Chapter 9 

एक तिनका 

कविता से

1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए।

जैसे-एक तिनका आँख में मेरी पड़ा- मेरी आँख में एक तिनका पड़ा। मूँठ देने लोग कपड़े की लगे लोग कपड़े की मूँठ देने लगे।

(क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा-

(ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी-

(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी-

(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया-

उत्तरः  

2. 'एक तिनका' कविता में किस घटना की चर्चा की गई है, जिससे घमंड  नहीं करने का संदेश मिलता है?

उत्तरः 'एक तिनका' कविता में 'हरिऔध' जी ने उस समय की घटना का वर्णन किया है, जब कवि स्वयं को श्रेष्ठ मानने लगा था। एक छोटे से तिनके से उसका घमंड चूर-चूर हो गया। उस छोटे से तिनके के कारण कवि की नाक दब गयी। उस तिनके को हटाने की बहुत कोशिश की गई और जब किसी तरह वह तिनका हट गया तो कवि को समझ आ गया कि एक छोटा सा तिनका भी उसका घमंड तोड़ने के लिए काफी है। अतः इस कविता में कवि और तिनके के उदाहरण से हमें अहंकार न करने की शिक्षा दी गयी है।

3. आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई?

उत्तरःआंख में तिनका लगते ही अहंकारी की आंखें दर्द से लाल हो गईं। उन्होंने बहुत प्रयास किये, सबकी मदद ली। किसी ने कपड़े की मदद से इसे हटाने की कोशिश की लेकिन सब बेकार साबित हुआ। वह दर्द से छटपटा रहा था लेकिन कुछ नहीं कर सका। उसका अहंकार दूर हो गया।

4. घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने क्या किया?

उत्तरः अहंकारियों की आंख से तिनका निकालने के लिए लोगों ने कपड़े का टीला बनाकर तिनका निकालने का प्रयास किया जो असफल रहा।

5. 'एक तिनका' कविता में घमंडी को उसकी 'समझ' ने चेतावनी दी-

ऐंठता तू किसलिए इतना रहा, 

एक तिनका है बहुत तेरे लिए।

 इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है-

 तिनका कबहूँ न निदिए, पाँव तले जो होय।

 कबहूँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय ।।

• इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर ? लिखिए।

उत्तरः इन दोनों कविताओं में समानता ये है कि दोनों ने तिनके के उदाहरण के जरिए ये समझाने की कोशिश की है कि एक छोटा सा तिनका भी इंसान को मुसीबत में डाल सकता है.

इन दोनों कविताओं में अंतर यह है कि जहां कवि हरिऔधजी ने हमें अहंकार न करने की सीख दी है, वहीं कबीरजी ने हमें किसी का तिरस्कार न करने की शिक्षा दी है।

अनुमान और कल्पना

1. इस कविता को कवि ने 'मैं' से आरंभ किया है- 'मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ'। कवि का यह 'मैं' कविता पढ़नेवाले व्यक्ति से भी जुड़ सकता है और तब अनुभव यह होगा कि कविता पढ़नेवाला व्यक्ति अपनी बात बता रहा है। यदि कविता में 'मैं' की जगह 'वह' या कोई नाम लिख दिया जाए, तब कविता के वाक्यों में बदलाव आ जाएगा। कविता में 'मैं' के स्थान पर 'वह' या कोई नाम लिखकर वाक्यों के बदलाव को देखिए और कक्षा में पढ़कर सुनाइए।

उत्तरः

2. नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए- ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी, तब 'समझ' ने यों मुझे ताने दिए।

• इन पंक्तियों में 'ऐंठ' और 'समझ' शब्दों का प्रयोग सजीव प्राणी की भाँति हुआ है। कल्पना कीजिए, यदि 'ऐंठ' और 'समझ' किसी नाटक में दो पात्र होते तो उनका अभिनय कैसा होता?

उत्तरः

3. नीचे दी गई कबीर की पंक्तियों में तिनका शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है। इनके अलग-अलग अर्थों की जानकारी प्राप्त करें।

उठा बबूला प्रेम का, तिनका उड़ा अकास।

तिनका-तिनका हो गया, तिनका तिनके पास ।।

उत्तरः

भाषा की बात 

■ 'किसी ढब से निकलना' का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ‘ढब से' जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे-धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धम से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। 'धम से', 'छप से' इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं। उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए-

छप से             टप से             थर्र से                फुर्र से             सन् से

(क) मेंढक पानी में............कूद गया।

(ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूँद............चू गई।

(ग) शोर होते ही चिड़िया.............उड़ी।

(घ) ठंडी हवा............गुज़री, मैं ठंड में.............काँप गया।


Question answer type by-Mandira Saha