आधुनिक विश्ब में चरवाहे

Chapter 5

प्रशन 

1. स्पष्ट कीजिए कि घुमंतू समुदायों को बार-बार एक जगह क्यों जाना जाता है ? इस निरंतर आवागमन से पर्यावरण को क्या लाभ हैम ?

उत्तरः  सुखों से चारवाहि समुहों का जीवन प्रायः प्रभावित होता हैं जब वर्षा नहीं होती हैं, चारागाह सुख जाते हैं तो पशुओं के लिये भुखे मरने की स्थिति आ जाति है । यहि कारण है की घुमंतुम जातियों को, जो चारवाहि से अपनी जीविका प्राप्त करते हैं, एक जगह से दूसरी जगह तक घूमते रहने की आवश्यकता पड़ती है । इस घुमंतू जीवन के कारण उन्हें जीवित रहने तथा संकट से बचने का अवसर प्राप्त होता है। 

उनकी सतत गतिशीलता के पर्यावरणीय लाभ निम्नलिखित हैं-

1) उनकी गतिशीलता के कारण प्राकृतिक वनस्पति को फिर से वृद्धि करने का अवसर प्राप्त होता है । मुलतः वनस्पति सरंक्षण के कारण पर्यावरण संतुलित रहता है ।

2) उनके मवेशियों को हरा-भरा नया चारा प्राप्त होता है । तथा वे खेतों में घूम-घूम कर गोबर देते रहते है जिससे कृषि भूमि की उर्वरता बनी रहति है ।

2. इस बारे में चर्चा कीजिए कि औपनिवेशिक सरकार ने निम्नलिखित कानून क्यों बनाए ? यह भी बताइए कि इन कानूनों से चारवाहों के जीवन पर क्या असर पड़ाः 

  • परती भूमि नियमावलि 
  • वन अधिनियम 
  • अपराधी जनजाति अधिनियम 
  • चराई कर
उत्तरः  परती भूमि नियमावलिः इस नियम के तहत सरकार गैर-खेतिहर ज़मीन को अपने कब्जे में लेकर कुछ खास लोगों को सैंपने लगी । इन लोगों को कई तरह की रीयायतें दी गईं और इस जमीन को खेती लायक बनाने और खेती करने को बढ़ावा दिया गया । ज्यादारत जमीन चरगाहों की थी जिनका सरवाहे नियमित रुप से इस्तेमाल करते थे । खेती के फेलाव से चरागाह सिमटने लगे और चरवाहों के लिये समस्या हौ गई ।
          वन अधिनियमः इस अधिनियम के द्वारा सरकार ने  एसे जंगलों को 'आरक्षितवन घोषित कर दिया जहाँ देवदार या साल जैसी कीमती लकीड़  पैदा होति थी । इन जंगलों में सरवाहों के घुसने पर पाबंदी लगा दी गई । इन जगंलो में सरवाहों के घुसने पर पाबंदी लगा दी गई । कई जंगलो को 'संरक्षित' घोषित कर दिया गया । ईन जंलो को चरवाहो की चरवाहि के कुछ परंपरागत अधिकार तो दिए लेकिन उनकि आवाजाही पर बंदिशें पर लगी रहीं ।
         अपराधी जनजाति अधिनियमः इस कानुन के तहत दस्तकारों, व्यापारियो ओर सरवाहों बहुत सारे समुदायों को अपराधि की सुची में रखा दिया गया । उन पर बिना परमिट आवाजाही पर रोक लगा दी गई । ग्राम्य पुलिस उपर सदा नजर रखने लगि । 
         चराई करः उन्नसवी सदी के मध्य से ही देश के ज्यादात सरवाही इलाकों में सरवाही टैक्स लागू कर दिया गया था । हरेक सरवाहे को एक पास दिया गया । चरागाह मे दाखिल होने के लिये सरावाहों को पास दिखाकर पहले टैक्स अदा करना होता था ।

3. मासाई समुदाय के चारागाह उससे क्यों छिन गए ? कारण बताएँ ।
उत्तरः जब युरोप की उपनिवेशी शक्तियो के बीच झगड़े शुरु हुए ते उन्होंने उन्नसवीं सदी के आखिर में आफ्रिकी महाद्वीप का आपस में बँटवारा कर लिया । इसके परिणाम स्वरूप 1185 में मसाई का इलाका दो भागों मे बँत गेया । अब उपनीवेशी काल के पहले की तुलना में मसाई लोगों का 60% से अधिक हिस्सा उनके हाथ से चला गया । चरागाह के बड़े हिस्से को शिकारगाह बनादिया गया, जैसे केन्या का मसाई मारा और साम्बुरू नेशनल पार्क और तंजानिया का सेरेंगेति पार्क । अब इन ईलाकों में मसाई अपने पशुओ को लेकर नेहि जा सकते थे । 

4. आधुनिक विश्वव ने घारत और पूर्वी अफ्रीकी चरवाहा समुदायों के जीवन में जिन परिवर्तनों जन्म दिया उनमें कई समानताएँ थीं । एसे दो परीवर्तनों के बारे में लिखिए जो भारतीय चरवाहों और मासाई गड़रियों, दोनों के बीच सामन रूप से मौजूद थे । 

उत्तरः 1) भारतीय चरवाहा समुदायो तथा मासाई पशुपालकों दोनों को अपने-अपने चरागाहों से बेदखल कर दिया गया जिसका मतलव था दोनो के लिये चारे कि कमी तथा जीवन-यापन की समस्या का उत्पन्न होना। 

2) भारतीय चरवाहा समुदाय तथा मासाई पशुपालकों दोनों को हि समस्याओं का समान रुप से सामना करना पड़ा जब वनों को 'आरक्षीत' घोषित कर दीया गया तथा उन्हें इनमें प्रवेश करने से मना कर दिया गया । 

 Question Answer By- Mandira Saha   
                                                   



NCERT Hindi Medium Class 9 भारत और समकालीन विश्व-1 Book Chapter 5 आधुनिक विश्ब में चरवाहे Question Answer



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