Chapter:6

प्रेमचंद के फटे जूते


1. हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तितत्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?

उत्तर: हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे  प्रेमचंद के व्यक्तित्व की विशेषताँए हैं-
1. सादा जीवन-प्रेमचंद आडंबर तथा दिखावापूर्ण जीवन से दूर रहते थे। 

2. वे गाँधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे। 

3.प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे।



2. सही कथन के सामने (✓) का निशान लगाइए-

(क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।

(ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबु आ जाए।

(ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है।

(घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अँगूठे से इशारा करते है?

उत्तर:



3. नीचे दिए गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-

क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।

उत्तर:  जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। 
  इस पंक्ति में निहित व्यंग्य यही बात स्पष्ट करते है कि-  व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि

 से है, तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पत्ति से अधिक हैं



(ख) तुम परदे का महत्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं।

उत्तर: इस पंक्ति में निहित व्यंग्य का अर्थ हैं-   यहाँ परदे का सम्बन्ध इज़्जत से है। जहाँ कुछ लोग इज़्ज़त को अपना सर्वस्व मानते हैं तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए इज़्ज़त महत्वहीन है।



(ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?
उत्तर:  इस पंक्ति में निहित व्यंग्य का अर्थ है - प्रेमचंद ने सामाजिक बुराइयों को अपनाना तो दूर की बात, उनकी तरफ देखा भी नहीं। प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को हाथ से नहीं पैर से ही सम्बोधित करना उचित समझते है।



4. पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि 'फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी? लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नही', इस आदमी की अलग- अलग पोशाकें नही होंगी।' आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?

उत्तरप्रेमचंद के बारे में लेखक का विचार इसलिए बदल गया क्योंकि उसे लगा कि प्रेमचंद एक सीधे-साधे व्यक्ति थे वह फोटो खिंचवाने के लिए साधारण पोशाक में आए थे। वे अपनी वेशभूषा के बारे में अधिक ध्यान नहीं देते थे। वे एक साधारण व्यक्ति के समान उपलब्ध साधनों के अनुसार ही वेशभूषा धारण करते थे। उन्हें दिखावे में विश्वास नहीं था।



5. आपने यह व्संग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं?

उत्तर:  मैंने यह व्संग्य पढ़ा। मुझे इस व्यंग्य की सबसे आकर्षक बात लगती है -विस्तारण शैली तथा लेखक ने व्यंग्यात्मक शैली में महान साहित्यकार प्रेमचंद का चित्र प्रस्तुत किया है। प्रेमचंद के फटे जूते से इस पाठ की शुरुआत  होती हैं। और प्रेमचंद के पूरे व्यक्तित्व को उजागर कर देती है ।



6. पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग किन संदर्भो को इंगित करने के लिए किया गया होगा?

उत्तर:  टीला रस्ते की रुकावट का प्रतीक है। इस पाठ में 'टीला' शब्द सामाजिक कुरीतियों, अन्याय तथा भेदभाव को दर्शाता है क्योंकि यह मानव के सामजिक विकास में बाधाएँ उत्पन्न करता हैं।



Author-DIKHA BORA


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