Lesson 8

ओवाकाछामा


1. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनकर लिखो:

(i) ओवाकाछामा कौन थे?

उत्तर: बौद्ध भिक्षु

(ii) बौद्ध धर्म के अनुयायी किस मार्ग को मानते हैं?

उत्तर: अष्ट मार्ग

(iii) बौद्ध धर्म के प्रवर्तक थे-

उत्तर: इनमें से कोई नहीं

(iv) कितने सालों के बाद ओवाकाछामा रास्ता बना पाए?

उत्तर: पच्चीस साल बाद


2. संक्षेप में उत्तर दो:

(क) ओवाकाछामा कहांँ के रहने वाले थे?

उत्तर: ओवाकाछामा चीन के रहने वाले थे।

(ख) दोनों गांँव के बीच क्या खड़ा था?

उत्तर: दोनों गांँव के बीच एक पहाड़ खड़ा था।

(ग) इस कहानी से कौन-सी सीट मिलती है?

उत्तर: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे वह कितनी भी कठिन से कठिन कार्य क्यों न हो।

(घ) गांँव में क्यों अशांति फैलने लगी थी?

उत्तर: गांँव में इसलिए अशांति फैलने लगी क्योंकि उस पहाड़ी के सुरंग में धीरे-धीरे लुटेरों का अड्डा बनने लगा। जो आए दिन गांँव में लूटपाट किया करते थे।

(ङ) ओवाकाछामा ने लुटेरों को किस तरह भगाया?

उत्तर: ओवाकाछामा ने लुटेरों को प्यार से समझा-बुझाकर भगाया। लुटेरों ने भी ओवाकाछामा की बत मान ली और वे सुरंग छोड़कर वहांँ से चले गए।

(च) पहाड़ के बीच में से रास्ता बनाने में कितने साल लगे?

उत्तर: पहाड़ के बीच में से रास्ता बनाने में पच्चीस साल लगे।

(छ) राजा ने ओवाकाछामा को किस सम्मान से सम्मानित किया था?

उत्तर: राजा ने ओवाकाछामा को 'देशबंधु' सम्मान से सम्मानित किया था।


3.'क' अंश के साथ 'ख' अंश को मिलाओ:

उत्तर: 

   'क'                    'ख'

गौतम बुध         - बौद्ध धर्म

हजरत मोहम्मद - इस्लाम धर्म

यीशु                -  ईसाई धर्म

नानक             -  सिख धर्म

ऋषि मुनि         -  हिंदू धर्म

महावीर            -  जैन धर्म


4. उत्तर लिखो: 

(क) लोग ओवाकाछामा का आदर करते थे?

उत्तर: ओवाकाछामा एक सर्वगुणसम्पन्न बौद्ध भिक्षु था। ओवाकाछामा बड़े जनों का सम्मान एवं आदर करता था। छोटे जनों के साथ प्यार से पेश आता और समय के अनुसार पढ़ाई लिखाई करता, अपने दोस्तों के साथ खेलकूद भी करता था। वह हमेशा गरीबों की मदद करता, हमेशा अपने पड़ोसियों की खबर रखता तथा विपत्ति के समय उसके पास जाकर तत्काल खड़े हो जाता था। उसकी इसी कार्यों और व्यवहार के कारण लोग उसे आदर करते थे।

(ख) गांँव के लोगों ने ओवाकाछामा के सामने कौन-सी समस्या रखी थी?

उत्तर: एक दिन गांँव के लोगों ने ओवाकाछामा से भेंट की और बताया कि उसके दोनों गांँव के बीच एक पहाड़ है जिसके कारण दोनों गांँव के लोग आसानी से मिल नहीं सकते। और यह भी बताया कि यातायात दुर्गम होने के कारण बहुत सी समस्याएंँ उत्पन्न होती है। इसलिए वे लोग इस समस्याओं का समाधान खोजने के लिए ओवाकाछामा के पास आए थे।

(ग) पहाड़ के बीच में से रास्ता निकालने के लिए ओवाकाछामा ने कौन-सा उपाय दिया?

उत्तर: पहाड़ के बीच में से रास्ता निकालने के लिए ओवाकाछामा ने गांँव के बीच खड़े पहाड़ की देख-रेख करके अंत में यह उपाय दिया कि उन्होंने एक जगह चुन ली है जहांँ खोदने पर कम दूरी से पहाड़ के बीच रास्ता बनाया जा सकता है। अतः उन्होंने उसी स्थान से पहाड़ को खोदने का आदेश दिया और खुद भी उनके साथ जुट गए।


(घ) पहाड़ लोगों के लिए क्यों समस्या बन पड़ा था?

उत्तर: पहाड़ लोगों के लिए समस्या बन पड़ा था क्योंकि जिस पहाड़ी को गांँव के लोगों ने रास्ते के लिए खोदा था, अब उस पहाड़ी के सुरंग में धीरे-धीरे लुटेरों का अड्डा बन चुका था। जो आए दिन गांँव को लूटते और गांँव में अशांति फैलाते

(ङ) किन गुणों के अधिकारी होने पर लोग अपनी मंजिल तक पहुंँच सकते हैं? 'ओवाकाछामा' पाठ के आधार पर स्पष्ट करो।

उत्तर: किसी भी मंजिल तक पहुंँचने के लिए मनुष्य के अंदर असीम धैर्य शक्ति और सहनशीलता का होना आवश्यक है। ऐसे लोग अपने लक्ष्य की ओर ध्यान देकर कार्य करते हैं,वह   अन्य लोगों की कही सुनी बातों पर आकर लक्ष्य से नहीं भटकते। इस प्रकार के गुण ओवाकाछामा के पास भी था। जिसने कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करके अपनी मंजिल हासिल की थी।


5. आशय स्पष्ट करो:

(क) 'लोग उन्हें पागल कहने लगे, व्यंग भरी दृष्टि से देखने लगे।'

उत्तर: समाज के लोग यदि किसी कार्य को असंभव मानते है और उसी कार्य को अगर कोई अकेला व्यक्ति जी जान लगाकर करना चाहे, तो समाज के लोग उसे पागल कहते हैं। ठीक उसी प्रकार ओवाकाछमा ने भी पहाड़ के बीज से रास्ता बनाने के लिए रोज सुरंग होते गए। जिसे देख लोग उसे पागल कहने लगे, तथा व्यंग्य भरी दृष्टि से देखने लगे।

(ख) राजा ने ओवाकाछामा की बड़ी सराहना की और हुए गदगद हो गए।

उत्तर: ओवाकाछामा ने असंभव कार्य को संभव कर दिखाया था। उसने उस पहाड़ी को खोद-खोद कर पच्चीस साल बद एक ऐसा सुरंग का निर्माण  किया, जिससे लोग एक घंटे में इस गांँव से उस गांँव तक आ जा सकते थे। उसने सभी को यह दिखा दिया कि अगर सच्ची लगन और निष्ठा हो तो असंभव कार्य भी संभव हो सकता है। ओवाकाछामा की इस कार्य को राजा ने बड़ी सराहना की और वे खुद भी गदगद हो गए, क्योंकि उनके राज्य के व्यक्ति ने ही यह असंभव कार्य संभव कर दिखाया था। इसीलिए राजा ने ओवाकाछामा को 'देशबंधु' सम्मान से भी सम्मानित किया था।

6. निम्नलिखित मुहावरों से वाक्य बनाओ:

उत्तर:

(i) टस से मस न होना: रमेश को काफी भटकाने की कोशिश की गई लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ।

(ii) गद गद होना: रमेश की सफलता को देख उसके पिताजी गद गद हो गए।

(iii) नौ-दो ग्यारह होना: चोर पुलिस के सामने से ही नौ-दो ग्यारह हो गया।


7. वचन परिवर्तन करो:

उत्तर:

 राजा - राजाओं

मामा - मामाएँ

चिड़िया - चिड़ियों

पुस्तक - पुस्तकें

 नदी - नदियाँ

बालिका - बालिकाएँ


Reeetesh Das

M.A in Hindi 

Check By - Mukesh Borah



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