Chapter 13 

सर्वेशवर दयाल सक्सेना (मानवीय करुणा की दिव्य चमक)


1. फ़ादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी?

उत्तरः फ़ादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी लगती थी क्योंकि फादर की आखों में ममता झलकती थी, और देवदार की घनी पत्तियों की छाया से पथिको कों आराम मिलता था।


2. फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर ऐसा कहा गया है?

उत्तरः फादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, हम ऐसा इसलिए कह सकते हैं कि वह ब्लेजियम से भारत में आकर भी भारत की रस में घुल-मिल गए थे। 


3. पाठ में आए उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे फ़ादर बुल्के का हिंदी प्रेम प्रकट होता है?

उत्तरः उन्होंने  पहला हिन्ही शब्दकोश तैयार किया था। वह हिंदी भाषा को राष्टभाषा बनाना चाहते थे।


4. इस पाठ के आधार पर फ़ादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तरः फ़ादर बुल्के एक अच्छे, ईमानदार, आदमी थे। वह हिंदी भाषा को राष्टभाषा बनाना चाहते थे।


5. लेखक ने फ़ादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है?

उत्तरः लेखक ने फ़ादर बुल्के को मानवीय करुणा की दिव्य चमक कहा क्योंकि वह बहुत दयाशील लोग थे। उनके मनमें बहुत दयाभाव था।


6. फ़ादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?

उत्तरः इस प्रश्न का उत्तर विद्यार्थी स्यम करें।


7. आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) नम आँखों को गिनना स्याही फैलाना है।

उत्तरः इस वाक्य का आशय यह है कि- जैसे स्याही को अगर गिरा दे तो वह फैल जाता है, वैसे ही अगर हम अगर रोए तो हमारे आसू वैसे ही जमीन पर फैल जाते हैं।

 

(ख) फ़ादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा है।

उत्तरः इस आशय का अर्थ यह है कि- जैसे एक उदास शांत संगीत सुनने में बहुत अच्छा लगता हैं वैसे 


रचना और अभिव्यक्ति

8. आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?

उत्तरः हमारे विचार से रबुल्के ने भारत आने का मन बनाया होगा क्योंकि- भारत ऋषि , और महान संतो का आकर्षक क्षेत्र हैं।

9. 'बहुत सुंदर है मेरी जन्मभूमि-रेम्सचैपल।' -इस पंक्ति में फ़ादर बुल्के की अपनी जन्मभूमि के प्रति कौन-सी भावनाएँ अभिव्यक्त होती हैं? आप अपनी जन्मभूमि के बारे में क्या सोचते हैं?

उत्तरः



उत्तरः


11. निम्नलिखित वाक्यों में समुच्यबोधक छाँटकर अलग लिखिए-

(क) तब भी जब वह इलाहाबाद में थे और तब भी जब वह दिल्ली आते थे।

उत्तरः 


(ख) माँ ने बचपन में ही घोषित कर दिया था कि सड़का हाथ से गया।

उत्तरः


(ग) वे रिश्ता बनाते थे तो तोड़ते नहीं थे।

उत्तरः


(घ) उनके मुख से सांत्वना के जादू भरे दो शब्द सुनना एक ऐसी रोशनी से भर देता था जो किसी गहरी तपस्या से जनमती है।

उत्तरः


(ङ) पिता और भाइयों के लिए बहुत लगाव मन में नहीं था लेकिन वो स्मृति में अकसर डूब जाते।

उत्तरः




Question Type By- Mayur Rani Kashyap  

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