया असमीया और मिसिंग भाषाएंँ बोली जाती है।

(ङ) माजुली में यातायात का प्रमुख साधन क्या है?

उत्तर: माजुली में यातायात का मुख्य साधन जहाज है।

(च) माजुली के कुछ प्रमुख त्योहारों के नाम लिखो।

उत्तर: माजुली के कुछ प्रमुख त्योहारों के नाम है- रास महोत्सव, शंकर-उत्सव, आलि-आइ-लिगाङ, बड़ादिन आदि आदि।

(छ) माजुली में सामूहिक कार्यों का मुख्य स्थान क्या है?

उत्तर: माजुली में सामूहिक कार्यों का मुख्य स्थान नामघर है।

(ज) असम की सांस्कृतिक राजधानी किसे माना गया है?

उत्तर: असम की सांस्कृतिक राजधानी नदी-द्वीप माजुली को माना गया है।

(झ) महापुरुष शंकर-माधव का मिलन कहांँ हुआ था? इस मिलन को इतिहास में क्या नाम दिया गया है?

उत्तर: महापुरुष शंकर-माधव का मिलन माजुली के बेलगुरी सत्र में हुआ था। इतिहास में इस मिलन को 'मणिकांत संयोग' नाम दिया गया।

(ञ) माजुली में स्थापित प्रथम सत्र का नाम लिखो।

उत्तर: माजुली में स्थापित प्रथम सत्र का नाम है बेलगुरी।

(ट) माजुली आने का न्योता किसने किसको दिया था?

उत्तर: माजुली आने का न्योता साहिल ने अपने मित्र संदीप को दिया था।

(ठ) मुखा शिल्प के लिए कौन-सा सत्र प्रसिद्ध है?

उत्तर: शामागुरी सत्र मुखा शिल्प के लिए प्रसिद्ध है।

2. संक्षिप्त उत्तर दो:

(क) माजुली नदी द्वीप की सृष्टि कैसे हुई?

उत्तर: कहा जाता है कि सन 1661 से लेकर सन 1696 तक लगातार भूकंप और बाढ़ के कारण ब्रह्मपुत्र दो धाराओं में विभक्त हो गया, जिसके कारण नदी के बीच में एक द्वीप की उत्पत्ति हुई। जो आगे चलकर माजुली कहलाई। अतः इस तरह माजुली द्वीप की सृष्टि हुई थी।

(ख) माजुली के लोगों की आजीविका के बारे में लिखो।

उत्तर: माजुली के लोगों की आजीविका मुख्य तौर पर खेती ही है। यहांँ सौ से भी अधिक किस्म के चावल की खेती की जाती है। इसके अलावा मछली पकड़ना, मिट्टी के बर्तन बनाना, नाव बनाना तथा मुखाशिल्प आदि भी माजुली की अर्थनीति के प्रमुख हिस्से हैं।

(ग) माजुली किस प्रकार वैष्णव सत्र-संस्कृति का केंद्र स्थल बनी?

उत्तर: माजुली 16 वीं शताब्दी से ही असमीया समाज के लिए सांस्कृतिक राजधानी रही है। मध्य युग के नव-वैष्णव आंदोलन के पुरोधा स्वरूप महापुरुष श्रीमंता संकरदेव ने यहाँ वैष्णव धर्म का प्रचार किया था और आश्रमों की स्थापना की थी, जो इस द्वीप में सत्र के रूप में प्रसिद्ध है। आहोम राजा रुद्रसिंह ने पहले-पहल वैष्णव संतों को भूमि-दान करके यहांँ बसाया था, जिससे माजुली वैष्णव सत्र-संस्कृति का केंद्रस्थल बन गयी।

(घ) माजुली के प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में लिखो।

उत्तर: माजुली असम तथा विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है, जिसकी प्राकृतिक सौंदर्य बहुत ही मनोरम है। यहांँ कई प्रकार के पेड़-पौधे, पशु-पक्षी पाए जाते हैं। हर साल कई प्रकार के परिभ्रमी पक्षी यहांँ आकर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। प्रति वर्ष देश-विदेश से पर्यटक आगर माजुली के सत्रों का परिभ्रमण करके यहांँ के कला और संस्कृतियों का लुफ्त उठाते हैं। माजुली संकटग्रस्त प्राणियों के लिए भी आवास स्थल है। यह जगह प्राय: प्रदूषित मुक्त है तथा वर्षा के कारण चारों ओर हरियाली फैली रहती है।

3. टिप्पणी लिखो:

(क) दक्षिणपाट सत्र: दक्षिणपाट सत्र बनमाली देव जी ने स्थापित किया था।  वे रासलीला के समर्थक थे। यह सत्र कला और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण स्थान है जहांँ विभिन्न तरह की मूर्ति, चित्रकारी तथा नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है। यहांँ रासलीला को जातियों पर्व की तरह बनाया जाता है।

(ख) गड़मूढ़ सत्र: लक्ष्मीकांत देव जी द्वारा स्थापित गड़मूढ़ सत्र में आहोम युग के 'बरटोप' तथा अन्य अस्त्र-शस्त्र सुरक्षित है। शरद काल के अंत में यह परंपरागत रासलीला हर्षोल्लास तथा आड़म्बरपूर्ण तरीके से मनाने की व्यवस्था है। इस वैष्णव स्थल में कई प्राचीन लेख और कलाकृतियांँ मौजूद है जो लोगों को यहांँ की धार्मिक मान्यताओं के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त कराता है।

(ग) आउनीआटी सत्र: निरंजन पाठकदेव जी द्वारा निर्मित यह सत्र 'पालनाम' और अप्सरा नित्य के लिए प्रसिद्ध है। यह सत्र मूल्यवान पुराने असमीया वर्तन, गहने और हस्तशिल्प के लिए भी प्रसिद्ध है। माजुली की थोड़ी ऊंची भूमि में इस सत्र को स्थापित किया गया था। यहांँ आउनी का अर्थ है 'पान' और अति का अर्थ है  'ऊंँचा स्थान' जिसके कारण इस सत्र का नाम आउनीआटी सत्र रखा गया।

(घ) कमलाबारी सत्र: कमलाबारी सत्र माजुली का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध स्थान है। असमीया में कमला का अर्थ है नारंगी और बारी का अर्थ है बगीचा। कमलाबारी सत्र की स्थापना  माधवदेव के एक प्रसिद्ध शिष्य बैदुलापदम आता द्वारा की गई थी। यह सत्र शिल्प, साहित्य, संस्कृत तथा शास्त्रीय अध्ययन के लिए प्रख्यात है। उत्तर कमलाबारी सत्र इस सत्र की शाखा है और यहांँ खास तौर पर सत्रीया कला के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

(ङ) बेङेनाआटी सत्र: बेङेनाआटी सत्र मुरारीदेव द्वारा निर्मित है। इस सत्र में आहोम राजा गजाधर सिंह के सोने के राजकीय वस्तु तथा राजकीय सत्र संग्रहीत है।


भाषा अध्ययन:

(I) वाक्य बनाओ:

प्रचारक: श्रीमंत शंकरदेव वैष्णव धर्म के प्रचारक थे।

संस्कृति: हमें अपने संस्कृतियों का आदर एवं सम्मान करना चाहिए।

केंद्रस्थल: जगन्नाथ मंदिर भक्तों का केंद्रस्थल रहा है।

संकटग्रस्त: मनुष्य ने अपने स्वार्थ हेतु कई जंगलों की कटाई की है, जिससे आज प्रकृति संकटग्रस्त अवस्था में चली गई है।

सामूहिक: आज सामूहिक तौर पर कोरोनावायरस पर चर्चा की जाएगी।


(II) 1 शब्दों में लिखो:

(क) धर्म-प्रचार करने के लिए इधर-उधर घूमने वाला:

उत्तर: धर्मप्रचारक।

(ख) जो सब कुछ जानता हो-

उत्तर: सर्वज्ञ।

(ग) जो कल्पना से परे हो-

उत्तर: कल्पनातीत।

(घ) जानने की इच्छा रखने वाला-

उत्तर: जिज्ञासा।

(ङ) जो पहले कभी न हुआ हो-

उत्तर: अभूतपूर्व।

(III) विपरीतार्थक शब्द लिखो:

विस्तृत - संकीर्ण

दोषी - निर्दोष

सुखांत - दुखांत

एक्य - अनैक्य

संयोग - वियोग

संक्रिय - निष्क्रिय

सरदी - गर्मी

कृत्रिम - स्वाभाविक

अतिवृष्टि - अनावृष्टि

अर्वाचीन - प्राचीन

Reetesh Das

M.A in Hindi



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