Chapter 15

महावीरप्रसाद द्विवेदी (स्न्नी-शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन)


1. कुछ पुरातन पंथी लोग स्न्नियों की शिक्षा के विरोधी थे। द्विवेदी जी ने क्या-क्या तर्क देकर स्न्नी-शिक्षा का समर्थन किया?

उत्तरः कुछ पुरातन पंथी के लोग स्त्रियों की शिक्षा के विरोधी थे। द्विवेदी जी ने यह तर्क दिया था कि स्त्री को जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। 


2. 'स्न्नियों को पढ़ने से अनर्थ होते हैं' -कुतर्कवादियों की इस दलील का खंडन द्विवेदी जी ने कैसे किया है, अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तरः


3. द्विवेदी जी ने स्न्नी-शिक्षा विरोधी कुतर्कों का खंडन करने के लिए व्यंग्य का सहारा लिया है-जैसे 'यह सब पापी पढ़ने का अपराध है। न वे पढ़तीं, न वे पूजनीय पुरुषों का मुकाबला करतीं।' आप ऐसे अन्य अंशों को निबंध में से छाँटकर समझिए और लिखिए।

उत्तरः


4. पुराने समय में स्न्नियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या उनके अपढ़ होने का सबूत है-पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः


5. परंपरा के उन्हीं पक्षों को स्वीकार किया जाना चाहिए जो स्न्नी-पुरुष समानता को बढ़ते हों-तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तरः


6. तब की शिक्षा प्रणाली और अब की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर है? स्पष्ट करें।

उत्तरः


रचना और अभिव्यक्ति 

7. महावीरप्रसाद द्विवेदी का निबंध उनकी दूरगामी और खुली सोच का परिचायक है, कैसे?

उत्तरः


8. द्विवेदी जी की भाषा-शैली पर एक अनुच्छेद लिखिए।

उत्तरः


भाषा-अध्ययन

9. निम्नलिखित अनेकार्थो शब्दों को ऐसे वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए जिनमें उनके एकाधिक अर्थ स्पष्ट हों- चाल, दल, पन्न, हरा, पर, फल, कुल 

उत्तरः




Question Type By- Mayur Rani Kashyap