Chapter 12

यशपाल (लखनवी अंदाज़)


1. लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं है?

उत्तरः लेखक जब नवाब साहब के साथ ट्रेन मे सफर कर रहे थे। तब नवाब साहब ने लेखक की और देखना तो दूर खिड़की से बाहर देख रहे थे। िससे सेलख को लगा कि नवाब साहब उनके बातचीतक नही करना चाहते।


2. नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंततः सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है?

उत्तरः नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंततः सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा कहा क्योंकि वह लेखक के अपर अमीरी का रोप

 झा रना था।  उनका ऐसा करना उनके खोखलेपन, और दंभ की और इंगित करता हैं।



3. बिन विचार, घटना और पान्नों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?

उत्तरः बिन विचार, घटना ,और पात्रों के कहानी नही लिखि जा सकती। यशपाल के इस विचार से हम सहमत हैं। क्योंकि- कहानी में विचार,  घटना, और पात्रों की अहम भूमिका होती हैं। उनके बिना कहानी पुरी ही नही हो सकती।


4. आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?

उत्तरः हम इस निबंध तो नाम देना चाहेंगे- आपकी व्यवहार ही, पहचान हैं।


रचना और अभिव्यक्ति 

5. (क) नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चिन्न प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।

उत्तरः नवाब साहब ने बड़े करीने से खीरों को तौलिये पर रखा। फिर उन्होंने अपनी जेब में से चाकू निकाला और खीरे के सिरे को काट दिया।


(ख) किन-किन चीज़ों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते है?

उत्तरः अगर  हम खीर खाने की रसास्वादन करने के लिए हम पहले काजू, किसमिस, बादाम, और पिस्ता डालकर उन्हें सजाके फिर खाऐंगे।


6. खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा-सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।

उत्तरः हम ने सुना है कि नवाब लोग अपने पैसे किसी के उपर भी उड़ाते हैं।


7. क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।

उत्तरः वैज्ञानिकों के सफलता के आगे उनकी सनक ही होती हैं।


भाषा-अध्ययन 

8. निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए-

(क) एक सफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे।

उत्तरः इस वाक्य का क्रियापद है बैठे थे, उसका क्रिया भेद हैं अकर्मक क्रिया। 


(ख) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।

उत्तरः इस वाक्य का क्रियापद है उत्साह ,उसका क्रिया भेद सकर्मक क्रिया


(ग) ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है।

उत्तरः इस वाक्य का क्रियापद है कल्पना, उसका क्रिया भेद सकर्मक क्रिया।


(घ) अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।

उत्तरः इस वाक्य का क्रियापद है खरीदना, उसका क्रिया पद है अकर्मक क्रिया।


(ङ) दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला।

उत्तरः इस वाक्य का क्रियापद है झाग निकाला, उसका क्रिया पद है अकर्मक क्रिया।



(च) नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा।

उत्तरः इस वाक्य का क्रियापद है देखना, उसका क्रिया पद है सकर्मक क्रिया।



(छ) नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।

उत्तरः इस वाक्य का क्रियापद है लेटना, उसका क्रिया पद है अकर्मक क्रिया।



(ज) जेब से चाकू निकाला।

उत्तरः इस वाक्य का क्रियापद है निकालना, उसका क्रिया पद है सकर्मक क्रिया।



DIKHA BORA


Question Type By- Mayur Rani Kashyap