Lesson 9

वृक्षारोपण

1. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर का चयन करो:

(क) वृक्ष मनुष्य को कौन-सा गैस प्रदान करता है?

उत्तर: ऑक्सीजन।

(ख) प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरत होती है-

उत्तर: वृक्षारोपण की।

(ग) भारत सरकार ने वन-महोत्सव का प्रारंभ किया था-

उत्तर: सन 1952 में।

(घ) अतिवृष्टि और अनावृष्टि का मुख्य कारण है-

उत्तर: वनों का कटाव।

(ङ) प्रकृति के सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंग है-

उत्तर: वृक्ष।


2. संपूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

(क) पशु-पक्षियों की अनेक दुर्लभ जातियांँ- प्रजातियांँ क्यों लुप्त होती जा रही है?

उत्तर: मनुष्य द्वारा वनों के कटाव के कारण ही पशु-पक्षियों की अनेक दुर्लभ जातियांँ-प्रजातियांँ लुप्त होती जा रही है।

(ख) मनुष्य का प्रकृति से कैसा नाता है?

उत्तर: मनुष्य का प्रकृति के साथ बहुत पुराना नाता है।

(ग) अतिवृष्टि और अनावृष्टि क्या है?

उत्तर: अतिवृष्टि का अर्थ है बहुत वर्षा होना। और अनावृष्टि का अर्थ है वर्षा का न होना। इसीलिए अगर अतिवृष्टि और अनावृष्टि के प्रकोप से बचना है तो इसका एकमात्र उपाय है वृक्षारोपण।

(घ) हमारी संस्कृति में किसे पवित्र कार्य माना जाता है?

उत्तर: हमारी संस्कृति में वृक्षारोपण को पवित्र कार्य माना जाता है।

(ङ) हमारी संस्कृति के अनुसार किन वृक्षों की पूजा की जाती है?

उत्तर: हमारी संस्कृति के अनुसार पीपल, तुलसी, बरगद, केला, आम आदि वृक्षों की पूजा की जाती है।

(च) वन संरक्षण आज कौन-सा आंदोलन करने में प्रशंसनीय कार्य करा रहा है?

उत्तर: वन संरक्षण आज चिपको आंदोलन करने में प्रशंसनीय कार्य करा रहा है।


3. सम्यक उत्तर दो:

(क) आदिकाल से प्रकृति किस तरह मानव की सहकारी रही है?

उत्तर: आदि काल से ही प्रकृति मानव की सहकारी रही है। क्योंकि मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रकृति से ही सब कुछ लेता आया है। प्रकृति से प्राप्त वस्तुओं से मनुष्य ने घर बनाया, अपनी भूख मिटाई, अपनी तृषा शांत की तथा तरह-तरह के सुखों का भोग किया है।

(ख) वृक्ष हमारी किन आवश्यकताओं की पूर्ति करता है?

उत्तर: वृक्ष हमारे परम हितैषी,  निस्वार्थ सहायक एवं अभिन्न मित्र है। वृक्षों के कारण ही हम सब सांस ले पा रहे हैं। सदियों से मनुष्य ने वृक्षों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उसका इस्तेमाल किया है। मनुष्य ने घर बनाने हेतु उसका इस्तेमाल किया,  पेट भरने के लिए रसीले स्वादिष्ट फलों का भोग क्या, तथा भिन्न-भिन्न सामग्रियाँ बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल किया है। अतः इस तरह बचपन से लेकर बुढ़ापे तक वृक्ष हमारी अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति करते आया है।

(ग) वनों के कटाव के कारण धरती के सौंदर्य पर किस तरह कुठाराघात हुआ है?

उत्तर: वनों के कटाव के कारण धरती के सौंदर्य पर बहुत तरह का कुठाराघात हुआ है। वनों के कटाव के कारण आए दिन भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, सूखा आदि की समस्या बढ़ती ही जा रही है। जिसके फलस्वरुप दुर्लभ पशु पक्षियों की प्रजातियांँ विलुप्त होती जा रही है। नदियों के उद्गम स्थलों की स्थिति भयानक हो गई है, तथा अनेक औषध-वनस्पतियांँ आज ढूंढने पर भी नहीं मिलते। अतः मनुष्य ने अपने स्वार्थ हेतु वनों की कटाई करके प्रकृति की सुंदरता को काफी नुकसान पहुंँचाया है।

(घ) सरकार और समाजसेवी संगठनों ने किस तरह वृक्षारोपण के क्षेत्र में कदम उठाए हैं?

उत्तर: आए दिन वृक्षों के कटाव के कारण जो परिणाम भुगतना पड़ा है उसे देख सरकार एवं समाजसेवी संगठनों ने वृक्षारोपण की महत्वता को जाना है। इसीलिए भारत सरकार ने वृक्षों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 1952 में वन महोत्सव का आयोजन किया। तथा वृक्षों की कटाई रोकने के लिए विशेष कानून भी बनाए गए। चिपको आंदोलन जैसे प्रशंसनीय कार्य प्रकृति प्रेमी तथा समाजसेवी संगठनों द्वारा किए जा रहे हैं।

4. संतुलित उत्तर दो:

(क) वृक्ष हमारे लिए क्यों उपयोगी है? वर्णन करो।

उत्तर: इस धरती पर जब तक वृक्ष सुरक्षित है तब तक प्राणीजगत भी सुरक्षित है। वृक्षों के बिना यह संसार एक प्राणीहीन संसार ही कहलाएगा। वृक्ष की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह हमें ऑक्सीजन प्रदान कराता है और इसी ऑक्सीजन के सहारे समस्त प्राणी जगत निर्भर है। इसलिए वृक्ष रहेगा तभी ऑक्सीजन मिलेगा, अगर वृक्ष ही नहीं रहेगा तो प्राणीजगत की कल्पना करना व्यर्थ है। वृक्ष हमें सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं देता, बल्कि वह हमें तरह-तरह के फल और फूल भी देता है। आग लगाने के लिए लकड़ी देता है। इसीलिए वृक्ष हमारे लिए उपयोगी है।

(ख) वृक्षारोपण आज मानव जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण आवश्यकता क्यों बन पड़ा है?

उत्तर: वृक्षारोपण की उपयोगिता को देखते हुए आज समूचे विश्व में वृक्षारोपण के महत्व को स्वीकारा है। प्रदूषण के कारण प्राकृतिक संतुलन छिन्न-भिन्न हो गया है। अधिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। जिससे वातावरण में शुद्ध वायु का नितांत अभाव होता जा रहा है। आज वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण मिट्टी का कटाव, भूस्खलन, भूकंप, भयानक बाढ़, सूखा आदि की समस्या बढ़ती ही जा रही है। इसलिए प्रकृति के वातावरण में एक सहज स्वाभाविक संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण करना मानव जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन पड़ी है।

(ग) प्रदूषण के कारण प्राकृतिक संतुलन किस तरह बिगड़ गया है?

उत्तर: आज नगरों में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों से निकलता हुआ धुआँ वातावरण को अत्यधिक प्रदूषित कर रहा है। शहरों में वाहनों की निरंतर बढ़ती संख्या तथा उनमें से निकलने वाले धुएंँ के कारण लोगों को सांँस लेने में तकलीफ हो रही है। जिसके कारण लोगों को खांँसी, दमा, कैंसर जैसे तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह के प्रदूषण के कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया है।


5. आशय स्पष्ट करो:

(क) एक वृक्ष दस पुत्र सम।

उत्तर: इसका आशय यह है कि तुम अगर एक वृक्ष लगाते हो तो तुम्हें उतना ही पुण्य मिलेगा जितना कि दस गुणवान पुत्रों का यश मिलने पर होता है। अर्थात एक वृक्ष दस पुत्रों के समान है। इसलिए हम जितना वृक्ष लगाएंगे हमें उतना ही पुण्य मिलेगा।

(ख) पेड़-पौधे मानव जीवन की संजीवनी है?

उत्तर: इसका आशय यह है कि मनुष्य के प्राण इन्हीं पेड़-पौधों में समाई हुई है। पेड़ पौधे मनुष्य के लिए संजीवनी का काम करती है। क्योंकि पेड़ हमें ऑक्सीजन प्रदान करता है। इसीलिए पेड़ पौधों के संरक्षण तथा आरोपण  में स्वयं मनुष्य का ही हित निहित है। अतः अगर मनुष्य को अपनी हित की चिंता करना है तो वृक्षारोपण करना अति आवश्यक है।

6 व्याकरण:

(I) शुद्ध करो:

(क) राम ने भात खाये।

उत्तर: राम ने भात खाया।

(ख) गीता ने खेल खेली।

उत्तर: गीता ने खेल खेला।

(ग) मधु ने तीन आम खाया।

उत्तर: मधु ने तीन आम खाये।

(घ) माधवी ने दो सेब खायी।

उत्तर: माधवी ने दो सेब खाये।

(ङ) शीला ने हरि को पकड़े।

उत्तर: शीला ने हरि को पकड़ा।

(च) प्रवाल ने लड़कियों को पकड़े।

उत्तर: प्रवाल ने लड़कियों को पकड़ा।

(छ) महिलाओं ने चोर को पकड़े।

उत्तर: महिलाओं ने चोर को पकड़ा।

(ज) लड़कियों ने खेली।

उत्तर: लड़कियों ने खेला।

(झ) लड़कों ने लिखे।

उत्तर: लड़कों ने लिखा।

(ञ) उसने पढ़ी।

उत्तर: उसने पढ़ा।

(ट) उन्होंने गायी।

उत्तर: उन्होंने गाया।

(ठ) प्रमीला ने गायी।

उत्तर: प्रमीला ने गाया।

(II) एक शब्द में प्रकट करो

(क) जो स्वयं पैदा हुआ हो= स्वयंभू

(ख) साधु स्वभाव की स्त्री= स्त्रेण

(ग) धर्म से डरने वाला= धर्मभीरू

(घ) जो पाने योग्य है= प्रयोजन

(ङ) पृथ्वी से संबंध रखने वाला= पार्थिव

(च) जो कम बोलता है= मितभाषी

(छ) विष्णु का उपासक= वैष्णव

(ज) शिव का उपासक= शैव

(झ) शक्ति का उपासक= शाक्त

(ञ) कहानी लिखने वाला= कहानीकार

Reetesh Das

(M.A in HIndi)




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