Lesson 15


         (अपनी कमाई)


1. सही उत्तर चुन्नू और फिर से लिखो:

(i) अमीर बाप का बेटा -

उत्तर: अमीर बाप का बेटा आलसी था।

(ii) अमीर बाप कैसा था?

उत्तर: अमीर बाप अनुभवी था।

(iii) मांँ को कहांँ भेज दिया गया?

उत्तर: मांँ को मैके भेज दिया गया।

(iv) बहन को कहांँ भेज दिया गया?

उत्तर: बहन को ससुराल भेज दिया गया।

(v) बेटे ने सेठ की संदूक उठाकर कितना कमाया?

उत्तर: बेटे ने शेर की संदूक उठाकर दुअन्नी कमाया।


2. किसने, किससे कहा?

(i) 'जाकर कुछ कमा ला, नहीं तो रात को भोजन नहीं मिलेगा।'

उत्तर: अमीर बाप ने अपने बेटे से कहा   कि जा कर कुछ कमा ला, नहीं तो रात को भोजन नहीं मिलेगा।


(ii) 'इसे कुएंँ में फेंक आ।'

उत्तर: बाप ने अपने बेटे से कहा।


(iii) 'मेरी संदूक उठाकर घर ले चल।'

उत्तर: सेठ ने लड़के से कहा।


(iv) 'मेरी गर्दन टूट गई है और आप कहते हैं, इसे कुएंँ में फेंका आ।'

उत्तर: बेटे ने अपने बाप से कहा।


3. उत्तर लिखो:


(i) अमीर बाप का बेटा कैसा था?

उत्तर: अमीर बाप का बेटा आलसी और निकम्मा था।


(ii) पिताजी क्यों चिंतित थे?

उत्तर: पिताजी इसलिए चिंतित है क्योंकि उसका बेटा आलसी और निकम्मा था। वह बाप की कमाई का पैसा यूंँ ही उड़ाता फिरता था।


(iii) बाप ने बेटे को कौन सा आदेश दिया था?

उत्तर: बाप ने बेटे को आदेश दिया कि जाकर कुछ कमा आए, नहीं तो रात को उसे भोजन नहीं मिलेगा।


(iv) पहले दिन बाप का आदेश पाकर लड़के ने क्या किया?

उत्तर: पहले दिन बाप का आदेश पाकर लड़का सीधे अपनी मांँ के पास गया और रोने लगा।


(v) दूसरे दिन लड़का किस के पास जाकर रोने लगा?

उत्तर: दूसरे दिन लड़का अपने बहन के पास जाकर रोने लगा।


(vi) माता और बहन के घर में न होने पर उसकी मदद किसने की?

उत्तर: माता और बहन के घर में न होने पर उसकी मदद उसने अपने आप की। अर्थात पैसा कमाने के लिए वह खुद मजदूरी खोजने गया और एक सेठ का संदूक उठाकर उसने दुअन्नी की कमाई की।


(vii) अंत में लड़के ने बाप का आदेश क्यों नहीं माना?

उत्तर: अंत में लड़के ने बाप का आदेश इसलिए नहीं माना क्योंकि इस बार उसने खुद की कमाई से दुअन्नी कमाई थी। 


4. "अनुभवी बाप सब कुछ समझ गया।" इसका मतलब क्या है? अनुभवी बाप कैसे सब कुछ समझता है?

उत्तर: अनुभवी बाप सब कुछ समझ गया का मतलब है कि बाप जानता है कि खुद की कमाई का मोल क्या होता है। बेटे ने बाप के आदेश पर जिस आसानी से कुएंँ में अशरफी और एक रुपय को फेंक दिया था, उसको देख बाप समझ जाता है कि यह कमाई उसकी खुद की नहीं है। अगर वह उसकी खुद की कमाई होती, तो वह ऐसा कभी नहीं करता।


5. अंत में आदेश न मानने पर भी बाप ने बेटे को कारोबार क्यों सौंप दिया?

उत्तर: अंत में आदेश न मानने पर भी बाप ने बेटे को कारोबार इसलिए सौंप दिया क्योंकि उसे समझ में आ चुका था कि मेहनत की कमाई क्या होती है। जब उसने पसीना बहाकर गर्दन तथा पीठ के दर्द को सहकार दुअन्नी कमाया तब जाकर उसकी अक्ल  ठिकाने आई।


6. नीचे निर्देशित किस वाक्य से कहानी का आशय मिलता है, उसी लिखो:

(क) अशरफी, रुपया और दुअन्नी आदि कुएंँ में फेंकने नहीं चाहिए।

(ख) परिश्रम से प्राप्त धन के प्रति ही  ममता होती है।

(ग) हमें सिर्फ अपनी कमाई पर ही ध्यान देना चाहिए।

उत्तर: (ख) परिश्रम से प्राप्त धन के प्रति ही ममता होती है।


7. गलत विभक्ति को काटकर वाक्यों को फिर से लिखो:

(i) परिश्रम करने से/का उसे अभ्यास न था।

उत्तर: परिश्रम करने का उसे अभ्यास न था।


(ii) माता बेटे की आंँखों में/की आंँसू देखकर न रह पायी।

उत्तर: माता बेटी की आंँखों में आंँसू देखकर न रह पायी।


(iii) रात में/को बाप ने बेटे से पूछा।

उत्तर: रात को बाप ने बेटी से पूछा।


(iv) उसकी सारी देह पसीने से/पर तर और गर्दन तथा पीठ पर/में दर्द हो रहा था।

उत्तर: उसकी सारी देह पसीने से तर थी और गर्दन तथा पीठ में दर्द हो रहा था।


9. वाक्य बनाओ:

उत्तर:

बेपरवाह: श्याम अपने बेटे को लेकर बेपरवाह है।

अनुभवी: अनुभवी व्यक्ति आसानी से काम को कर सकता है।

विवश: विवश होकर लड़का काम खोजने लगा।

तत्परता: श्याम ने तत्परता के साथ पिता की आज्ञा का पालन किया।

परिश्रम: अपने मुकाम तक पहुंँचने के लिए उसने काफी परिश्रम किया।

बेचैन: बेटे को लेकर मांँ बेचैन हो उठी।

सहायता: हमें एक दूसरे की सहायता करनी चाहिए।


9. विपरीतार्थक शब्द लिखो:

उत्तर:

अमीर - गरीब

आलसी - परिश्रमी

प्रातः काल - रात्रि काल

शोक - हर्ष

एक - अनेक

रोना - हंसना


Author: Reetesh Das