Lesson 9

 (चलना हमारा काम है)


1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:


(i) 'चलना हमारा काम है' कविता के कवि कौन है?

उत्तर: 'चलना हमारा काम है' कविता के लेखक शिवमंगल सिंह 'सुमन' जी है।


(ii) कवि के अनुसार हमारे जीवन में एकमात्र काम क्या है?

उत्तर: कवि के अनुसार हमारे जीवन में चलते रहना ही एकमात्र काम है।


(iii) आठों याम किस बात का ध्यान रखता है?

उत्तर: चलते रहने में कोई बाधा एवं रुकावट न आ जाए इसी बात का ध्यान आठों याम रखता है।


(iv) कवि दर-दर क्यों भटकता रहा?

उत्तर: पूर्णता की खोज में कवि दर-दर भटकता रहा।


(v) इसकी सफलता अभिराम है?

उत्तर: जो अपने जीवन पथ पर बिना रुके हमेशा चलता रहा है उसकी सफलता अभिराम अर्थात सुंदर है।


(vi) कविता का मूल संदेश क्या है?

उत्तर: अपने राह से न भटकते हुए कर्तव्य मार्ग पर अग्रसर होते रहना ही इस कविता का मूल संदेश रहा है।


2. प्रस्तुत कविता का सारांश लिखो।

उत्तर: कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी द्वारा रचित कविता 'चलना हमारा काम है' कविता के माध्यम से हमें यह संदेश देना चाहते हैं कि हमें कभी भी अपने कर्तव्य के मार्ग से भटकना नहीं चाहिए। चाहे उसके लिए हमें कितनी भी समस्याओं का सामना करना पड़े फिर भी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

      कवि कहते हैं कि जब हमारे पैरों में इतनी गति है तो फिर क्यों बेकार खड़े रहकर वक्त की बर्बादी करे, जब की आगे बढ़ने के लिए हमारे सामने सैकड़ों रास्ते पड़े हैं। किसी एक मंजिल की राह चुनकर हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए। जब तक वह मंजिल नहीं मिलती तब तक हमें रुकना नहीं है। एवं निरंतर आगे चलते रहना ही हमारा काम है। यह जीवन आशा निराशा से घिरा है कभी रोना है तो कभी हंसना है। इस संसार रूपी सागर में भला किसको नहीं बहना पड़ा, सभी को सुख-दुख झेलना ही पड़ा है। इस बात के लिए हम विधाता को भी दोष नहीं दे सकते। पूर्णता की खोज में मनुष्य दर-दर भटकता रहता है। प्रत्येक पग पर मनुष्य को कुछ न कुछ बाधाओं का सामना करना ही पड़ता है। लेकिन मनुष्य को निराश न होकर उस बाधाओं का सामना करना चाहिए। कवि कहते हैं कि यही तो जीवन है। चाहे कितनी भी बाधाएं आए हमें सिर्फ मंजिल की राह पर चलते जाना है। कभी रुकना नहीं है। कवि कहते हैं कि कुछ लोग अपने लक्ष्य की ओर चलते ही जाते हैं और कुछ लोग बीच में ही मंजिल छोड़ देते हैं। जो लोग राह छोड़ यूं ही बैठे रहते हैं उन्हें सफलता कभी हासिल नहीं होती। और जो लोग अपनी राह पर चलते जाते हैं उन्हें सफलता अवश्य प्राप्त होती है। इसीलिए हमें जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो तब तक चलते जाना है।


3. गद्य भाषा में लिखो:

(i) चलना हमारा काम है

   गति प्रबल पैरों में भरी

   फिर क्यों रहूँ, दर पर खड़ा,

   जब आज मेरे सामने

   है रास्ता इतना पड़ ‌।

उत्तर: जीवन गतिशील है इसलिए मनुष्य को भी आगे बढ़ते रहना है। अगर हमारे पैरों में इतनी गति है तो यूंँ ही किसी जगह खड़े रहकर क्या फायदा। जबकि हमारे पास आज कई सारे रास्ते पड़े हैं। अपनी मंजिल स्थिर कर किसी एक रास्ते पर चलते जाना ही तो हमारा काम है।


(ii) मैं पूर्णता की खोज में

    दर-दर भटकता ही रहा,

   प्रत्येक पग पर कुछ-न-कुछ

   रोड़ा अटकता ही रहा

   होवे निराश क्यों मुझे? जीवन इसी       का नाम है।

उत्तर: जब मैं पूर्णता की खोज के लिए आगे कदम बढ़ाता हूंँ, तब प्रत्येक पग पर कुछ-न-कुछ बाधाएंँ आती ही रहती है। इस बात के लिए मुझे निराश नहीं होना है, क्योंकि जीवन इसी का तो नाम है।


4. सही विकल्प को चुनकर लिखो:

(i) 'चलना हमारा काम है' कविता के कवि का नाम है-

उत्तर: शिवमंगल सिंह 'सुमन'।


(ii) कवि के अनुसार जीवन में हमें सिर्फ-

उत्तर: चलते रहना है।


(iii) कवि के अनुसार हमारा नाम-

उत्तर: राही है


(iv) कवि के अनुसार जीवन-

उत्तर: आशा निराशा से भरा है।


5.कविता के आस-पास:

(क) तुम गरीबों के पास जाकर क्या उपदेश देना चाहोगे?

उत्तर: मैं गरीबों के पास जाकर ये उपदेश देना चाहूंँगा कि वे अपने जीवन से निराश न होकर अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना कर आगे बढ़ते जाएं। अपने लक्ष्य को निर्धारित कर उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बिना रुके आगे बढ़ते जाए।


(ख) जिसका जीवन प्राय: असफलताओं से भरा है, उसे तुम किस तरह फिर से आगे बढ़ने को कहोगे?

उत्तर: जिसका जीवन प्राय: असफलताओं से भरा है उसे में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन करूंगा। उसे कहूंँगा कि हम सबके जीवन में सुख और दुख की परिस्थितियांँ आती ही रहती है। सुख के बाद दुख तो दुख के बाद सुख निश्चित है। ठीक उसी प्रकार कभी सफलता तो कभी असफलता हाथ आती है। लेकिन फिर भी अगर बार बार असफलताओं का सामना करना पड़े, तब भी हमें प्रयास करते जाना है। एक न एक दिन प्रयासों के बल पर सफलता हासिल होना निश्चित है।


6. निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाओ:

उत्तर:

प्रबल: अगर मन में प्रबल इच्छा शक्ति है तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है।


विराम: जब तक मैं लक्ष्य को पा न लूँ, तब तक मैं विराम नहीं लूंगा।


शाश्वत: शाश्वत चलना ही सफलता का मूल है।


मंजिल: मैं अपनी मंजिल को पा कर ही दम लूंगा।


अभिराम: कश्मीर की प्राकृतिक छवि अभिराम है।


भेद-भाव: मनुष्य में भेद-भाव करना गलत है।


7. निम्नलिखित शब्दों के विलोम रूप लिखो:

उत्तर: 

आज - कल

मिलना - बिछड़ना

जीवन - मृत्यु

आशा - निराशा

पाना - खोना

सुख - दुख

सफलता - असफलता

पठित - अपठित

संयोग - वियोग

उत्तीर्ण - अनुत्तीर्ण

कटु - मधु


8. अनेक शब्द के लिए एक शब्द लिखो:

(i) जिसका कोई शत्रु न हो-

उत्तर: अजातशत्रु


(ii) अतिथि का सत्कार-

उत्तर: आतिथ्य


(iii) उपजाऊ भूमि-

उत्तर: उर्वर भूमि


(iv) अनूपजाओ भूमि-

उत्तर: मरुभूमि


(v) किए गए उपकार को मानने वाला-

उत्तर: कृतज्ञ


(vi) किए गए उपकार को ना मानने वाला-

उत्तर: कृतघ्न


(vii) सदा सदा के लिए रहना-

उत्तर: शाश्वत


(viii) जो बहुत बोलता हो-

उत्तर: वाचाल


(ix) जो कम बोलता हो-

उत्तर: मितभाषी


(x) मत देने का अधिकार-

उत्तर: मताधिकार






Type- Reetesh Das

MA in Hindi