Chapter 4
मिठाईवाला
कहानी मे
1. मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तरः मिठाई बेचने वाला अलग-अलग चीजें बेचता था ताकि बच्चे एक चीज से बोर न हों। बच्चों की उत्सुकता बनाए रखने के लिए वह महीनों बाद आते थे। साथ ही, प्यारा आदमी नहीं चाहता था कि बच्चे चीज़ें न मिलने के कारण रोएँ।
2. मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तरः (i) मीठी शराब - मीठी घटिया से गाकर अपनी दुकान बेच दी।
(ii) वह बच्चों को खिलौनों और मिठाइयों में कम मुनाफा देती थी।
(iii) उनके हृदय में बच्चों के प्रति स्नेह था, वे कभी क्रोधित नहीं होती थीं।
(iv) हर बार एक नई लॉटरी निकाली जाती थी।
3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तरः एक ग्राहक के तौर पर विजय बाबू अपना तर्क पेश करते हुए कहते हैं कि आप लोगों को झूठ बोलने की आदत है। आप ग्राहक को अधिक कीमत बताकर सभी को एक ही कीमत पर सामान बेचते हैं, इसके विपरीत आप ग्राहक पर एहसान का बोझ डालते हैं।
एक विक्रेता के रूप में, पाइपर का तर्क है कि आप चीजों की वास्तविक कीमत नहीं जानते हैं, इसलिए भले ही दुकानदार घाटे में चीजें बेचते हैं, ग्राहक को हमेशा लगता है कि हम उन्हें लूट रहे हैं। ग्राहक को दुकानदार पर भरोसा नहीं रहता। पाइपर कहता है कि असली कीमत तो दो पैसे है, मैंने तो पूरे एक हजार बनाये थे।
4. खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तरः जब खिलौने वाला आया तो बच्चे खिलौने देखकर बहुत खुश हुए। बच्चों के झुंड ने खिलौने वाले को घेर लिया। वे पैसों के बदले खिलौनों का सौदा करते थे। खिलौने पाकर बच्चे खुशी से उछलने लगे।
5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तरः पाइपर भी खिलौनेवाले की तरह गाकर खिलौने बेच रहा था। रोहिणी को खिलौने वाले की आवाज जानी-पहचानी लगी, इसलिए उसे खिलौने वाले की याद आ गई।
6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तरः रोहिणी की बातें सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया। इस तरह के जीवन में उसे अपने बच्चों की झलक मिलती है। उन्हें लगता है कि उनके बच्चे उनमें कहीं हंस रहे हैं, खेल रहे हैं। यदि उसने ऐसा नहीं किया होता, तो वह उनकी याद में मर गया होता, क्योंकि उसके बच्चे अब जीवित नहीं थे। इसलिए उन्होंने ये बिजनेस अपनाया।
7. 'अब इस बार ये पैसे न लूँगा'- कहानी के अंत में मिठाईवाले के अंत क्यों कहा? ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तरः कहानी के अंत में रोहिणी ने मिठाई लेने से इंकार कर दिया क्योंकि चुन्नू और मुन्नू को देखकर उसे अपने बच्चों की याद आ गयी। उसे ऐसा लग रहा था मानो वह अपने बच्चों को मिठाइयाँ दे रहा हो।
8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यह सही है? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तरः आज भी कुछ महिलाएँ ग्रामीण महिलाओं की तरह चिक के पीछे से बातें करती हैं और मुस्लिम परिवारों की कुछ महिलाएँ भी ऐसा करती हैं क्योंकि उनमें पर्दा प्रथा आज भी प्रचलित है। आज के समाज में पर्दा प्रथा ठीक नहीं है। इसका प्रचलन धीरे-धीरे कम हो रहा है। क्योंकि यह महिलाओं की झिझक को दर्शाता है, जो उनकी प्रगति में बाधक है।
-कहानी से आगे
1. मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए?
उत्तरः मिठाई विक्रेता एक प्रतिष्ठित और खुश व्यापारी था। एक दिन उनकी पत्नी और उनके दो बच्चों की आकस्मिक मृत्यु हो गई। पत्नी और बच्चों के अभाव में व्यापारी को अपना अस्तित्व और अपनी संपत्ति व्यर्थ लगने लगी। अत: इसी कारण से मिठाई विक्रेता ने अपना दुःख भूलकर दूसरे बच्चों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी ढूंढने की कोशिश की। इसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली।
2. हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन सी चीजें आपको सबसे ज़्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
उत्तरः हाट-मेलों एवं शादियों में निम्नलिखित बातें हमारा ध्यान आकर्षित करती हैं। जैसे मिठाइयाँ, खिलौने, झूले, चाट, पकौड़े आदि। मिठाइयाँ हलवाई द्वारा बनाई जाती हैं, खिलौने कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं और झूले एक से अधिक मजदूरों द्वारा लगाए जाते हैं। उनके चेहरे पर मेहनत और व्यस्तता साफ झलक रही है।
3. इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुख कम * करता है? इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढ़िए और पढ़िए।
उत्तरः
अनुमान और कल्पना
1. आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तरः हमारी गली में सीज़न के हिसाब से बहुत सारी रेहड़ियां लगती हैं। जैसे मूंगफली, चाटवाला, फलवाला, सब्जीवाला, खिलौनेवाला, आइसक्रीमवाला, कपड़ेवाला आदि। ये सभी बहुत मधुर आवाज में अपनी चीजें बेचते थे। ये लोग पूंजी के अभाव में घूम-घूमकर कम पैसों में चीजें बेचते हैं। अगर उनके पास पूंजी होती तो वे भी बड़े दुकानदार होते। चाट, आलू, टिक्की, हॉकर से बातचीत
लड़का: ओ चाट वाले भैया, आपने दस रुपये में कितनी टिक्कियाँ दी हैं?
चाटवाला- पाँच रुपये की एक टिक्की और दस रुपये की दो टिक्की।
लड़का: क्या तुम्हें दस रुपये में तीन मिलते हैं?
चाटवाला- मेरी आलू टिक्की खास है. दस रुपये में एक ही देता हूं।
बच्चा: ठीक है, मुझे बीस रुपये में आलू की टिक्की दे दो।
2. आपके माता-पिता के ज़माने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
उत्तरः समय के साथ फेरी का लहजा भी बदल गया है। उदाहरण के लिए, पहले फेरीवाले अपने उत्पाद के गुणों को गायन या कविता के माध्यम से मधुर आवाज में लोगों तक पहुंचाते थे, लेकिन आज के फेरीवालों की आवाज में वह मिठास नहीं सुनाई देती। साथ ही लाउडस्पीकर जैसे उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
3. क्या आपको लगता है कि लिखिए। वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए।
उत्तरः
भाषा की बात
1. मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया
• ऊपर 'वाला' का प्रयोग है। अब बताइए कि-
(क) 'वाला' से पहले आनेवाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?
उत्तरः(क) 'वाला' से पहले आने वाले शब्द जैसे मीठा, बोलना, संज्ञा हैं।
(ख) यह शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में है।
. " अच्छा मुझे ज्यादा वक्त नहीं, जलती से दो ठो निकाल दो"
• उपर्युक्त वाक्य में 'ठो' के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे, भोजपुरी में एक ठो लइका, चार ठे आलू, तीन ठे बटुली।
• ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं / बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।
उत्तरः
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