Chapter 15 

आश्रम का अनुमानित व्यय 

लेखा-जोखा

1. हमारे यहाँ बहुत से काम लोग खुद नहीं करके किसी पेशेवर कारीगर से करवाते हैं। लेकिन गांधी जी पेशेवर कारीगरों के उपयोग में आनेवाले औज़ार- छेनी, हथौड़े, बसूले इत्यादि क्यों खरीदना चाहते होंगे?

उत्तरः गांधीजी के मन में आश्रम के प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने का विचार रहा होगा क्योंकि बताए गए औजारों का उपयोग बढ़ई के काम यानी लकड़ी का सामान बनाने में किया जाता है। गांधीजी अहमदाबाद में एक आश्रम खोलने का प्रयास कर रहे थे। वह चाहते थे कि आश्रम के लोग आश्रम का सारा काम स्वयं करें। इसके लिए वह उपकरणों की एक सूची तैयार कर रहे थे. ताकि आश्रम में रहकर ही अपनी जरूरतों का सामान बनाया जा सके, आश्रम और वहां के लोगों को अपनी जरूरतों के लिए किसी कारीगर पर निर्भर न रहना पड़े।

2. गांधी जी ने अखिल भारतीय कांग्रेस सहित कई संस्थाओं व आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनकी जीवनी या उनपर लिखी गई किताबों से उन अंशों को चुनिए जिनसे हिसाब-किताब के प्रति गांधी जी की चुस्ती का पता चलता है।

उत्तरः

3. मान लीजिए, आपको कोई बाल आश्रम खोलना है। इस बजट से प्रेरणा लेते हुए उसका अनुमानित बजट बनाइए। इस बजट में दिए गए किन-किन मदों पर आप कितना खर्च करना चाहेंगे। किन नयी मदों को जोड़ना हटाना चाहेंगे?

उत्तरः

4. आपको कई बार लगता होगा कि आप कई छोटे-मोटे काम (जैसे-घर की पुताई, दूध दुहना, खाट बुनना) करना चाहें तो कर सकते हैं। ऐसे कामों की सूची बनाइए, जिन्हें आप चाहकर भी नहीं सीख पाते। इसके क्या कारण रहे होंगे? उन कामों की सूची भी बनाइए, जिन्हें आप सीखकर ही छोड़ेंगे।

उत्तरः पेंटिंग करना, घर बनाना, दूध निकालना आदि कठिन हैं। इसलिए उन्हें सीखना कठिन है।

वह मोटरसाइकिल चलाना, कंप्यूटर पर काम करना और कार चलाना पसंद करेगा।

5. इस अनुमानित बजट को गहराई से पढ़ने के बाद आश्रम के उद्देश्यों और कार्यप्रणाली के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए जा सकते हैं?

उत्तरः (i)गांधीजी आश्रम के प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे।

(ii) वह आश्रम के प्रत्येक व्यक्ति को श्रम के लिए प्रेरित करना चाहते थे।

(iii) वे इस आश्रम को भी आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे।

भाषा की बात

1. अनुमानित शब्द अनुमान में इत प्रत्यय जोड़कर बना है। इत प्रत्यय जोड़ने पर अनुमान का न नित में परिवर्तित हो जाता है। नीचे इत प्रत्यय वाले कुछ और शब्द लिखे हैं। उनमें मूल शब्द पहचानिए और देखिए कि क्या परिवर्तन हो रहा है-


उत्तरः शब्द                प्रत्यय
         
       प्रमाणित            प्रमाण + इत

       व्यथित               व्यथि + इत

       द्रवित                 द्रव + इत

       मुखरित             मुखर + इत

       झंकृत                झंकृत + इत

       शिक्षित              शिक्षि +इत
       
      मोहित                मोह + इत

     चर्चित                चर्चा + इत                
इत प्रत्यय की भाँति इक प्रत्यय से भी शब्द बनते हैं और तब शब्द के पहले अक्षर में भी परिवर्तन हो जाता है, जैसे-सप्ताह इक = साप्ताहिक। नीचे इक प्रत्यय से बनाए गए शब्द दिए गए हैं। इनमें मूल शब्द पहचानिए और देखिए कि क्या परिवर्तन हो रहा है-
उत्तरः  शब्द             प्रत्यय
          
         मौखिक           मुख + इक 
         
         संवैधानिक       संविधान + इक
         
        प्राथमिक           प्रथम + इक 

        नैतिक               नीति + इक

       पौराणिक            पुराण + इक

       दैनिक                 दिन + इक  

            
2. बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ी शब्द दो शब्दों को जोड़ने से बने हैं। इसमें दूसरा शब्द प्रधान है, यानी शब्द का प्रमुख अर्थ दूसरे शब्द पर टिका है। ऐसे समास को तत्पुरुष समास कहते हैं। ऐसे छह शब्द और सोचकर लिखिए और समझिए कि उनमें दूसरा शब्द प्रमुख क्यों है?

उत्तरः 

Question and answer type by-Mandira Saha